सुप्रीम कोर्ट में किसने कहा भगोड़े जाकिर नाईक को नहीं होना चाहिए आर्टिकल 32 का अधिकार
जाकिर नाईक के खिलाफ 2013 में भगवन गणेश पर विवादित टिपण्णी करने के बाद अलग अलग राज्यों में FIR दर्ज की गयी थी. सब FIR को एक साथ जोड़ने के लिए नाईक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-10-16 17:29 GMT
Zakir Naik : जो शख्स देश के कानून को नहीं मानता क्या आर्टिकल 32 का इस्तेमाल करने का अधिकारी है? ये सवाल महाराष्ट्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया है? मामला विवादित इस्लामिक स्कोलर जाकिर नाईक से जुड़ा है, जिसने अलग अलग राज्यों में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जाकिर नायक के खिलाफ भगवान गणेश पर आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते भारत के अलग अलग राज्यों में एफआईआर कराई गयी थी.
क्या कहा महाराष्ट्र सरकार ने
महाराष्ट्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सोलिसिटर जनरल ( SG ) तुषार मेहता ने कहा कि एक ऐसा शख्श जो देश छोड़कर भाग चुका है. देश के क़ानून को नहीं मानता. क्या वो अर्टिकल 32 के तहत अर्जी दाखिल करने का अधिकारी है?
क्या है मामला
ये मामला 2013 का है. इस्लामिक स्कॉलर जाकिर नाईक ने सोशल मीडिया पर भगवन गणेश को लेकर एक पोस्ट की थी. उस पोस्ट पर देशभर में काफी विवाद हुआ, जिसके बाद देश के अलग राज्यों में जाकिर नायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयीं. जाकिर नायक ने सभी एफआईआर को को एक साथ जोड़े जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
महाराष्ट्र सरकार ने ये भी पूछा कि क्या जाकिर नाईक अपनी याचिका वापस ले रहा है ?
महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश हुए SG तुषार मेहता ने अदालत के समक्ष ये भी कहा कि हमे बताया गया था कि जाकिर नाइक अपनी अर्जी को वापस ले रहा है.
इस पर कोर्ट ने जाकिर नाइक के वकील से ये स्पष्ट करने को कहा कि वो निर्देश लेकर बताए कि क्या वो अर्जी को वापस ले रहे है या नहीं.
23 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 23 अक्टूबर के लिए टालते हुए SG तुषार मेहता से कहा कि आप हलफनामा दाखिल कीजिए.
बता दें कि 2013 में जब भगवान गणेश जी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते जाकिर नाइक के खिलाफ विभिन्न राज्यों में एफआईआर दर्ज करवाई गयी थी, तो कोर्ट ने एफआईआर को एक साथ जोड़े जाने की जाकिर नाइक की अर्जी पर सुनवाई करते हुए राज्यों को नोटिस जारी किया था. साथ ही कोर्ट ने तब जाकिर नाइक को अंतरिम राहत देते हुए उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. इसके बाद 2016 में जाकिर नाइक देश छोड़कर भाग गया.