पहलगाम हमले में शामिल थे 7 आतंकी, 4-5 पाकिस्तानी थे : जांच में खुलासा
चश्मदीदों के बयानों और खुफिया रिपोर्टों में हमलावरों में कम से कम दो स्थानीय आतंकी होने का संदेह है। हालांकि, उनकी पहचान अभी तक पक्के तौर पर नहीं हो सकी है।;
सूत्रों से प्राप्त जानकारी और चश्मदीदों की गवाही व खुफिया रिपोर्टों के आधार पर यह संकेत मिले हैं कि मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरान घाटी में हुए आतंकी हमले में कुल सात आतंकी शामिल थे।
इनमें से चार से पांच आतंकियों के पाकिस्तान से होने की आशंका जताई जा रही है, जबकि दो स्थानीय आतंकी भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इन स्थानीय आतंकियों की पहचान अब तक स्पष्ट नहीं हो सकी है।
एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जिन विदेशी आतंकियों ने उर्दू बोली, वह खासतौर पर पाकिस्तान के कुछ इलाकों में बोली जाती है। एजेंसियों के पास यह भी संकेत हैं कि उनके साथ दो स्थानीय आतंकी भी थे, लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि वे कश्मीर के किस इलाके से ताल्लुक रखते हैं।
प्रशासन ने तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं और उनकी जानकारी देने पर ₹20 लाख का इनाम घोषित किया गया है। सभी हमलावरों के पीर पंजाल की ऊँचाई वाली पहाड़ियों की ओर भागने की संभावना है, जिन्हें पकड़ने के लिए सेना, अर्धसैनिक बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर व्यापक तलाशी अभियान चला रहे हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमलावरों के पास संभवतः बॉडी कैमरे लगे हुए थे — “यह इन दिनों आम बात हो गई है। पिछले तीन वर्षों में जम्मू क्षेत्र में हुए अधिकांश आतंकी हमलों की रिकॉर्डिंग बॉडी या गन-माउंटेड कैमरों से की गई है, जिनका उपयोग बाद में आतंकवादी संगठनों द्वारा प्रोपेगैंडा के लिए किया जाता है। लश्कर-ए-तैयबा ने पहले ही इस हमले की फुटेज का इस्तेमाल कर प्रचार सामग्री जारी कर दी है।”
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैसरान घाटी का दौरा कर हमले की परिस्थिति का जायज़ा लिया। वह श्रीनगर में पुलिस, खुफिया एजेंसियों और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने हमले में घायल हुए पीड़ितों से भी मुलाकात की।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आतंकी घाटी में कैसे दाखिल हुए और वे वहां कितने समय से मौजूद थे। एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, “इस संबंध में कुछ संकेत मिले हैं जो सीमा की वर्तमान कमजोरियों और कुछ खुफिया इनपुट्स पर आधारित हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता। एजेंसियां इन तथ्यों की पुष्टि में जुटी हैं और सीमा पर किसी प्रकार की घुसपैठ के सुरागों की जांच की जा रही है।”