हां पता था शिकायत करते ही कहे जाएंगे बीजेपी एजेंट, स्वाति मालीवाल का छलका दर्द
आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल का कहना है कि हर एक दिन उनका चरित्र हनन किया जा रहा है. यहीं नहीं उन्हें बताया गया था कि शिकायत करने पर बीजेपी एजेंट कही जाएंगी.
आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल सुर्खियों में हैं. 13 मई को उनके साथ सीएम केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर मारपीट हुई. आरोप केजरीवाल के पीए बिभव कुमार पर है और वो इस समय जेल में है. स्वाति मालीवाल वैसे तो अभी आम आदमी पार्टी का ही हिस्सा हैं. लेकिन उन्हें आप के नेता बीजेपी का एजेंट बता रहे हैं. इस मामले में स्वाति मालीवाल कहती हैं कि हां उन्हें बताया गया था कि अगर केजरीवाल के सहयोगी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराती हो तो बीजेपी के एजेंट का तमगा मिलेगा. वैसी सूरत में पार्टी का कोई भी शख्स साथ नहीं खड़ा होगा. मालीवाल कहती है कि आप ने पहले तो उनके आरोपों का समर्थन किया. लेकिन 25 मई को चुनाव से पहले पार्टी मुकर गई और कहने लगी ये सब तो केजरीवाल को फंसाने की कोशिश है.
मेरे ऊपर शिकायत ना करने का था दबाव
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक वो कहती हैं कि संजय सिंह उनके घर आए और मिले. उन्होंने भरोसा दिलाया कि केजरीवाल खुद इस मामले को देखेंगे और अपने सहयोगी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. यही नहीं मुलाकात के दूसरे दिन उन्होंने प्रेंस कांफ्रेस की और कहा कि इस देश में महिलाओं के मुद्दे पर स्वाति मुखर है और उसके साथ बदसलूकी हुई थी. लेकिन हुआ क्या बिभव, केजरीवाल के साथ प्रेस कांफ्रेंस अटेंड करने के लिए लखनऊ गया.उनसे यह कहा गया कि अगर वो शिकायत दर्ज कराती हैं तो पूरी पार्टी बहिष्कार कर देगी.
पता था वो लोग कहेंगे बीजेपी एजेंट
स्वाति मालीवाल कहती हैं जिस दिन उन्होंने शिकायत दर्ज करायी उस दिन मेरे दिमाग में लाखों लड़कियों की शक्ल घूम गई जो उनसे शिकायत की गुहार लगाने आईं थीं. उन्होंने हमेशा साहस दिया, बताया कि चाहे जो कुछ हो जाए आपको लड़ना चाहिए भले ही पूरी दुनिया आपका साथ छोड़ दे. अगर आप को अकेले लड़ना पड़े तो भी लड़ो. इस वजह से वो सामने आईं. उन्हें लगा कि एक तरफ तो वो दूसरी लड़कियों से लड़ने की बात करती हैं दूसरी तरफ अपने ही मामले में खामोश हैं. इस तरह के विचार के साथ वो थाने गईं और औपचारिक तौर पर एफआईआर की. आज उनके चरित्र पर हर रोज लांक्षन लगाए जा रहे है. वो नहीं समझ पा रही हैं कि यह कैसे और क्यों हुआ, हर एक दिन उन्हें बीजेपी का एजेंट कहा जाता है. वो केजरीवाल के फ्री और फेयर जांच पर कहती हैं कि उन्होंने कोर्ट के बाहर जांच की और उन्हें दोषी माना गया. आप आदमी पार्टी उन्हें आरोपी बनाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में कैसे कहा जा सकता है कि जांच निष्पक्ष हो रही है.