संक्रामक रोगियों में मौत की एक बड़ी वजह है टीबी, ये है इसका बेसिक कारण

आपको जानकर हैरानी होगी कि टीबी से संक्रमित हर व्यक्ति में टीबी के लक्षण नजर नहीं आते! बल्कि कुछ लोगों में लक्षण तब दिखते हैं, जब उनकी इम्युनिटी वीक पड़ती है...;

Update: 2025-04-27 10:34 GMT
संक्रामक रोगों और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होते ही हावी हो जाती है टीबी की बीमारी

टीबी (Tuberculosis) एक संक्रामक रोग है, जो Mycobacterium tuberculosis नामक जीवाणु के कारण होता है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है (Pulmonary TB)। लेकिन इसके लक्षण और प्रभाव शरीर के लगभग हर अंग में देखे जा सकते हैं, जैसे कि लसिका ग्रंथियां, पाचन तंत्र, हृदय, आंखें, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system) और जननांग प्रणाली (Genitourinary System)।

TB संक्रमण का स्वरूप दो प्रकार का हो सकता है

सक्रिय टीबी (Active TB): जिसमें लक्षण स्पष्ट रूप से सामने आते हैं।

लेटेंट टीबी (Latent TB): जिसमें व्यक्ति संक्रमित होता है लेकिन लक्षण नहीं दिखते।

लेटेंट संक्रमण तब सक्रिय हो सकता है जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) किसी कारणवश कमजोर हो जाए, जैसे कि अनियंत्रित डायबिटीज़, स्टेरॉयड थेरेपी, शराब का सेवन, कुपोषण या कैंसर और कीमोथेरेपी जैसी स्थितियां।

टीबी की महामारी संबंधी स्थिति

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत विश्व में सबसे अधिक टीबी रोगियों वाला देश है। यहां की लगभग 40% वयस्क आबादी लेटेंट टीबी से संक्रमित मानी जाती है।

टीबी कैसे फैलती है?

फेफड़ों की टीबी एक उच्च संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या थूकने से वातावरण में फैलती है। इसके प्रसार को कम करने के लिए मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और खांसते समय उचित शिष्टाचार अपनाना अत्यंत आवश्यक है। निकट संपर्क में रहने वाले व्यक्ति, जैसे परिवार के सदस्य, टीबी संक्रमण के उच्चतम जोखिम में होते हैं।

एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी (Extrapulmonary TB)

जब टीबी फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों जैसे हड्डियों, गुर्दों, मस्तिष्क आदि को प्रभावित करती है, तो उसे एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी कहा जाता है। यह प्रायः संक्रामक नहीं होती लेकिन एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों में इसका खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, एचआईवी रोगियों में एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी के गंभीर लक्षण विकसित होने की संभावना सामान्य आबादी की तुलना में तीन गुना अधिक होती है।

टीबी के सामान्य लक्षण

लगातार दो सप्ताह से अधिक खांसी

बलगम में खून आना

हल्का बुखार, विशेषकर शाम के समय

वजन में गिरावट

अत्यधिक थकान

सांस लेने में कठिनाई

विशेष रूप से मस्तिष्क में टीबी संक्रमण (ट्यूबरकुलस मैनिंजाइटिस) सबसे घातक प्रकार है, जो दौरे, मानसिक भ्रम, यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकता है।

टीबी का निदान कैसे किया जाता है?

टीबी के निदान के लिए कई तकनीकों का सहारा लिया जाता है...

रेडियोलॉजी जांच: सीने का एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई

माइक्रोबायोलॉजिकल परीक्षण: जीन एक्सपर्ट (CBNAAT), AFB कल्चर

पैथोलॉजी जांच: लसिका ग्रंथियों, ऊतकों में ग्रैन्युलोमा की पहचान

कभी-कभी, टीबी का निदान पूर्ण पुष्टिकरण के बिना क्लिनिकल लक्षणों के आधार पर अनुमानित रूप से भी किया जाता है।

टीबी का उपचार

टीबी के लिए बहु-दवा चिकित्सा (Multi-drug Therapy) आवश्यक है, जिसमें दवाइयों का सेवन लगातार 6 से 12 महीने तक करना होता है।

MDR (Multidrug-Resistant TB) और XDR (Extensively Drug-Resistant TB) मामलों में उपचार अवधि और जटिलताएं दोनों बढ़ जाती हैं।

उपचार के दौरान यकृत (liver), गुर्दे (kidneys) और अन्य अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर कुपोषित या पहले से बीमार रोगियों में।

रोकथाम (Prevention Strategies)

टीबी से बचाव उपचार से कहीं अधिक प्रभावी और आवश्यक है। रोकथाम के लिए निम्नलिखित बिंदु महत्वपूर्ण हैं:

BCG टीकाकरण

भारत सहित कई देशों में बच्चों को जन्म के समय बीसीजी टीका लगाया जाता है, जो बचपन में टीबी संक्रमण के गंभीर रूपों से रक्षा करता है।

स्वच्छता का पालन

टीबी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना, नियमित हाथ धोना और व्यक्तिगत स्वच्छता के नियमों का पालन संक्रमण जोखिम को कम कर सकता है।

मास्क का उपयोग

सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनना और संक्रमित व्यक्ति के आस-पास सावधानी बरतना अत्यंत जरूरी है।

समय पर निदान और उपचार

शुरुआती चरण में टीबी का पता लगने से उपचार की सफलता दर 85% से अधिक होती है। देरी से निदान मृत्यु दर को तीन गुना तक बढ़ा सकता है (WHO रिपोर्ट, 2022)।

इम्युनिटी को मजबूत बनाए रखना

इम्युनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद आवश्यक है। प्रोसेस्ड फूड, धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचना अत्यंत जरूरी है।

टीबी एक पुरानी लेकिन अभी भी गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती है। इस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में सबसे महत्वपूर्ण हथियार हैं जागरूकता, समय पर पहचान, सही उपचार और रोकथाम रणनीतियों का पालन। इम्युनिटी को सुदृढ़ बनाना न केवल टीबी से बल्कि अन्य संक्रामक बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। आज के वैश्विक परिदृश्य में, जब मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंट टीबी जैसी चुनौतियां बढ़ रही हैं, व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर प्रयास पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गए हैं।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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