बिना टेस्ट के जेट्स का ऑर्डर, भारत में 'तेजस' पर रहस्य और बढ़ा

भारतीय वायुसेना की घटती स्क्वाड्रन ताकत, Tejas Mk1A की देरी और HAL की अक्षमता राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।

Update: 2025-09-29 02:03 GMT
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भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सुरक्षा प्रतिष्ठान का रवैया चौंकाने वाला है – यह आपराधिक लापरवाही की हद तक पहुँचता दिख रहा है। हालिया घटनाएँ इसकी गवाही देती हैं।

तथ्य 1: वायुसेना की ताकत में भारी गिरावट

25 सितंबर 2025 को भारतीय वायुसेना (IAF) ने दो मिग (MiG) स्क्वाड्रन को सेवा से हटा दिया। इसके बाद भारत के पास लड़ाकू स्क्वाड्रनों की संख्या घटकर सिर्फ़ 29 रह गई, जो कि अनुमोदित आवश्यकता 42 स्क्वाड्रन का महज़ 30 प्रतिशत है।

ध्यान देने वाली बात है कि 2012 में जब भारत ने फ्रांस से 126 राफेल लड़ाकू विमानों की डील शुरू की थी, तब लक्ष्य था कि स्क्वाड्रन शक्ति 35 से बढ़ाकर 42 की जाए। (एक स्क्वाड्रन में 16–18 लड़ाकू विमान होते हैं। 126 राफेल विमानों से 7 स्क्वाड्रन जुड़ते।)

तथ्य 2: तेजस Mk1A का नया ऑर्डर

उसी दिन यानी 25 सितंबर 2025 को रक्षा मंत्रालय (MoD) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 97 तेजस Mk1A सिंगल-इंजन फाइटर जेट्स की खरीद का आदेश दिया।डिलीवरी 2027-28 से शुरू होगी और 2034 तक पूरी होनी है।

लेकिन सवाल उठता है कि जब HAL फरवरी 2021 से अब तक 83 तेजस Mk1A जेट्स में से एक भी डिलीवर नहीं कर सका, तो नया ऑर्डर क्यों दिया गया? वायुसेना प्रमुख ए. पी. सिंह कई बार सार्वजनिक मंचों से HAL की देरी की आलोचना कर चुके हैं, फिर भी MoD ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।

तथ्य 3: इंजन के बिना तेजस प्रोजेक्ट

जब 3 फरवरी 2021 को MoD ने 83 तेजस Mk1A का ऑर्डर HAL को दिया, उस समय HAL के पास उन्हें बनाने के लिए इंजन ही नहीं था।करीब छह महीने बाद, अगस्त 2021 में HAL ने अमेरिकी कंपनी GE Aerospace से 99 F404 इंजनों का ऑर्डर दिया। GE Aerospace ने 19 अगस्त 2021 को इसका खुलासा किया।

तथ्य 4: बंद हो चुकी इंजन प्रोडक्शन लाइन

GE Aerospace ने 26 मई 2025 को एक चौंकाने वाला बयान दिया। कंपनी ने कहा कि उसने 2016 में ही F404 इंजनों की प्रोडक्शन लाइन बंद कर दी थी, यानी HAL और MoD के ऑर्डर से पाँच साल पहले।

बयान के अनुसार “2016 तक GE Aerospace ने HAL को 65 F404-IN20 इंजन डिलीवर कर दिए थे और नए ऑर्डर न मिलने पर प्रोडक्शन लाइन बंद कर दी गई। लेकिन 2021 में HAL के नए 99 इंजनों के ऑर्डर के बाद हमें पाँच साल से बंद पड़ी इस लाइन को फिर से शुरू करना पड़ा। जेट इंजन प्रोडक्शन लाइन को रिस्टार्ट करना बेहद जटिल प्रक्रिया है। कोविड महामारी के दौरान F404-IN20 लाइन को दोबारा शुरू करना और भी चुनौतीपूर्ण था। लेकिन सुरक्षा और गुणवत्ता पर ध्यान देते हुए हमारी सप्लाई चेन टीमों और पार्टनर्स की बदौलत हमने यह लाइन दोबारा चालू कर दी।”

