जो चीनी मिसाइल भारत ने मार गिराई, उसका मलबा ताइवान को क्यों चाहिए?

कई पश्चिमी देशों ने भारत से इस चीनी मिसाइल का मलबा देने की मांग की है। पश्चिमी देशों का खुफिया संगठन फाइव आईज भी पीएल-15 मिसाइल के मलबे की जांच करना चाहता है।;

Update: 2025-05-25 10:23 GMT
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पंजाब के होशियारपुर में चीन की पीएल-15 मिसाइलों के कई टुकड़े बरामद किए गए

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान द्वारा दागी गई चीनी PL-15 लॉन्ग रेंज BVR एयर-टू-एयर मिसाइल को इंटरसेप्ट कर लिया था। यह मिसाइल अपने लक्ष्य को भेदने में विफल रही और भारत के कब्जे में लगभग सही सलामत स्थिति में आ गई। इसके बाद कई देशों, खासकर ताइवान और पश्चिमी खुफिया गठबंधन ‘फाइव आईज़’, ने भारत से इसके मलबे की जांच की अनुमति मांगी है।

ताइवान की विशेष दिलचस्पी

ताइवान, जो चीन से संभावित सैन्य हमलों को लेकर लगातार सतर्क रहता है, अब इस मिसाइल की तकनीकी जांच में दिलचस्पी ले रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में ताइवान के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि पीएल-15 मिसाइल के टुकड़ों तक पहुंच ताइवान को न केवल जवाबी उपाय विकसित करने में मदद करेगी, बल्कि घरेलू स्तर पर विकसित की जा रही हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के कार्यक्रमों को भी बल देगी।

ताइवान इस मिसाइल की कमज़ोरियों और तकनीकी विशेषताओं को समझकर अपने रक्षा तंत्र को मजबूत बनाना चाहता है।

कई देशों की जांच में रुचि

भारत के पास आई PL-15 मिसाइल के मलबे को लेकर सिर्फ ताइवान ही नहीं, फ्रांस, जापान, और ‘फाइव आईज़’ गठबंधन के देश, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड भी गहरी रुचि दिखा रहे हैं। इन देशों की खुफिया एजेंसियां इस चीनी मिसाइल की तकनीकी क्षमताओं, सीमाओं और कमजोरियों को समझना चाहती हैं।

कैसे आई मिसाइल?

माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने इस मिसाइल को अपने JF-17 या J-10C लड़ाकू विमानों से लॉन्च किया था। हालांकि यह मिसाइल अपने टारगेट से चूक गई और भारत के पास बरामद हो गई। यह वही मिसाइल है जिसे चीन ने अपने स्टेल्थ फाइटर जेट J-20 में भी इंटीग्रेट किया है।

इन फाइटर जेट्स की नियमित उपस्थिति ताइवान स्ट्रेट में देखी जाती है, जिससे ताइवान की चिंता और बढ़ गई है।

भारत में बरामद हुए मिसाइल टुकड़े

भारतीय अधिकारियों ने पंजाब के होशियारपुर ज़िले के कमाही देवी गांव और अन्य उत्तरी क्षेत्रों से PL-15 के कई टुकड़े बरामद किए हैं। इनमें से कुछ टुकड़े पूरी तरह सुरक्षित हालत में हैं, जिससे उनकी फोरेंसिक जांच संभव हो सकी है।

डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान ने भले ही इन मिसाइलों के सफल टारगेटिंग का दावा किया हो, लेकिन हकीकत में यह मिसाइलें भारत में अपने टारगेट को चूक गईं।

तकनीकी खुफिया और भविष्य की रणनीति

भारत के हाथों में आई PL-15 मिसाइल अब तकनीकी खुफिया संचालन का केंद्र बन गई है। अमेरिका की CIA, NSA, और अन्य खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह एक दुर्लभ अवसर है जिससे चीनी मिसाइल तकनीक की बारीकी से जांच की जा सकती है।

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