ओमेगा-3 फैटी एसिड से जुड़ी हर वो बात, जो आपको जरूर पता होनी चाहिए
ओमेगा-3 सप्लीमेंट लेने का फैसला आपके खानपान और मेडिकल सलाह पर निर्भर होना चाहिए। फैशन या ट्रेंड के पीछे भागने से बेहतर है कि आप जानकारी के आधार पर फैसला लें...;
Omega-3 Supplements: आपने मेडिकल स्टोर या ऑनलाइन साइट्स पर ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स जरूर देखे होंगे। फिश ऑयल कैप्सूल, क्रिल ऑयल, फ्लैक्ससीड ऑयल इत्यादि। इनके पैकेट पर दिल की सेहत, दिमाग़ की शक्ति और चमकती त्वचा का वादा लिखा होता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या आपको रोज़ाना ओमेगा-3 की गोली लेनी चाहिए? या क्या आपके खाने से ही ये ज़रूरी फैटी एसिड मिल सकते हैं? इसी से जुड़े वे जरूरी सवालों के जवाब, जो आपको जरूर पता होने चाहिए...
ओमेगा-3 क्या होता है?
सबसे पहले समझते हैं कि ओमेगा-3 होता क्या है। यह एक प्रकार का पॉलीअनसेचुरेटेड फैट है, जिसे “अच्छी चर्बी” कहा जाता है। क्योंकि यह आपके शरीर के कई जरूरी कामों में मदद करता है। इसके तीन मुख्य प्रकार हैं-
ALA (अल्फा-लिनोलेनिक एसिड), जो फ्लैक्ससीड, अखरोट जैसे पौधों के तेलों में मिलता है, EPA (आइकोसापेंटेनोइक एसिड) और DHA (डोकोसाहेक्सेनोइक एसिड), जो मुख्य रूप से फैटी फिश जैसे सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन में पाए जाते हैं। आपका शरीर इन फैटी एसिड्स को खुद नहीं बना सकता, इसलिए इन्हें खाने या सप्लीमेंट्स से लेना ज़रूरी होता है।
क्यों इतनी चर्चा है ओमेगा-3 की?
अब सवाल उठता है कि आखिर ओमेगा-३ की इतनी चर्चा क्यों है? शोध बताते हैं कि ओमेगा-3 शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है। यह खासकर दिल की बीमारियों, गठिया और कुछ प्रकार के कैंसर से जुड़ी सूजन को कम करने में असरदार है। JAMA Cardiology (2019) में प्रकाशित एक बड़ी स्टडी के अनुसार, ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स लेने से हार्ट अटैक और कार्डियोवैस्कुलर डेथ का खतरा थोड़ा कम होता है, लेकिन यह असर ज्यादा उन लोगों में देखा गया जो पहले से दिल की बीमारी से पीड़ित थे। स्वस्थ लोगों में यह लाभ सीमित पाया गया।
क्या दिमाग के लिए भी फायदेमंद है?
अगर दिमाग की सेहत की बात करें तो नतीजे थोड़े मिले-जुले हैं, DHA आपके दिमाग के विकास और काम के लिए जरूरी है। Neurology (2016) की एक स्टडी के मुताबिक जिन बुजुर्गों के खून में DHA की मात्रा ज्यादा थी, उनका कॉग्निटिव परफॉर्मेंस बेहतर था। लेकिन Cochrane रिव्यू (2018) बताता है कि अगर आप पहले से नियमित रूप से मछली खाते हैं तो सप्लीमेंट लेने से याददाश्त या डिमेंशिया से बचाव में ज्यादा फायदा नहीं होता।
क्या सभी को ओमेगा-3 सप्लीमेंट लेना चाहिए?
रिसर्च के अनुसार, ये उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद हैं, जो मछली नहीं खाते। जिनके ट्राइग्लिसराइड लेवल ज्यादा हैं या जिन्हें कुछ इंफ्लेमेटरी डिज़ीज़ हैं। अगर आप वेजिटेरियन हैं या फिश से एलर्जी है तो एल्गी से बने प्लांट-बेस्ड ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
क्या हम ओमेगा-3 की कमी पूरी कर सकते हैं डाइट से?
एक और बात ध्यान देने वाली है कि आम पश्चिमी डाइट में ओमेगा-6 फैट्स (जो वेजिटेबल ऑयल और प्रोसेस्ड फूड्स में ज्यादा होते हैं) ज्यादा होते हैं और ओमेगा-3 कम। यह असंतुलन शरीर में सूजन बढ़ा सकता है। ओमेगा-3 की मात्रा बढ़ाने से यह बैलेंस बेहतर हो सकता है, हालांकि वैज्ञानिक मानते हैं कि केवल सप्लीमेंट लेने से ज्यादा जरूरी है कि आप अपनी पूरी डाइट सुधारें।
कितनी मात्रा में चाहिए ओमेगा-3?
अब आप सोच रहे होंगे कि मुझे कितनी मात्रा में ओमेगा-3 चाहिए? American Heart Association के अनुसार, वयस्कों को हफ्ते में कम से कम दो बार फैटी फिश खानी चाहिए, जिससे लगभग 250–500 mg EPA और DHA प्रतिदिन मिल जाता है। जिन लोगों को दिल की बीमारी है, उन्हें डॉक्टर की सलाह से ज्यादा डोज की जरूरत हो सकती है। सप्लीमेंट्स में आमतौर पर 300–1000 mg EPA और DHA होता है। लेकिन ज्यादा लेना हमेशा बेहतर नहीं होता। ज्यादा डोज से ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है, खासकर अगर आप ब्लड थिनर दवा ले रहे हैं।
क्या इसके कोई साइड इफेक्ट भी हैं?
कई लोग पूछते हैं कि क्या इसके कोई साइड इफेक्ट हैं? ज्यादातर लोगों के लिए ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स सुरक्षित हैं, हालांकि कुछ लोगों को डाइजेस्टिव प्रॉब्लम, डकार या फिशी आफ्टरटेस्ट हो सकता है। खाने के साथ लेने या एंटरिक-कोटेड कैप्सूल चुनने से ये परेशानी कम हो सकती है।
सप्लीमेंट सही हैं या नहीं?
तो कुल मिलाकर, ओमेगा-3 सप्लीमेंट कुछ लोगों के लिए मददगार हो सकते हैं। लेकिन यह हर किसी के लिए जरूरी नहीं है। अगर आप पहले से मछली खा रहे हैं और संतुलित आहार ले रहे हैं तो शायद आपको इसकी जरूरत न पड़े। लेकिन अगर आप सीफूड नहीं खाते या कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं तो सप्लीमेंट आपकी न्यूट्रिशनल जरूरत पूरी कर सकता है।
सिर्फ गोली पर निर्भर होने से बेहतर है कि पहले अपनी डाइट पर ध्यान दें। क्या आप अपनी थाली में सैल्मन, सार्डिन, अखरोट, चिया सीड्स या फ्लैक्ससीड्स जोड़ सकते हैं? खाने के जरिए मिलने वाले पोषक तत्व सप्लीमेंट्स से बेहतर होते हैं। सप्लीमेंट्स को डाइट का पूरक समझें, उसका विकल्प नहीं।
आखिर में, ओमेगा-3 सप्लीमेंट लेने का फैसला आपके खानपान, स्वास्थ्य लक्ष्यों और मेडिकल सलाह पर निर्भर होना चाहिए। फैशन या ट्रेंड के पीछे भागने से बेहतर है कि आप जानकारी के आधार पर फैसला लें। ताकि आपका शरीर वही पाए, जिसकी उसे जरूरत है।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह करें।