ब्रेन फॉगिंग से ब्लेडर लीक तक, महिलाओं की खराब मेंटल हेल्थ के 6 कारण
महिलाओं को नेचर ने ही ऐसा बनाया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हॉर्मोनल चेंजेज काफी अधिक होते हैं। खासतौर पर 40 के बाद ये दिक्कतें इन्हें तंग करती हैं..;
Women Health After 40: अगर आप 40 की उम्र के करीब हैं या इस पड़ाव में कदम रख चुकी हैं तो आपने अपने शरीर और मन में कुछ नए बदलावों को जरूर महसूस किया होगा। कभी लगता है दिमाग साथ नहीं दे रहा तो कभी शरीर छोटी-छोटी बातों पर जवाब देने लगता है। अगर आप सोचती हैं कि ये सिर्फ आपके साथ हो रहा है तो रुकिए! आप अकेली नहीं हैं। ये बदलाव आम हैं और 40 की उम्र के बाद लगभग हर महिला इन्हें महसूस करती है।
तो आइए, एक नज़र डालते हैं उन 6 आम लेकिन जरूरी बदलावों पर, जो महिलाओं को 40 की उम्र के बाद फेस करने पड़ते हैं। साथ ही जानें कि इन बदलावों से निपटने के सही और हेल्दी उपाय क्या हैं। क्योंकि इन बदलावों के कारण अक्सर महिलाओं की मेंटल और इमोशनल हेल्थ पर बहुत अधिक नकारात्मक असर देखने को मिलता है...
जब दिमाग कंफ्यूज होता है- ब्रेन फॉग
क्या आपको कभी-कभी ऐसा लगता है कि आपने चाबियाँ कहां रखीं, ये याद ही नहीं? या किसी का नाम याद करने में दिक्कत हो रही है? इसे हल्के में मत लीजिए। क्योंकि यह "ब्रेन फॉग" का संकेत हो सकता है। यह तब होता है, जब हार्मोनल बदलावों की वजह से दिमाग का फोकस थोड़ा कमज़ोर पड़ने लगता है। अच्छी बात यह है कि सही नींद, न्यूट्रिशन और डॉक्टर की सलाह से इसे बेहतर किया जा सकता है।
ब्लैडर पर कंट्रोल का ढीला होना
क्या आपको छींकने या हंसने पर कभी महसूस हुआ है कि यूरिन लीक हो गया? इस समस्या को फेस करने वाली भी आप अकेली नहीं हैं। क्योंकि 40 की उम्र पार कर चुकी लगभग 40% महिलाएं इस परेशानी से गुजरती हैं। पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ और हेल्थ प्रोफेशनल्स की मदद से इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
बालों का झड़ना और चेहरे पर बालों का आना
अब बात करते हैं उस बदलाव की जो सबसे पहले आइने में दिखता है — बालों का झड़ना। यह कोई छोटा बदलाव नहीं, बल्कि हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है। और जब चेहरे पर अनचाहे बाल उगने लगते हैं, खासकर ठोड़ी या ऊपरी होंठ पर, तो महिलाओं को काफी असहजता महसूस होती है। एस्ट्रोजन के कम और टेस्टोस्टेरोन के बढ़ने से ये बदलाव होते हैं। डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह और होर्मोनल बैलेंस के जरिए इसे संभाला जा सकता है।
बालों का सफेद होना - सिर्फ सिर पर नहीं
सिर्फ सिर के बाल ही सफेद नहीं होते। बल्कि 40 की उम्र के बाद शरीर के बाकी हिस्सों जैसे, हाथ-पैर, अंडरआर्म्स में भी सफेद बाल दिखने लगते हैं। ये उम्र का एक सामान्य बदलाव है। लेकिन कई महिलाएं इसे लेकर शर्म महसूस करती हैं और इसे स्वीकार नहीं कर पाती हैं। हालांकि इसे स्वीकार करना और खुद को सहज महसूस कराना बढ़ती उम्र को स्वीकारने का सबसे पहला कदम है।
हॉट फ्लशेस - जब गर्मी अंदर से उठती है
क्या आपको कभी अचानक पसीना आने लगता है, वो भी बिना किसी वजह के? शायद आप हॉट फ्लश अनुभव कर रही हैं। ये मेनोपॉज़ के दौरान सबसे आम लक्षणों में से एक है और करीब 80% महिलाएं इससे प्रभावित होती हैं। हालांकि, अगर ये बहुत ज़्यादा हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। कभी-कभी यह अन्य गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है, जैसे ब्लड क्लॉट या हार्ट डिजीज।
मूड स्विंग्स और भावनात्मक उतार-चढ़ाव
मानसिक बदलावों की बात करें तो मूड स्विंग्स, इरिटेशन या बार-बार थक जाना, इस उम्र में एक आम बात हो जाती है। कभी-कभी ये बदलाव इतने तीव्र होते हैं कि महिलाओं को खुद पर गुस्सा या निराशा भी महसूस होती है। ऐसे में अपनी इमोशनल हेल्थ को नजरअंदाज न करें- मेडिटेशन, जर्नलिंग या थेरेपी से काफी राहत मिल सकती है।
आपकी हेल्थ, आपकी ज़िम्मेदारी है
महिलाएं अपने पूरे परिवार का ध्यान रखती हैं। घर के हर सदस्य की हर छोटी-बड़ी जरूरत का इन्हें पता होता है। लेकिन अपनी सेहत और अपनी जरूरत दोनों को ही महिलाएं अक्सर अनदेखा कर देती हैं। ऐसे में जब उम्र बढ़ती है तो कुछ महिलाएं इन बदलावों के साथ सहज नहीं हो पाती हैं। हालांकि 40 की उम्र कोई डरने का मोड़ नहीं बल्कि खुद को समझने और मजबूत बनाने का समय है। शरीर और मन में हो रहे बदलावों को नजरअंदाज न करें। अगर किसी भी लक्षण को लेकर संदेह हो तो बेझिझक होकर डॉक्टर से मिलें।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।