ओजेम्पिक: फायदे भी हैं, खतरे भी! जानें किन मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती है यह दवा
Ozempic diabetes drug: डॉक्टरों का कहना है कि ओजेम्पिक टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल करने और कुछ हद तक दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करने में मददगार हो सकती है। लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।
Ozempic India launch: डायबिटीज की दवा ओजेम्पिक (Ozempic) को 12 दिसंबर को भारत में लॉन्च कर दिया गया। नोवो नॉर्डिस्क (Novo Nordisk) की यह दवा भारत में टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए उपलब्ध होगी। अमेरिका और यूरोप में यह दवा वजन घटाने के लिए वेगोवी (Wegovy) नाम से भी बेची जाती है। वहीं, भारत में इसका इस्तेमाल केवल डायबिटीज कंट्रोल के लिए किया जाएगा। ओजेम्पिक एक हफ्ते में एक बार लगाया जाने वाला इंजेक्शन है, जिसे सही खान-पान और नियमित व्यायाम के साथ लगाने की सलाह दी जाती है।
कैसे करता है काम?
ओजेम्पिक का असली नाम सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) है। यह दवा शरीर में बनने वाले GLP-1 हार्मोन की तरह काम करती है। यह हार्मोन ब्लड शुगर, भूख और पाचन को कंट्रोल करने में मदद करता है। सेमाग्लूटाइड अग्न्याशय (पैंक्रियास) को ज्यादा इंसुलिन बनाने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर बेहतर तरीके से कंट्रोल होती है। यह पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे ज्यादा खाने की इच्छा कम होती है। यह दवा प्री-फिल्ड पेन इंजेक्शन के रूप में दी जाती है, जिसे हफ्ते में सिर्फ एक बार लगाया जाता है।
खुराक और उपलब्धता
नोवो नॉर्डिस्क के अनुसार, ओजेम्पिक भारत में तीन डोज में उपलब्ध होगी:-
* 0.25 mg
* 0.5 mg
* 1 mg
यह दवा Novofine Needles नाम के पेन में आती है, जिसमें दर्द रहित इंजेक्शन की सुविधा होती है। एक पेन में चार हफ्तों की खुराक होती है।
सभी के लिए नहीं है ओजेम्पिक
डॉक्टरों ने साफ किया है कि यह दवा वजन घटाने के लिए कॉस्मेटिक तरीके से इस्तेमाल नहीं की जानी चाहिए, बल्कि केवल टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए डॉक्टर की निगरानी में ली जानी चाहिए। ओजेम्पिक हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे केवल डॉक्टर की सलाह और पूरी जांच के बाद ही शुरू किया जाना चाहिए।
किन लोगों को ओजेम्पिक नहीं लेनी चाहिए?
* जिनके परिवार या खुद के इतिहास में मेडुलरी थायरॉइड कैंसर रहा हो
* MEN-2 (मल्टीपल एंडोक्राइन नियोप्लासिया टाइप-2) से पीड़ित लोग
* टाइप-1 डायबिटीज के मरीज
* 18 साल से कम उम्र के बच्चे और किशोर
* सेमाग्लूटाइड से एलर्जी वाले लोग
* गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं
डॉक्टरों का यह भी कहना है कि जिन लोगों को पहले पैंक्रियाटाइटिस, गंभीर पेट संबंधी बीमारियां, डायबिटिक रेटिनोपैथी रही हो या जो गर्भधारण की योजना बना रहे हों, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। अगर कोई महिला ओजेम्पिक ले रही है और गर्भधारण की योजना बना रही है तो उसे कम से कम दो महीने पहले दवा बंद करनी चाहिए।
थायरॉइड और टाइप-1 डायबिटीज मरीज क्यों रहें दूर?
थायरॉइड से जुड़ी समस्या वाले लोगों के लिए ओजेम्पिक में चेतावनी दी गई है। जानवरों पर हुए अध्ययनों में यह पाया गया कि यह दवा थायरॉइड की कुछ कोशिकाओं को प्रभावित कर सकती है, जिससे ट्यूमर बनने का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि इंसानों में इसकी पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी एहतियात जरूरी है। वहीं, टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों में यह दवा खतरनाक हो सकती है। क्योंकि उनका शरीर खुद इंसुलिन नहीं बनाता। इससे डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (DKA) और लो ब्लड शुगर का खतरा बढ़ सकता है।
डॉक्टरों का कहना है कि ओजेम्पिक टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल करने और कुछ हद तक दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करने में मददगार हो सकती है। लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। जैसे कि मतली और उल्टी, पित्ताशय (गॉलब्लैडर) की समस्याएं और ब्लड शुगर का अत्यधिक कम होना। यह दवा हर मरीज के लिए एक जैसी नहीं है। इसे केवल पूरी मेडिकल जांच के बाद, विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा ही लिखना चाहिए।
(डिस्क्लेमर: यह कंटेंट सिर्फ़ सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से क्वालिफाइड मेडिकल राय का विकल्प नहीं है। ज़्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी स्पेशलिस्ट या अपने डॉक्टर से सलाह लें।)