सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 को लेकर सुनवाई में क्या कहा, 7 बिन्दुओं में समझें

सुप्रीम कोर्ट ने कहा पेपर लीक से इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन उसके स्तर को जानना आवश्यक. उसके बाद ही परीक्षा पुन: कराने पर कोई निर्णय लिया जाना उचित होगा

Update: 2024-07-08 12:31 GMT

NEET-UG 2024NEET-UG  परीक्षा मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई बेहद ही महत्वपूर्ण रही. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये माना है कि परीक्षा लीक हुई है, लेकिन साथ ही ये भी कहा है कि पेपर लीक का स्तर जाने बिना परीक्षा को पुन: कराने का आदेश नहीं दिया जा सकता है.

सात बिन्दुओं में समझते हैं कि आखिर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

1- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसमे कोई दो राय नहीं कि परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है. पेपर लीक हुआ है. पर हमें ये तय करना है कि लीक कितने बड़े स्तर पर हुआ है, ताकि हम फैसला ले सकें कि दोबारा परीक्षा होनी चाहिए या नहीं.

2- कोर्ट ने कहा कि परीक्षा दोबारा कराने का कोई आदेश देने से पहले, हमें इस बात का ये एहसास है कि इस फैसले से 23 लाख छात्रों का भविष्य जुड़ा हुआ है. ऐसा होने पर उनके एकेडमिक शेड्यूल के गड़बड़ा जाने और उनकी समस्याओं का भी हमें एहसास है.

3- कोर्ट ने कहा कि अगर गड़बड़ी कुछ ही सेन्टर तक सीमीत है, पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है, तो दोबारा परीक्षा कराना सही नहीं होगा.

4- चीफ जस्टिस ने कहा कि दोबारा परीक्षा आयोजित करने का फ़ैसला देने से पहले हमें ये इन बातों पर गौर करना होगा :-

- क्या सिस्टेमेटिक लेवल पर धांधली हुई है।

- क्याNEET परीक्षा की पूरी प्रकिया ही प्रभावित हो गई है

- क्या उन लोगो को पहचान करना संभव है जिन्होंने इस गड़बड़ी का फायदा उठाया। क्या ऐसे लोगों की उन बाकी लोगों से अलग पहचान करना संभव है, जिन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की

- कोर्ट ने कहा कि जब पूरी परीक्षा की प्रकिया ही प्रभावित हो और गड़बड़ी का फायदा उठाने वाले का बाकी लोगों से अंतर कर पाना मुश्किल हो, तब दुबारा परीक्षा करना ज़रूरी हो जाता है। वर्ना इसकी ज़रूरत नहीं है

5 कोर्ट ने NTA से ये पूछा है कि

- सबसे पहले पेपर लीक कब हुआ ? पेपर लीक और परीक्षा में आयोजित होने के बीच के समय में कितना गैप था.

- पेपर लीक कैसे हुआ? किन माध्यम से हुआ? कितने बड़े स्तर पर हुआ?

- पेपर लीक का फायदा उठाने वाले लोगो की पहचान के लिए क्या कदम उठाए है

- किन सेंटर पर लीक हुआ है?

- कितने संदिग्ध लोगों का रिजल्ट रोका गया है?

6 - कोर्ट ने NTA और केंद्र सरकार से पूछा कि क्या साईबर फोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से संदिग्ध उम्मीदवारों की पहचान कर सकते हैं? ताकि गड़बड़ी का फायदा उठाने वाले और बेदाग कैंडिडेट के बीच का जो अंतर है, उसका पता किया जा सके.

7 कोर्ट ने NTA, केन्द्र सरकार ,CBI को 10जुलाई 5 बजे तक जवाब दाखिल करने को कहा है. अगली सुनवाई 11 जुलाई को की जाएगी. 

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