कम उम्र में अधिक दर्द झेल रहा है आज का युवा, कोई मजबूरी नहीं ये है वजह

इनके पास जितनी सुविधाएं हैं, ये उतने ही परेशान भी हैं! इनकी परेशानी का कारण कोई मजबूरी नहीं बल्कि ज्यादातर मामलों में लापरवाही है। इसीलिए ये दर्द भी अधिक झेल...;

Update: 2025-05-14 18:09 GMT
कम उम्र में अधिक दर्द झेल रहे हैं आज के युवा, जान लें बचाव के उपाय

Shoulder Pain Cause And Treatment:   आजकल युवा वर्ग में कंधे के दर्द (Shoulder Pain) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। जहां पहले यह परेशानी बुजुर्गों में देखी जाती थी, अब 20 से 35 साल की उम्र के लोग भी इस दर्द से परेशान हैं। लंबे समय तक बैठकर काम करना, गलत पोस्चर, मोबाइल और लैपटॉप का अत्यधिक प्रयोग, और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं। यह समस्या सिर्फ असुविधा तक सीमित नहीं रहती बल्कि धीरे-धीरे यह रोज़मर्रा की गतिविधियों को प्रभावित करने लगती है।

क्यों हो रही है मसल्स प्रॉब्लम?

एक शोध के अनुसार, 18 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के लगभग 35% युवा किसी न किसी रूप में कंधे, गर्दन या पीठ दर्द से पीड़ित हैं। खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में जहां युवाओं का अधिकांश समय कंप्यूटर और स्मार्टफोन पर बीतता है, वहां यह आंकड़ा और भी ज्यादा है। Journal of Orthopaedic Research (2022) में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया कि लंबे समय तक टेक्स्टिंग या टाइपिंग करने से कंधे की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे सूजन और दर्द होता है।

कंधे में दर्द के प्रमुख कारण

गलत पोस्चर: लगातार झुककर बैठना, कंधों को गोल करना या कुर्सी पर सही सपोर्ट के बिना बैठना मांसपेशियों को तनाव में डालता है।

टेक्स्ट नेक और मोबाइल सिंड्रोम: सिर को लगातार आगे झुकाकर मोबाइल देखना गर्दन और कंधों पर भार बढ़ाता है।

वर्क फ्रॉम होम कल्चर: बिना एर्गोनॉमिक सेटअप के लैपटॉप पर घंटों काम करना कंधों की परेशानी बढ़ाता है।

फिजिकल एक्टिविटी की कमी: एक्सरसाइज या स्ट्रेचिंग की कमी से मांसपेशियां जकड़ने लगती हैं।

वेट ट्रेनिंग में गलती: बिना सही टेक्नीक के जिम में एक्सरसाइज करने से मांसपेशियों में चोट लग सकती है।

तनाव और मानसिक थकान: स्ट्रेस से शरीर की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं, जो दर्द का कारण बन सकती हैं।

कंधे के दर्द से कैसे बचें?

सही पोस्चर अपनाएं

पीठ सीधी और कंधे पीछे रखें

मोबाइल या लैपटॉप आंखों के स्तर पर रखें

कुर्सी में पीठ और गर्दन को सपोर्ट दें

हर घंटे ब्रेक लें

हर 30 से 60 मिनट में उठकर चलें, हल्की स्ट्रेचिंग करें

एक्सरसाइज और योग अपनाएं

रोज 15-20 मिनट कंधों की स्ट्रेचिंग, सूर्य नमस्कार और कंधा घुमाने की क्रियाएं लाभदायक होती हैं

ठंडी और गर्म सिकाई

अगर दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर की सलाह से बर्फ या गर्म पानी की थैली से सिकाई करें

सही तकिया और गद्दे का प्रयोग

नींद के समय गर्दन और कंधे को पर्याप्त सपोर्ट देने वाले तकिये का इस्तेमाल करें

कंधे के दर्द का इलाज क्या है?

यदि कंधे का दर्द लगातार बना रहे, सूजन आ जाए, हाथ ऊपर उठाना मुश्किल हो या सोने में परेशानी होने लगे तो ऑर्थोपेडिक या फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श जरूर लें। डॉक्टर की सलाह पर MRI या X-ray की जरूरत पड़ सकती है। इसका पालन करें ताकि सही कारण पहचाना जा सके।

कंधे के दर्द के कौन से इलाज हैं?

फिजियोथेरेपी: कई मामलों में फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा बताए गए स्ट्रेच और व्यायाम से राहत मिलती है।

मालिश थेरेपी: प्रशिक्षित थेरेपिस्ट द्वारा की गई मसाज मांसपेशियों को आराम देती है।

दवाएं: दर्द निवारक और सूजन कम करने वाली दवाएं डॉक्टर की सलाह से ली जा सकती हैं।

एक्यूप्रेशर/एक्यूपंक्चर: कुछ मामलों में यह वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियाँ भी लाभदायक साबित होती हैं।

कंधे का दर्द अब केवल उम्रदराज़ लोगों की समस्या नहीं रही बल्कि युवाओं के लिए भी यह एक आम लेकिन गंभीर चुनौती बन गई है। इसे नजरअंदाज करना भविष्य में अधिक गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए सही दिनचर्या, नियमित व्यायाम और टेक्नॉलजी के लिमिटेड यूज से न सिर्फ दर्द से बचा जा सकता है बल्कि शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ और सक्रिय रखा जा सकता है।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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