नेवी की मारक क्षमता और होगी मजबूत, जानें- वॉरशिप 'तमाल' की खूबियां
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच भारतीय नौसेना को और ताकत मिलने जा रही है। अगले महीने तक वॉरशिप तमाल को नेवी के बेड़े में शामिल करने की उम्मीद है।;
Tamal Warship News: भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को और अधिक मजबूती मिलने वाली है। अगले महीने नौसेना के बेड़े में रूस में बना अत्याधुनिक स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट ‘तमाल’ शामिल होने जा रहा है। यह वॉरशिप ‘तलवार क्लास’ की श्रृंखला का हिस्सा है और इसकी डिलीवरी और कमीशनिंग अगले महीने निर्धारित है।
डिलीवरी और कमीशनिंग अंतिम चरण में
सूत्रों के अनुसार, ‘तमाल’ के सभी समुद्री ट्रायल्स लगभग पूरे हो चुके हैं। जैसे ही भारतीय नौसेना की टीम पूर्ण संतुष्टि जताएगी, इसकी आधिकारिक डिलीवरी और साथ ही कमीशनिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद ‘तमाल’ को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल कर आईएनएस तमाल (Indian Naval Ship Tamal) नाम दिया जाएगा। इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए भारतीय नौसेना की लगभग 200 सदस्यीय टीम रूस में मौजूद है।
‘तमाल’ की खासियत
करीब 3900 टन वजनी यह फ्रिगेट कई अत्याधुनिक क्षमताओं से लैस है:
स्पीड: 30 नॉटिकल मील
मुख्य हथियार: एंटी-शिप ब्रह्मोस मिसाइल
एंटी-सबमरीन क्षमता: विशेष डिजाइन, रॉकेट और टॉरपीडो प्रणाली
हेलीकॉप्टर तैनाती की सुविधा भी मौजूद
यह वॉरशिप न सिर्फ सतह पर मौजूद खतरों से लड़ने में सक्षम है, बल्कि पानी के नीचे छिपे खतरों से भी निपटने की पूरी तैयारी के साथ आता है।
नेवी में बढ़ती ताकत: भारत बनाम पाकिस्तान
तमाल के शामिल होने के बाद भारतीय नौसेना के पास फ्रिगेट की संख्या 14 हो जाएगी, जो अब तक 13 थी। वर्तमान में भारतीय नौसेना के पास:
10 डिस्ट्रॉयर
10 कोरवेट
17 पारंपरिक सबमरीन
2 न्यूक्लियर सबमरीन
6 मिसाइल बोट्स
2 एयरक्राफ्ट कैरियर (आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत)
इसके विपरीत पाकिस्तानी नौसेना के पास कोई भी एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है, केवल 6-7 कन्वेंशनल सबमरीन और करीब 8 फ्रिगेट हैं। पाकिस्तान के पास कोई भी डिस्ट्रॉयर नहीं है, जिससे भारतीय नौसेना की रणनीतिक बढ़त स्पष्ट है।
‘तमाल’ की अहमियत
साल 2016 में भारत और रूस के बीच चार तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स के निर्माण के लिए समझौता हुआ था, जिनमें से दो रूस में और दो भारत में बनाए जाने थे। रूस में निर्मित ‘तुशील’ को पहले ही नौसेना में शामिल किया जा चुका है और अब ‘तमाल’ की बारी है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि नौसेना पहले ही साफ कर चुकी है कि भविष्य में कोई भी युद्धपोत विदेश से नहीं खरीदा जाएगा, इसलिए ‘तमाल’ भारतीय नौसेना का अंतिम आयातित वॉरशिप होगा। 2003 से शुरू हुई तलवार क्लास की श्रृंखला में अब तक 6 वॉरशिप भारतीय नौसेना में सेवा दे रहे हैं।'तमाल' सिर्फ एक और वॉरशिप नहीं, बल्कि भारत की समुद्री सुरक्षा नीति में आत्मनिर्भरता और रणनीतिक मजबूती की दिशा में एक निर्णायक कदम है।