मज़ेदार तथ्य 1 और 2: ऑर्डर के पीछे अनसुलझी वजहें

MoD और HAL दोनों को इंजन प्रोडक्शन लाइन बंद होने की जानकारी थी, फिर भी उन्होंने 2021 और 2025 में तेजस Mk1A का ऑर्डर दे दिया। लंबे समय तक देरी की पूरी संभावना होते हुए भी यह कदम उठाना समझ से बाहर है। इसके अलावा, GE Aerospace ने F404 इंजन की उत्पादन लाइन 2016 में बंद कर दी थी, “क्योंकि कोई नया ऑर्डर नहीं था।” सवाल यह है कि आखिर 5 साल बाद MoD और HAL को यह काम क्यों करना पड़ा? यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। अब HAL फिर से GE Aerospace से अतिरिक्त 97 तेजस Mk1A के लिए F404 इंजन का ऑर्डर देने वाला है।

डिलीवरी टाइमलाइन में स्लिप

HAL को 83 तेजस Mk1A 2029 तक डिलीवर करने थे, लेकिन अब पहली डिलीवरी 2026 में होने की संभावना है। GE Aerospace ने मार्च 2025 में पहला F404 इंजन डिलीवर किया। इस अंतराल का कारण जल्द स्पष्ट किया जाएगा।यदि HAL 2026 से सालाना 10-12 जेट डिलीवर करता है, तो 180 जेट्स (83 + 97) देने में 15 साल लगेंगे, जो 10 नए स्क्वाड्रन जोड़ेंगे।

इस हिसाब से वायुसेना की स्क्वाड्रन शक्ति 2040 में 39 होगी, जो अनुमोदित संख्या 42 से तीन कम है, यह मानते हुए कि वर्तमान 29 स्क्वाड्रन अगले 15 साल तक अपने जेट्स चलाए रखेंगे।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर

नई 10 स्क्वाड्रन की क्षमता सीमित है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित होगी। CAG (2015) और संसद की सार्वजनिक लेखा समिति (PAC, 2018) ने पहले ही चेताया था कि Tejas Mk1 (पुराना संस्करण) को वायुसेना में शामिल करने से पहले “53 छूट/स्थायी रियायतें” दी गईं क्योंकि यह निर्धारित संचालन आवश्यकताओं (Air Staff Requirement – ASR) को पूरा नहीं कर पाया था।इन छूटों/रियायतों से इसके संचालन की क्षमता काफी कम हो गई थी।

IAF ने अंततः 2018 और 2020 में दो स्क्वाड्रन Tejas Mk1 के शामिल किए – LCA (Tejas) परियोजना शुरू होने के 35 साल बाद।Tejas Mk1A (Alpha) Mk1 का सुधार संस्करण है, लेकिन अभी भी ऑपरेशनल गेप मौजूद हैं।

देशीकरण और भविष्य

कोई आधिकारिक रिपोर्ट Tejas Mk1A में मौजूद ऑपरेशनल गेप की सटीक जानकारी नहीं देती। यह HAL के पहले जेट की डिलीवरी के बाद ही स्पष्ट होगा।PAC की 2018 रिपोर्ट में कहा गया था कि Tejas Mk1A के ऑपरेशनल लिमिटेशन केवल अगली पीढ़ी Tejas Mk2 में पूरी तरह दूर होंगे।

भारतीय वायुसेना (IAF) की हल्की लड़ाकू विमान परियोजना Tejas और इसके अपडेटेड संस्करण Mk1A व Mk2 का इतिहास 1983 से चल रहा है। हाल की घटनाएँ इस परियोजना में सिस्टमेटिक लापरवाही, तकनीकी देरी और रणनीतिक अस्पष्टता को उजागर करती हैं।

Tejas Mk1A एक अस्थायी पुल

अक्टूबर 2007 में वायुसेना प्रमुख की अध्यक्षता वाली Empowered Committee ने Tejas Mk2 (LCA Mk II) के निर्माण की सिफारिश की थी, ताकि Air Staff Requirement (ASR) के मानकों को पूरा किया जा सके। इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो Tejas Mk1A केवल एक अस्थायी पुल था, जब तक कि Mk2 विकसित नहीं हो जाता। Mk2 भी HAL द्वारा विकसित किया जा रहा है, लेकिन यह अभी डिजाइन चरण में है और इसका प्रोटोटाइप 2027 में आने की संभावना है।

देशीकरण पर संघर्ष

1 जुलाई 2025 को एक राष्ट्रीय अखबार ने बताया कि HAL और DRDO (Defence Research and Development Organisation) – जो 1983 से Tejas परियोजना में IAF के साथ जुड़ा हुआ है – देशीकरण (indigenisation) के मुद्दे पर संघर्षरत हैं। HAL आयातित (इजरायल) राडार और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम के पक्ष में है, जबकि DRDO अपने “उत्तम” राडार और “स्वयं रक्षा कवच” इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट को प्राथमिकता दे रहा है। यह विवाद कम से कम 2023 से चल रहा है। Tejas Mk2 GE Aerospace का F414 इंजन इस्तेमाल करेगा।

