पूर्व नेपाल नरेश की रैली में योगी आदित्यनाथ के पोस्टर, माजरा क्या है?
पूर्व नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह 17 साल बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर दिखे। उनकी रैली में योगी आदित्यनाथ का पोस्टर दिखने की बड़ी चर्चा हो रही है।;
योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री तो भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के हैं, लेकिन इन दिनों उनकी चर्चा हो रही है नेपाल में। चर्चा भी मामूली लोग नहीं कर रहे हैं, नेपाल की राजनीति में और वहां सत्ता के गलियारों में उनका जिक्र हो रहा है।
इसकी वजह है वो पोस्टर जोकि लगभग 17 साल बाद काठमांडू में रविवार को हुई पूर्व नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह की पहली सार्वजनिक सभा में लहराया गया। वो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पोस्टर था, जिसे नेपाल में राजशाही की वापसी और हिंदू राष्ट्र के समर्थकों ने अपने हाथों में उठाया हुआ था।
नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र साल 2008 के बाद रविवार को काठमांडू में पहली बार सार्वजनिक तौर पर दिखे। नेपाल में लगभग सत्रह साल पहले ही एक विराट जनांदोलन के बाद राजतंत्र को हटाकर लोकतंत्र की स्थापना हुई थी।
लेकिन केपी शर्मा ओली की मौजूदा सरकार से लेकर अब तक की तमाम सरकारों के रंग-ढंग से नेपाल में असंतोष बढ़ने की खबरें हैं। इसी को भांपकर राजशाही के समर्थकों को फिर से पुराने दिनों में लौटने का मौका नजर आने लगा है।
पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की पिछले कुछ समय से अचानक बढ़ी सक्रियता भी एक संदेश है। जिसने इस मुहिम को और हवा दे दी है। वरना तो ज्ञानेंद्र इतने बरस तक निष्क्रिय ही रहे। उनकी तरफ से कभी-कभार ही किसी मसले पर औपचारिक बयान जारी किया जाता रहा है।
लेकिन फिलहाल तो नेपाल के सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही है कि राजशाही की वापसी के समर्थकों की रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोस्टर क्यों लहराए गए?
इस चर्चा को हवा दी है नेपाल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के प्रमुख नेता विष्णु रिजाल की सोशल मीडिया पोस्ट ने। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पूर्व नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र और सीएम योगी आदित्यनाथ के उस पोस्टर की तस्वीर को शेयर किया है, जोकि काठमांडू की रैली में लहराया गया। उन्होंने लिखा कि राजशाही से बेदखल हुए ज्ञानेंद्र फिर से गद्दी के लिए लार टपका रहे हैं।
वैसे माना जाता है कि नेपाल में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का एक बड़ा समर्थन वर्ग है। गोरखपीठ के महंत होने के नाते भी उनके प्रति नेपाल में श्रद्धा का भाव है लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद से नेपाल में योगी की लोकप्रियता बढ़ी है।
नेपाल में एक बड़ा तबका है जोकि योगी को हिंदुत्व के बड़े चेहरे के रूप में देखता है। पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र के जो समर्थक नेपाल में राजशाही की वापसी का सपना देख रहे हैं वो नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए भी आतुर हैं। योगी आदित्यनाथ की तस्वीर भी शायद इसी उत्साह में लहराई गई है, लेकिन इससे नेपाल की राजनीति में बड़ी हलचल है।