लड़कियों की आंखों में सूखापन बढ़ा रहा आई मेकअप, डॉक्टर ने बताए उपाय

कई करियर ऐसे हैं, जहां आई मेकअप जरूरी है। ऐसा क्या करें ताकि आंखों पर बुरा असर ना पड़े? इस बारे में बता रही हैं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ऋतु अरोड़ा...;

Update: 2025-08-16 12:10 GMT
आंखें स्वस्थ रहेंगी, मेकअप करते समय ध्यान रखें डॉक्टर की बताई ये बातें

Eye Care Tips: आई मेकअप के अत्यधिक उपयोग से आंखों में सूखापन, जलन और यहां तक कि टियर ग्लैंड (आंसू ग्रंथियों) का बंद होना जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। लेकिन आई मेकअप आज के समय में केवल शौक से जुड़ी बात नहीं है कि इसे करना बंद किया जा सके। क्योंकि मॉडलिंग से लेकर मंच पर प्रस्तुति देने वाले कलाकारों से लेकर मीडिया एंकर्स, इंनफ्लूएंसर या पॉडकास्ट होस्ट होने तक। कई करियर ऐसे हैं, जहां आई मेकअप कैमरे की डिमांड होता है और इसे नियमित रूप से करना होता है। इन स्थितियों में ऐसा क्या करें ताकि आंखों पर बुरा असर ना पड़े? इस बारे में बता रही हैं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ऋतु अरोड़ा...

आंखों के मेकअप से कौन-से रोग होते हैं?

आई मेकअप के अत्यधिक उपयोग से आंखों में सूखापन, जलन और यहां तक कि टियर ग्लैंड (आंसू ग्रंथियों) का ब्लॉक होना जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।

आंख की आंसू परत (टियर फिल्म) में धब्बे (स्पॉट्स) हो जाते हैं। यह परत आंखों को नमी, सुरक्षा और पोषण देने का काम करती है, जिससे आंखों में सूखापन और कुछ किरकिरी गिरने जैसी दिक्कत का अनुभव होने लगता है।

मेकअप से मॅइबोमियन ग्लैंड्स (जिनसे आंखों में चिकनाई आती है) ब्लॉक हो सकती हैं, जिससे आंखों में जलन, सूखापन और इरिटेशन होती है।

क्या कहती हैं डॉक्टर ऋतु?

युवा महिलाओं और लड़कियों के बीच आई मेकअप बहुत लोकप्रिय है। मस्कारा और काजल के साथ सिंपल लुक बड़ी उम्र की महिलाएं भी कैरी करती हैं और हमारे यहां छोटे बच्चों को काजल लगाने का भी पुराना चलन है। लेकिन मस्कारा हो, काजल हो या आइलाइनर, इन सबको सही तरीके से ना लगाने और फिर सोने से पहले ठीक तरीके से साफ ना करने के चलते टियर ग्लैंड में इंफेक्शन की समस्या बढ़ रही है।

डॉक्टर ऋतु एक केस का उदाहरण देते हुए कहती हैं 'मेरे पास एक युवा प्रफेशनल अपनी आंखों का इलाज कराने आई थी, वो एक ऐसा केस है,जिससे खुद मैं भी हैरान हो गई थी। उन्होंने एक महीने से अपनी कृत्रिम (आर्टिफिशियल) आई-लैशेज़ नहीं हटाईं थी और उन्हें आंखों में सूखेपन की समस्या हो रही थी। हमारी युवा लड़कियां और महिलाएं मेकअप का उपयोग तो करती हैं लेकिन इससे जुड़ी पूरी जानकारी और सही साफ-सफाई के अभाव में कई तरह की परेशानियों का शिकार हो जाती हैं।'

क्या कहती है रिसर्च?

Ophthalmology Advisor की रिपोर्ट बताती है कि कई मेकअप उत्पाद आंख की आंसू परत (टियर फिल्म) की तैलीय झिल्ली (ऑइली लेयर) को पतला कर देते हैं, जिससे ये अधिक तेजी से उड़ जाती है और आंखों में खारापन बढ़ता है।

आंखों की सेहत के लिए समझें ये बात

डॉक्टर ऋतु बताती हैं कि हमारी आंखों में तीन तरह के मुख्य तरल पदार्थ (contents) होते हैं, जो आंख की सेहत और कामकाज के लिए जरूरी हैं। इन्हें आसान भाषा में समझें...

ऑइली (Oily) – यह तेल जैसा पदार्थ होता है। यह हमारी आंखों की नमी को बनाए रखता है। और आंसुओं को जल्दी सूखने से बचाता है। इसे मुख्य रूप से मेद (meibomian) ग्रंथियां बनाती हैं।

एक्वस (Aqueous) – दूसरी परत होती है एक्वा। यह पानी जैसा तरल पदार्थ होता है इसलिए इसे एक्वा लेयर कहते हैं। यह आंख को हाइड्रेटेड रखने यानी आंख में नमी बनाए रखने का काम करते हैं। ये आंख की सतह पर पोषण और ऑक्सीजन पहुंचाती है। इसे आंसू ग्रंथि (लैक्रिमल ग्लैंड) बनाती है।

म्यूकस (Mucus) – यह चिपचिपा पदार्थ होता है। यह आंसू को आंख की सतह पर फैलाने में मदद करता है। आंख की सुरक्षा करता है और संक्रमण से बचाता है। मुख्य रूप से चसक कोशिकाएं (goblet cells) इसे बनाती हैं।

संक्षेप में कहें तो ऑइली + एक्वस + म्यूस मिलकर हमारी आंखों के आंसू बनते हैं और आंखों की सुरक्षा और सेहत के लिए आंसू बहुत आवश्यक हैं। क्योंकि इन्हीं से आंखों को नमी और पोषण की प्राप्ति होती है।

लेकिन काजल, मस्कारा या आई-लाइनर को नियमित रूप से पूरा दिन लगाए रखना और रात को सोने से पहले ठीक से साफ ना करने पर वो उस ग्रंथि के छिद्र को बंद कर देते हैं, जहां से आंसू आंख में आते हैं। इसके चलते आखों में समस्या होने लगती है। इसलिए रात को सोने से पहले आंखों की सही तरीके से सफाई करना बहुत जरूरी है। 



डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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