नीति निर्माता भ्रमित

2018 की PAC रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया कि Tejas के विकास में नीति निर्धारक भ्रमित रहे। रिपोर्ट में कहा गया “LCA के प्रोटोटाइप संस्करण के लिए आयातित इंजन का उपयोग किया जाना था, जबकि उत्पादन संस्करण में देशी इंजन होना चाहिए था। लेकिन Gas Turbine Research Establishment (GTRE) Kaveri इंजन को LCA के शेड्यूल और स्पेसिफिकेशन के अनुसार विकसित नहीं कर सका।”

इसका तात्पर्य यह है कि Tejas Mk1/Mk1A GE Aerospace के F404 इंजन के साथ बनाया और परीक्षण किया गया। परियोजना पांच वर्षों तक ठंडी रही, जब तक कि 2021 में MoD ने 83 Mk1A के लिए ऑर्डर नहीं दिया। Kaveri इंजन पूरी तरह विफल रहा। Tejas में कितनी सामग्री देशी है, यह स्पष्ट नहीं है। 2016 में सरकार ने संसद को बताया कि Tejas का देशी हिस्सा 59.7% मूल्य के हिसाब से और 75.5% संख्या के हिसाब से है।

Tejas की सीमाएं

Tejas एक हल्का लड़ाकू एक-इंजन विमान है, जबकि Rafale और Su-35 जैसे जेट दो इंजन वाले, अधिक सुरक्षित और आधुनिक युद्ध के लिए सक्षम हैं।IAF अधिक Rafale जेट्स चाहता है। ANI की रिपोर्ट के अनुसार, 12 सितंबर 2025 को MoD ने IAF के 114 Rafale जेट्स के लिए केस स्टेटमेंट पर चर्चा शुरू की।

IAF का रणनीतिक मौन

IAF शुरू से Tejas परियोजना में शामिल रही। उसने Mk1 के 53 ऑपरेशनल छूटों/waivers को मंजूरी दी। Mk1A का प्रदर्शन 2026 में ही पता चलेगा, फिर भी IAF ने 97 और Mk1A के ऑर्डर को मंजूरी दे दी।IAF ने 2007 में MiG के स्थान पर Mk2 की इच्छा जताई थी।2012 से 126 Rafale जेट्स पर बातचीत चल रही थी, लेकिन 2016 में सिर्फ 36 जेट्स पर समझौता हुआ।36 जेट्स की कीमत 126 जेट्स (तकनीकी ट्रांसफर के साथ) से अधिक बताई गई।

HAL की क्षमताओं पर सवाल

IAF प्रमुख AP Singh ने फरवरी 2025 में HAL की कमियों का इशारा किया। उन्होंने कहा कि HAL को उन्नत उत्पादन प्रक्रियाओं में निवेश, मानव संसाधन कौशल सुधार और मिशन मोड में परियोजना को लेना होगा।Tejas परियोजना 1983 में शुरू हुई थी और 42 साल बाद भी पूरी नहीं हुई।HAL अध्यक्ष DK Sunil ने इस साल कई मौकों पर जेट के सॉफ्टवेयर, राडार और मिसाइलों में तकनीकी चुनौतियों को स्वीकार किया।

संसद की चिंता

दिसंबर 2024 में, संसद की स्थायी रक्षा समिति ने कहा रक्षा मंत्री समिति मंत्रालय को यह सुनिश्चित करने के लिए जोर दे कि HAL Tejas का उत्पादन बढ़ाए ताकि वायुसेना की स्क्वाड्रन ताकत घटने से उसके ऑपरेशनल रोल पर असर न पड़े।”

Rafale डील और सुरक्षा खतरा

2021 में MoD ने 83 Tejas Mk1A का ऑर्डर जल्दी में दिया क्योंकि fighter squadrons तेजी से घट रहे थे।126 Rafale जेट्स का ऑर्डर घटाकर 36 किया गया, जिससे IAF ने 5 स्क्वाड्रन खो दिए। IAF अब अचानक 114 Rafale जेट्स की मांग कर रहा है। CAG ने पहली बार एक redacted रिपोर्ट जारी की, जिसमें लागत लगभग 2.86% कम बताई गई।

पूरे परिदृश्य से पता चलता है कि Tejas परियोजना में प्रणालीगत अक्षमता, नौकरशाही जटिलताएं और ‘ओमेर्टा’ यानी मौन का कोड काम कर रहा है। ये सभी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिम उत्पन्न कर रहे हैं।

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