आर्टिफिशियल स्वीटनर से बढ़ा हार्ट डिजीज़ का खतरा! जरूर पढ़ें ये खबर

पतला और फिट होने के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर्स अपनाते हैं तो इन 6 विकल्पों के नाम जरूर जान लें। इन्हें अमेरिकी फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने सुरक्षित माना है...;

Update: 2025-02-21 18:21 GMT

Artificial Sweetener And Heart Health: बात जब पतला होने, वजन घटाने या हार्ट की सेहत को सुधारने की आती है तो सबसे पहले चीनी और इससे बनने वाले खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। ज्यादातर लोग चीनी को छोड़कर आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को अपनाने की सलाह देते हैं। क्योंकि इन्हें चीनी की तुलना में कम कैलोरी वाला विकल्प माना जाता है। यदि आप भी ऐसा करते हैं या आपको हार्ट से जुड़ी बीमारी का खतरा है तो यह खबर आपके लिए ही है...


आर्टिफिशियल स्वीटनर और इनकी मीठास

आर्टिफिशियल स्वीटनर (Artificial Sweetener) यानी शुगर का कम-कैलोरी वाला विकल्प, जिसे लोग वजन घटाने और ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए अपनाते हैं, क्या ये सच में सुरक्षित हैं? 'मेडिकल न्यूज टुडे' में प्रकाशित ताज़ा शोध के मुताबिक, Aspartame जैसे स्वीटनर शरीर में इंसुलिन स्पाइक्स (Insulin Surges) ट्रिगर कर सकते हैं, जिससे दिल की बीमारियों (Heart Disease) का खतरा बढ़ सकता है। क्योंकि ये स्वीटनर साधारण शुगर से कई गुना ज्यादा मीठे होते हैं इसलिए बहुत कम मात्रा में इनका उपयोग किया जाता है। इन्हें मुख्य रूप से डायट ड्रिंक्स, बेक्ड फूड्स, चॉकलेट, जैम, सॉस और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में किया जाता है। अमेरिकी FDA (Food and Drug Administration) ने छह आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को सुरक्षित माना है...

१. Aspartame (Nutrasweet, Equal, Sugar Twin)

२. Saccharin (Sweet’N Low)

३. Acesulfame Potassium (Sunett, Sweet One)

४. Sucralose (Splenda)

५. Neotame

६. Advantame

कैसे किया गया ये शोध?

हाल ही में Cell Metabolism जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, Aspartame इंसुलिन स्पाइक्स को बढ़ाकर Atherosclerosis (धमनियों में फैटी प्लाक्स का जमना) की प्रक्रिया तेज़ कर सकता है। यह स्थिति हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती है। इस रिसर्च में माइस (चूहों) पर अध्ययन किया गया, जिसमें उन्हें रोज़ 0.15% Aspartame वाला खाना दिया गया। यह मात्रा तीन कैन (लगभग 1 लीटर) डाइट सोडा के बराबर थी। शोध में 12 हफ्तों बाद देखा गया कि...

  • Aspartame खाने वाले चूहों में इंसुलिन का स्तर लगातार ऊंचा बना रहा।
  • चार हफ्तों में ही उनकी धमनियों में फैटी प्लाक्स बनने लगे।
  • 8 से 12 हफ्तों में प्लाक्स का जमना बढ़ता गया।
  • आश्चर्यजनक रूप से, जो चूहे सामान्य शुगर खा रहे थे, उनमें प्लाक 12वें हफ्ते में ही बना।

इंसुलिन स्पाइक्स और हार्ट डिजीज़ का कनेक्शन

शरीर में इंसुलिन (Insulin) का स्तर बढ़ने से कई समस्याएं हो सकती हैं। रिसर्च के मुताबिक, Aspartame की अधिक मिठास शरीर के स्वीटनेस रिसेप्टर्स को भ्रमित कर देती है, जिससे अधिक मात्रा में इंसुलिन रिलीज़ होता है। लंबे समय तक हाई इंसुलिन लेवल के ये प्रभाव होता है...

  • इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance) – जिससे टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा बढ़ता है।
  • ब्लड वेसल डैमेज (Blood Vessel Damage) – जिससे हार्ट डिजीज़ और हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है।
  • CX3CL1 नामक इंफ्लेमेटरी सिग्नल का बढ़ना, जिससे धमनियों में प्लाक्स जमने की प्रक्रिया तेज़ हो सकती है।

डाइट सोडा और मेटाबॉलिक डिज़ीज़

कई लोग डाइट सोडा को शुगर वाली ड्रिंक्स से बेहतर मानते हैं। लेकिन यह रिसर्च बताती है कि डाइट सोडा पीने वाले लोगों में भी मेटाबॉलिक डिज़ीज़ का खतरा बना रहता है। लगातार हाई इंसुलिन लेवल इंसुलिन रेजिस्टेंस और कार्डियोवैस्कुलर डिज़ीज़ की संभावना को बढ़ा सकता है।

क्या Aspartame को लिमिट करना ज़रूरी है?

इस शोध के नतीजों को इंसानों पर पूरी तरह लागू करने से पहले और अध्ययन की ज़रूरत है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों को हार्ट डिजीज़ या इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा है, उन्हें आर्टिफिशियल स्वीटनर का सेवन सीमित करना चाहिए।

क्या करें?

  • संयम से सेवन करें: FDA के मुताबिक, Aspartame की सेफ लिमिट 50mg/kg बॉडी वेट प्रति दिन है।
  • प्राकृतिक विकल्प चुनें: शहद, गुड़, स्टीविया, और खजूर जैसे नैचुरल स्वीटनर बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
  • संतुलित आहार अपनाएं: प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड कम करें और संपूर्ण आहार पर ध्यान दें।

क्या Aspartame सुरक्षित है?

Aspartame और अन्य आर्टिफिशियल स्वीटनर को लेकर अभी भी शोध जारी हैं। अगर आप पहले से डायबिटीज़, हाई BP या हार्ट डिजीज़ के जोखिम में हैं तो इनका इस्तेमाल सोच-समझकर करें। फिलहाल, संतुलित और प्राकृतिक डाइट पर फोकस करना सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है!

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