एक्सपर्ट ने बताए मिलावटी दूध की पहचान के आसान तरीके, घर में ऐसे जाचें

दूध पहले से ही पूरी तरह प्योर नहीं मिल पा रहा है। उस पर मार्केट में आने के बाद सिंथेटिक फैट, डिटर्जेंट जैसी चीजें मिलाकर इसे अधिक हानिकारक बना दिया जाता है...;

Update: 2025-05-12 11:36 GMT
Pure milk adulteration test
घर में ऐसे जांचें दूध की मिलावट
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Milk Adulteration: खाने-पीने की चीजों में मिलावट का खतरा बहुत अधिक बना रहता है। दूध भी इस मिलावट के जाल से नहीं बच पा रहा है। गाय-भैंस को जो चारा खिलाया जाता है, उसमें आए पेस्टिसाइट्स से लेकर अधिक दूध निकालने के लालच में दिए गए इंजेक्शन तक... दूध पहले से ही पूरी तरह प्योर नहीं मिल पा रहा है। उस पर मार्केट में आने के बाद अधिक मुनाफा कमाने के लालच में सिंथेटिक फैट, डिटर्जेंट जैसी चीजें मिलाकर इसे सेहत के लिए और अधिक हानिकारक बना दिया जाता है।

ऐसे में ये जरूरी है कि हर व्यक्ति को असली और मिलावटी दूध के बीच अंतर करना आता हो। ताकि आप और आपका परिवार हानिकारक बीमारियों की चपेट में आने से बचा रहे। डॉक्टर अबरार मुलतानी बता रहे हैं, घर बैठे असली और नकली दूध में अंतर पता करने की विधियां...

पानी की मिलावट का टेस्ट

एक साफ कांच के गिलास में थोड़ा दूध लें और उसे एक ढलान वाली सतह पर डालें। अगर दूध सफेद निशान छोड़ता है तो वह शुद्ध है। अगर वह पानी की तरह बह जाए बिना निशान छोड़े तो उसमें पानी मिला हो सकता है। या एक बूंद दूध को किसी चिकनी सतह (जैसे कांच या पत्थर) पर टपकाएं। अगर बूंद स्थिर रहती है तो दूध शुद्ध है। अगर वह फैल जाए तो पानी मिला हो सकता है।

डिटर्जेंट की मिलावट का टेस्ट

एक टेस्ट ट्यूब या छोटी बोतल में 5-10 मिली दूध लें और उतनी ही मात्रा में पानी मिलाएं। अब इसे 1 मिनट तक जोर से हिलाएं। अगर झाग बनता है, जो लंबे समय तक रहता है तो दूध में डिटर्जेंट हो सकता है। शुद्ध दूध में झाग कम होता है और जल्दी खत्म हो जाता है।

स्टार्च की मिलावट का टेस्ट

आप 5 मिली दूध में 2-3 बूंद आयोडीन टिंचर (Iodine solution) मिलाएं। अगर दूध का रंग नीला हो जाए तो उसमें स्टार्च मिला है। शुद्ध दूध का रंग नहीं बदलता।

यूरिया की मिलावट का टेस्ट

5 मिली दूध में 1-2 बूंद सोयाबीन पाउडर का घोल या अरहर दाल का पाउडर मिलाएं। अब 5 मिनट बाद लाल लिटमस पेपर डुबोएं। अगर लिटमस पेपर का रंग नीला हो जाए तो दूध में यूरिया होने की आशंका अधिक है।

चीनी या ग्लूकोज की मिलावट

दूध को हल्का गर्म करें और उसमें बेनेडिक्ट सॉल्यूशन (Benedict’s solution) की कुछ बूंदें डालें। अगर दूध का रंग नारंगी या लाल हो जाए तो उसमें चीनी या ग्लूकोज मिला हो सकता है।

नकली दूध (सिंथेटिक दूध) का टेस्ट

नकली दूध में अक्सर डिटर्जेंट, यूरिया, या वनस्पति तेल मिलाया जाता है। इसे सूंघने पर हल्की डिटर्जेंट जैसी गंध या साबुन जैसा स्वाद आ सकता है। दूध को गर्म करने पर वह जल्दी फट सकता है या असामान्य गंध दे सकता है।

फॉर्मेलिन की मिलावट

आप 10 मिली दूध में 5 मिली सल्फ्यूरिक एसिड (कॉन्सन्ट्रेटेड) सावधानी से मिलाएं। अगर दूध के ऊपर बैंगनी रंग की रिंग बनती है तो उसमें फॉर्मेलिन हो सकता है। (यह टेस्ट सावधानी से करें। क्योंकि सल्फ्यूरिक एसिड खतरनाक होता है।)

नोट: ये तरीके घरेलू स्तर पर मिलावट की पहचान में मदद कर सकते हैं। लेकिन पक्के परिणाम के लिए लैब टेस्ट सबसे विश्वसनीय है।

नकली दूध से स्वास्थ्य जोखिम

नकली दूध का सेवन करने से पेट दर्द, उल्टी, किडनी की समस्याएं हो सकती हैं। और यदि आप लंबे समय तक ऐसे मिलावटी दूध का सेवन करते रहते हैं तो आपको लिवर, किडनी डैमेज, हार्ट प्रॉब्लम्स जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह विशेष रूप से खतरनाक है। इसलिए इन्हें नियमित रूप से दूध देने से पहले जांच कर लेना समझदारी भरा कदम होगा।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना इसका उद्देश्य नहीं है।

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