जानें, बॉडी के लिए बेहद जरूरी थायरॉइड हॉर्मोन, कब-कैसे बनता है बीमारी?
चौंकाने वाली बात यह है कि 4.2 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं और उनमें से एक तिहाई को पता भी नहीं है। यहां जानें इसके लक्षण, कारण, बचाव और उपचार...;
Thyroid Care: हमारी गर्दन के सामने ट्रेकिया (श्वासनली) के चारों ओर तितली के आकार में फैली होती है थायरॉइड ग्लैंड। ये ग्लैंड हमारे शरीर का एक छोटा लेकिन बेहद महत्वपूर्ण अंग है। इसी ग्रंथि से निकलता है थायरॉइड हार्मोन, जो शरीर के कई जरूरी कामों को कंट्रोल करता है। जैसे, मेटाबोलिक क्रियाओं को नियंत्रित करना।
मेटाबोलिज्म यानी शरीर में ऊर्जा का उत्पादन और उपयोग- इसी प्रक्रिया से हमारी हर क्रिया संचालित होती है, जैसे सांस लेना, खाना पचाना, दिल की धड़कन और यहां तक कि सोचना भी! लेकिन जब थायरॉइड अपना काम ठीक से नहीं करता, तब कहानी बदल जाती है।
थायरॉइड की गड़बड़ी: असर पूरे शरीर पर
अगर शरीर में थायरॉइड हार्मोन ज्यादा बनने लगे तो इसे हाइपरथायरायडिज्म कहते हैं। और अगर हार्मोन की मात्रा कम हो जाए तो यह हाइपोथायरायडिज्म कहलाता है। दोनों ही स्थितियां स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं और अक्सर इलाज और दवाइयों की जरूरत पड़ती है।
क्यों महिलाओं में ज्यादा होती है थायरॉइड की समस्या?
भारत में हर 10 में से 1 व्यक्ति थायरॉइड की समस्या से जूझ रहा है, लेकिन महिलाओं में इसकी संख्या और भी ज्यादा है। हार्मोनल असंतुलन, डिलीवरी के बाद शारीरिक बदलाव, स्ट्रेस और आयोडिन की कमी इसके मुख्य कारण हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि 4.2 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं और उनमें से एक तिहाई को पता भी नहीं है।
थायरॉइड की वजहें जानिए
थायरॉयडिटिस: थायरॉइड ग्रंथि में सूजन, जिससे हार्मोन कम बनते हैं।
हाशिमोटो थायरॉयडिटिस: एक ऑटोइम्यून बीमारी, जहां शरीर का इम्यून सिस्टम थायरॉइड पर हमला करता है।
प्रसव के बाद थायरॉयडिटिस: 5-9% महिलाओं में डिलीवरी के बाद होती है, लेकिन अक्सर अस्थायी रहती है।
आयोडीन की कमी: हार्मोन निर्माण में रुकावट।
जन्मजात थायरॉइड समस्या: यदि जन्म से ही थायरॉइड ठीक से काम नहीं कर रहा हो तो भविष्य में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
थायरॉइड के लक्षण
थकान, ठंड के प्रति संवेदनशीलता, कब्ज़, ड्राई स्किन, वजन बढ़ना, चेहरे का सूजना, आवाज में भारीपन, बाल झड़ना और त्वचा का मोटा होना। कुछ मरीजों में एंग्जाइटी, मलत्याग में बढ़ोतरी, हाथ कांपना और गर्मी सहन न कर पाना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
थायरॉइड की जांच कैसे होती है?
चूंकि थायरॉइड के लक्षण अन्य बीमारियों जैसे दिखते हैं इसलिए सही डायग्नोसिस के लिए ब्लड टेस्ट, इमेजिंग टेस्ट और फिजिकल एग्जामिनेशन किए जाते हैं।
थायरॉइड का इलाज कैसे होता है?
हाइपरथायरायडिज्म के लिए: एंटी-थायराइड दवाइयां (जैसे मेथिमाजोल), रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी, बीटा ब्लॉकर्स से लक्षणों का कंट्रोल, थायरॉइड सर्जरी (थायरॉयडेक्टॉमी)
हाइपोथायरायडिज्म के लिए: लेवोथायरोक्सिन जैसी थायराइड रिप्लेसमेंट दवाइयां।
क्या थायरॉइड की वजह से बाल झड़ते हैं?
जी हां, हाइपोथायरायडिज्म के कारण बाल झड़ सकते हैं। अगर आपको भी बाल झड़ने की समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
थायरॉइड में क्या खाएं और क्या नहीं?
बचाव के लिए परहेज करें: आयोडिन युक्त नमक, मछली, सी शैवाल, डेयरी उत्पाद, और आयोडिन सप्लीमेंट से दूर रहें।
फायदेमंद फूड्स खाएं: वर्जिन ऑलिव ऑयल, फ्लैक्स सीड ऑयल, कच्चे नट्स और सीड्स, एवोकाडो को डाइट में शामिल करें। ये अच्छे फैट्स थायरॉइड हेल्थ को बेहतर करते हैं।
थायरॉइड की समस्या को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। अगर समय रहते डायग्नोसिस और सही इलाज हो तो इस बीमारी के प्रभाव को काफी हद तक रोका जा सकता है। इसलिए अगर कोई भी लक्षण नज़र आएं तो डॉक्टर से सलाह लें और अपनी सेहत को प्राथमिकता दें। क्योंकि सेहत से बड़ा कोई खजाना नहीं!
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के लिए लिखा गया है। कोई भी सलाह अपनाने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें।