Budget 2024: कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन की जरूरत, बजट में इन 4 बातों का रखा जा सकता है ध्यान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2024 को कृषि क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास की नींव रखनी चाहिए.
Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2024 को कृषि क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास और प्रतिस्पर्धात्मकता की नींव रखनी चाहिए. इससे वैश्विक कृषि महाशक्ति के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी.
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे चार तरीके हैं, जिनसे मोदी सरकार बजट 2024 के माध्यम से कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन दे सकती है.
- कृषि अनुसंधान एवं विकास निवेश को दोगुना करके उत्पादकता के मुद्दों को हल करने और काफी हद तक जलवायु प्रेरित जोखिमों को कम करने में अहम हो सकता है.
- सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करके, गुणवत्ता और पता लगाने की क्षमता पर जोर देकर और फसल-उपरांत बुनियादी ढांचे में निवेश करके कृषि-निर्यात को बढ़ावा देना अनिवार्य है.
- आगामी बजट में जलवायु स्मार्ट कृषि से संबंधित हस्तक्षेप/निवेश पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.
- डीबीटी पहलों की निरंतरता और आगे विस्तार, किसानों के लिए ऋण जाल और एग-स्टैक और कृषि-तकनीक आधारित समाधानों का लाभ उठाना गेम चेंजर हो सकता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि कृषि निर्यात और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड हस्तक्षेप/अनुकूलित योजनाओं की आवश्यकता है. तिलहन क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. पीली क्रांति 2.0 समय की मांग है!
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को केंद्रीय बजट 2024 पेश करेंगी. यह मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट होगा. बजट 2024 में भारत को निरंतर आर्थिक विकास के पथ पर ले जाने पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है. भारत वर्तमान में जीडीपी के मामले में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और आने वाले वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है.