VB-G RAM G बिल लोकसभा में हुआ पास, केंद्र और कांग्रेस में तीखा टकराव
चौहान ने कहा कि यह बिल बापू के विजन को साकार करता है और मोदी नेतृत्व में नया भारत निर्माण हो रहा है। विरोध के बावजूद सरकार अपने कार्यों से पीछे नहीं हटेगी।
लोकसभा में गुरुवार (18 दिसंबर) को विकासित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G बिल, 2025 पारित कर दिया गया। बिल के पारित होने के बाद सदन को उस दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन में दिन की शुरुआत विरोधी सांसदों के हंगामे के बीच हुई, जब केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान बिल पर चर्चा के दौरान भाषण देने आए। विपक्षी सांसद सदन की वेल में घुस गए, जिससे वातावरण तनावपूर्ण हो गया।
गांधी के विजन के अनुरूप बिल
चौहान ने कहा कि वह इस बिल के माध्यम से महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं और बीजेपी उनके दिखाए मार्ग पर चलती है। उनका कहना था कि यह बिल ग्रामीण विकास के लिए है और गांधी के विज़न के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि गांवों का विकास लगातार केंद्र और राज्य सरकारों के एजेंडे में रहा है और कई योजनाएं समय-समय पर चलाई गई हैं। एनआरईजीए को महात्मा गांधी का नाम जोड़े बिना शुरू किया गया था। उन्होंने 2009 के चुनाव से पहले इसे चुनावी वोट बैंक के लिए महात्मा गांधी का नाम दे दिया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने एनआरईजीए पर अपने कार्यकाल में केवल 2.13 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि मोदी सरकार ने 2014 से अब तक 8.53 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
कांग्रेस पर निशाना
चौहान ने कांग्रेस और प्रियंका गांधी पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी महात्मा गांधी का नाम हटाने की बात कर रही थीं। वे गांधी परिवार से नहीं हैं, लेकिन गांधी का नाम उन्होंने चुरा लिया। वे नाम बदलने के शौकीन हैं। मोदी सरकार काम में विश्वास रखती है, नामों में नहीं। चौहान ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने गांधी के विचारों का पालन नहीं किया और सत्ता के लिए कांग्रेस को स्वतंत्रता के बाद भी न भंग कर सत्ता पर बने रहे।
एनआरईजीए में भ्रष्टाचार का आरोप
उन्होंने कहा कि एनआरईजीए में धन का वितरण भ्रष्ट तरीके से होता था। केंद्र से अधिक से अधिक पैसा पाने के लिए विपक्षी राज्यों ने ज्यादा लोग भर्ती किए ताकि केंद्र वेतन भुगतान करे।
नए बिल की सराहना
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नया बिल पारदर्शिता लाने और गांवों के समग्र विकास के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि नई नामावली बिल की भावना को दर्शाती है। इस बीच, विपक्षी सांसदों ने बिल की प्रति फाड़ दी और चौहान पर फेंक दी। चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने एनआरईजीए के बजट को 40,000 करोड़ से घटाकर 33,000 करोड़ किया था और पर्याप्त रोजगार नहीं दिया। वहीं, मोदी सरकार ने एनआरईजीए के लिए 1.11 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए। कांग्रेस देश को गरीब रखना चाहती थी। इंदिरा गांधी ने 'गरीबी हटाओ' का नारा दिया, लेकिन उन्होंने गरीबों को नहीं हटाया। एनआरईजीए केवल 2005 में लाई गई। केवल मोदी सरकार ने गरीबी उन्मूलन के लिए काम किया।