कोरोना फिर से बढ़ा या हो चुका है कंट्रोल? जानें मौजूदा हालात

COVID 19 India: कोविड का प्रकोप भले धीमा पड़ गया है, लेकिन वायरस अभी गया नहीं है. नया वैरिएंट आने और मौजूदा फेयर रिप्लेसमेंट की आशंका बनी हुई है. इसलिए सावधानी और वैक्सीनेशन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.;

Update: 2025-07-01 12:48 GMT

Corona Update India: क्या आप सोच रहे हैं कि कोरोना अब खत्म हो गया है? तो जरा रुकिए. क्योंकि वायरस अब भी हमारे बीच मौजूद है. मई-जून में जो संक्रमण तेजी से बढ़ा, अब धीरे-धीरे थम रहा है. लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. कुछ नए वैरिएंट्स फिर से सक्रिय हो रहे हैं. तो आइए जानते हैं कि देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति क्या है? कौन से वैरिएंट्स हैं एक्टिव और आपको किस बात की सबसे ज्यादा सावधानी रखनी चाहिए.

मई–जून में कोविड‑19 के ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट्स (NB.1.8.1 और XFG) ने कई देशों की तरह भारत में भी संक्रमण का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ाया. लेकिन जून के दूसरे हफ्ते से यह तेज रफ्तार धीरे-धीरे कम होने लगी. 22 मई को एक्टिव केस 257 थे, जो 15 जून तक बढ़कर लगभग 7400 तक पहुंच गए। 30 जून तक यह संख्या घटकर 1902 रह गई.

राहत की खबर

पिछले कुछ घंटों में कोई मौत दर्ज नहीं हुई है. यह राहत भरी खबर है कि हालत धीरे-धीरे नियंत्रण की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि पहली लहर की तरह, यह वायरस अभी भी हमारे बीच है. म्यूटेशन की वजह से यह कभी भी वापस सक्रिय हो सकता है. इसलिए कोरोना को हल्के में नहीं लेना चाहिए, सतर्कता जरूरी है.

कौन से वैरिएंट्स हैं सक्रिय?

देश में अभी Nimbus (NB.1.8.1) और Stratus (XFG) जैसे दो मुख्य वैरिएंट्स सक्रिय हैं. इसके अलावा JN.1 और LF.7 जैसे अन्य वैरिएंट्स पर भी नजर रखी जा रही है. अभी इनसे गंभीर खतरा नहीं बताया गया. लेकिन जैसे-जैसे म्यूटेशन बढ़ेगा, सावधानी ज़रूरी होगी.

कोविड के साथ जीना सीखें

विशेषज्ञ कहते हैं जैसे फ्लू के साथ जीना होता है, वैसे ही कोविड को भी सामान्य जीवन का हिस्सा मानकर साथ जीना सीखना होगा. जो लोग जोखिम में हैं— जैसे 65 वर्ष से ऊपर या पुरानी बीमारियों से ग्रसित— उन्हें डॉक्टर से सलाह लेकर कोविशील्ड/कोवैक्‍सीन जैसी वैक्सीन/बूस्टर डोज लेनी चाहिए. हर 6–9 महीने में खतरा बढ़ जाता है, इसलिए सतर्कता बनाये रखना अहम है.

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