डिनर डिप्लोमेसी में दिखी विपक्ष की ताकत, SIR बना केंद्र

राहुल गांधी के डिनर में 25 दलों के 50 नेता शामिल हुए। SIR और चुनावी धांधली के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता दिखी। वहीं 11 अगस्त को चुनाव आयोग मार्च तय किया गया है।;

Update: 2025-08-08 04:07 GMT

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आधिकारिक आवास 5, सुनहरी बाग रोड पर गुरुवार रात एक खास डिनर मीटिंग आयोजित की गई, जो कई मायनों में ऐतिहासिक रही। इस मीटिंग में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दिन में की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस और आगामी “Special Intensive Revision (SIR)” को लेकर उठी चुनावी धांधली की चिंताओं ने चर्चा में प्रमुखता पाई।

25 दलों के 50 नेताओं की मौजूदगी

यह पहली बार था जब INDIA गठबंधन के शीर्ष नेता शारीरिक रूप से एकत्र हुए। 25 दलों के 50 नेता इस डिनर में शामिल हुए, जो इससे पहले 19 जुलाई को मानसून सत्र की रणनीति के लिए वर्चुअली मिले थे।इस मौके पर राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं को वही प्रेजेंटेशन दिखाया जो उन्होंने दिन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्तेमाल किया था। इसमें उन्होंने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख से अधिक फर्जी मतदाता जोड़ने के गंभीर आरोप लगाए।

'चुनाव चोरी' के खिलाफ संयुक्त मोर्चा

राहुल गांधी ने बैठक में बीजेपी और चुनाव आयोग की मिलीभगत से चुनाव चोरी के आरोप दोहराए और विपक्ष से मिलकर इसके खिलाफ लड़ाई की अपील की। सभी दलों ने उनकी इस बात का समर्थन किया और 11 अगस्त को निर्वाचन सदन (EC मुख्यालय) तक मार्च करने का फैसला लिया।

बिहार में SIR और राज्य में भ्रष्टाचार की चर्चा

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में पिछले महीने हुई SIR की जानकारी साझा की और इसे "चुनाव हेरफेर की साज़िश" बताते हुए विरोध की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने सभी विपक्षी दलों को 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में प्रस्तावित महागठबंधन की रैली में आमंत्रित किया।राहुल और तेजस्वी 10 अगस्त से दक्षिण बिहार में एक बहु-जिला ‘हाइब्रिड यात्रा’ की शुरुआत कर सकते हैं, जिसका उद्देश्य SIR में गड़बड़ियों, राज्य में गिरती कानून-व्यवस्था और नीतीश कुमार सरकार में भ्रष्टाचार को उजागर करना है।

जम्मू-कश्मीर पर फारूक और महबूबा की अपील

नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती ने भी डिनर मीटिंग में केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर जम्मू-कश्मीर की राज्य का दर्जा बहाल करने की सामूहिक अपील की। फारूक अब्दुल्ला ने राहुल और खड़गे द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के लिए व्यक्तिगत धन्यवाद भी दिया।

अन्य मुद्दों पर भी चर्चा

बैठक में अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ, और 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव पर भी संक्षिप्त चर्चा हुई।CPM के महासचिव एमए बेबी ने INDIA गठबंधन से एनडीए उम्मीदवार के विरुद्ध उपराष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशी उतारने की मांग की, लेकिन इस पर विस्तृत चर्चा को 12 अगस्त के बाद के लिए टाल दिया गया, जब संसद छह दिन के अवकाश पर जाएगी।

बीजेपी की तैयारी और नामांकन

बीजेपी और एनडीए ने गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन का अधिकार दे दिया है, क्योंकि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से यह पद खाली हुआ था। नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त है।

राहुल गांधी की राजनीतिक स्वीकार्यता का संकेत

कांग्रेस के भीतर का कहना है कि यह बैठक इस मायने में भी महत्वपूर्ण रही कि पहली बार राहुल गांधी ने व्यक्तिगत रूप से विपक्षी दलों की मेज़बानी की। इससे पहले सोनिया गांधी या मल्लिकार्जुन खड़गे इस भूमिका में होते थे।शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला जैसे वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति को राहुल के नेतृत्व पर भरोसे का संकेत माना जा रहा है। एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, "अब राहुल विपक्षी एकता के केंद्र बिंदु बन चुके हैं।"

डिनर में शामिल प्रमुख नेता

डिनर में शामिल प्रमुख नेताओं में शामिल रहे। शरद पवार (एनसीपी-एसपी) और सुप्रिया सुले,तेजस्वी यादव और मीसा भारती (आरजेडी),अभिषेक बनर्जी, डेरेक ओ’ब्रायन (टीएमसी),एमए बेबी (सीपीएम), फारूक अब्दुल्ला (एनसी),अखिलेश यादव, डिंपल यादव, रामगोपाल यादव (सपा),टीआर बालू, कनीमोझी, तिरुचि शिवा (डीएमके),दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआई-एमएल), महुआ माजी, विजय हांसदाक (झामुमो),डी राजा (सीपीआई), महबूबा मुफ़्ती (पीडीपी),कमल हासन (राज्यसभा सांसद)

आप पार्टी को नहीं मिला न्योता

दिलचस्प बात यह रही कि हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के बावजूद आप पार्टी को इस डिनर में आमंत्रित नहीं किया गया।

कांग्रेस की मजबूत मौजूदगी

राहुल के साथ उनकी मां सोनिया गांधी, बहन प्रियंका गांधी, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद प्रमोद तिवारी, गौरव गोगोई, के. सुरेश, केसी वेणुगोपाल और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, सुखविंदर सिंह सुक्खू और रेवंत रेड्डी भी उपस्थित थे।इस डिनर बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि राहुल गांधी अब विपक्ष की राजनीति में केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं। चुनावों में गड़बड़ियों और SIR के मुद्दे पर विपक्ष एक सुर में खड़ा होने को तैयार है। आगामी सप्ताहों में सड़क से संसद तक विरोध की रणनीति तेज़ की जा सकती है।

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