ऑपरेशन सिंदूर पर बहस, कांग्रेस लिस्ट में नाम ना होने पर थरूर बोले- मौन व्रत

संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान शशि थरूर का नाम कांग्रेस लिस्ट में नहीं है। इस विषय पर थरूर ने कहा मौन व्रत।;

Update: 2025-07-28 07:20 GMT

संसद में सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले और जवाबी ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस के चर्चित सांसद शशि थरूर को बोलने का मौका नहीं मिला। मीडिया द्वारा जब इस पर सवाल पूछा गया, तो थरूर ने मुस्कराते हुए कहा मौन व्रत, मौन व्रत  और फिर बिना कोई विवाद खड़ा किए सदन की ओर बढ़ गए।

कांग्रेस की सूची में नहीं था थरूर का नाम

पहलगाम हमले और भारत सरकार की जवाबी कार्रवाई पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने छह नेताओं की सूची जारी की, जिसमें गौरव गोगोई, प्रियंका गांधी वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा, प्रणीति एस शिंदे, सप्तगिरि उलाका और बिजेंद्र एस ओला को शामिल किया गया। शशि थरूर, जो अक्सर विदेश मामलों पर कांग्रेस की प्रमुख आवाज माने जाते हैं, इस सूची से नदारद रहे।

अमेरिका दौरे के बाद से रिश्तों में तनाव?

सूत्रों के अनुसार, हाल ही में सरकार की ओर से ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को वैश्विक मंचों पर उजागर करने के लिए जो प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजा गया था, उसमें थरूर को शामिल किया गया। माना जा रहा था कि कांग्रेस इस दौरे से नाखुश है क्योंकि उन्होंने पार्टी की तरफ से ऐसा कोई नामांकन नहीं किया था। यही वजह है कि थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच तनाव की खबरें भी सामने आई थीं।

'थरूर ने नहीं भेजा अनुरोध': कांग्रेस सूत्र

कांग्रेस संसदीय दल (CPP) कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, जिन सांसदों को किसी विशेष मुद्दे पर सदन में बोलना होता है, उन्हें पहले CPP ऑफिस को लिखित अनुरोध भेजना होता है। थरूर की ओर से ऐसा कोई अनुरोध नहीं भेजा गया था। इसलिए उन्हें वक्ताओं की सूची में शामिल नहीं किया गया।

क्या है ‘मौन व्रत’ का संदेश?

शशि थरूर का 'मौन व्रत' वाला जवाब सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चित हो गया है। कुछ इसे व्यंग्यात्मक टिप्पणी मान रहे हैं, तो कुछ इसे पार्टी नेतृत्व के प्रति उनकी असहमति का शांतिपूर्ण संकेत बता रहे हैं।

सवाल यह है कि क्या थरूर पार्टी के भीतर अपनी स्थिति को लेकर असहज हैं या यह सिर्फ एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा था? फिलहाल, उन्होंने कोई और टिप्पणी करने से इनकार किया है।

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