सर्दी में दिखें ये 5 लक्षण तो समझ जाइए, आपको हुआ है डिहाइड्रेशन
सर्दी में डिहाइड्रेशन होने पर शरीर में जो लक्षण दिखते हैं, वे गर्मी में होने वाले डिहाइड्रेशन के लक्षणों से काफी अलग होते हैं। यह एक बड़ा कारण है कि हम इसे...
सर्दी के मौसम में डिहाइड्रेशन होता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस मौसम में जो लोग डिहाइड्रेशन का शिकार होते हैं, उनमें से अधिकांश को खुद ही इस बात का पता नहीं चल पाता है कि उनके शरीर में पानी की कमी हो गई है। ऐसा इसलिए भी है कि ठंड के मौसम को हम आमतौर पर पानी की कमी से जोड़कर बिल्कुल नहीं देखते। गर्मी में प्यास लगना तो समझ आता है पर सर्दी में शरीर चुपचाप डिहाइड्रेशन का शिकार होने लगता है।
क्योंकि ठंड में शरीर से मिलने वाला प्यास का संकेत गर्मी की तुलना में थोड़ा कमजोर हो जाता है। साथ ही शरीर पसीना भी कम छोड़ता है और हम सोचते हैं कि पानी कम भी पिएंगे तो चलेगा। यही लापरवाही धीरे-धीरे ऐसे लक्षणों में बदल जाती है, जिन्हें लोग सर्दी या कमजोरी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। जबकि इसके पीछे का असली कारण डिहाइड्रेशन होता है।
त्वचा का रूखापन और होंठ फटना पहला अलार्म
ठंड में त्वचा रूखी होती है। लेकिन जब त्वचा में खिंचाव, सफेद परतें उतरना, खुजली होना और होंठों का बार-बार फटना जैसी समस्या बढ़ जाए तो यह सिर्फ मौसम का प्रभाव नहीं बल्कि शरीर में पानी की कमी का संकेत है। वर्ष 2021 में Journal of Dermatological Science में छपे शोध में बताया गया कि पानी की हल्की कमी भी त्वचा की बाहरी नमी परत (Skin Barrier) को तेजी से नुकसान पहुंचाती है, जिससे स्किन डल और संवेदनशील हो जाती है।
बार-बार सिरदर्द और भारीपन
सर्दियों में सिरदर्द को अक्सर ठंड लगने से जोड़कर देखा जाता है। बहुत हुआ तो खान-पान से जड़ लिया जाता है, जैसे- मैदे वाले भोजन, गरिष्ठ भोजन या शाम के समय खट्टी चीजें खा लेना। जबकि हल्का-सा डिहाइड्रेशन भी मस्तिष्क के चारों तरफ के द्रव, सेरेब्रोसपाइनल फ्लूइड (Cerebrospinal Fluid) को कम कर देता है। British Journal of Nutrition में प्रकाशित वर्ष 2020 के एक शोध के अनुसार, शरीर में सिर्फ 1–2% पानी की कमी भी सिरदर्द, ध्यान में कमी, चिड़चिड़ापन और थकावट बढ़ाती है।
गहरा पीला पेशाब आना या पेशाब कम होना
ठंड में लोग पानी कम पीते हैं इसलिए पेशाब गहरा पीला दिखता है। सर्दी में डिहाइड्रेशन होने पर यूरिन की मात्रा कम हो जाती है और इसकी फ्रिक्वेंसी बढ़ सकती है। अर्थात बार-बार यूरिन जाने का अहसास होना। कई लोग इसे सामान्य मान लेते हैं। लेकिन नेशनल किडनी फाउंडेशन (National Kidney Foundation) की गाइडलाइन कहती है कि यह डिहाइड्रेशन का सबसे स्पष्ट संकेत है। पेशाब का रंग जितना गहरा होता है, शरीर उतना पानी खो चुका होता है।
मांसपेशियों में दर्द और अकड़न
सर्दी के मौसम में जब भी शरीर में दर्द होता है तो आमतौर पर ज्यादातर लोग इसे ठंडी हवा का असर मानते हैं। लेकिन इसका एक महत्वपूर्ण कारण मसल टिश्यू में पानी की कमी भी हो सकता है। साल 2022 के यूरोपियन जर्नल ऑफ अप्लाइड फिज़ियोलॉजी (European Journal of Applied Physiology) के अध्ययन में पाया गया कि पानी की कमी से मसल फाइबर सिकुड़ते हैं, रक्त संचार कम होता है और कैल्शियम-सोडियम संतुलन बिगड़ने से ऐंठन, अकड़न और जकड़न बढ़ जाती है।
थकान और ऊर्जा में अचानक गिरावट
जब शरीर में पानी कम होने लगता है तो नसों में दौड़ रहा रक्त स्वत: ही गाढ़ा होने लगता है, जिससे दिल को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसी कारण सर्दियों में हल्का-सा काम भी भारी लगने लगता है। वर्ष 2020 के Nutrients Journal के अध्ययन के अनुसार, डिहाइड्रेशन मेटाबॉलिज़म और ऊर्जा उत्पादन को धीमा कर देता है, जिससे बिना किसी बीमारी के भी थकावट बढ़ जाती है।
सर्दियों में डिहाइड्रेशन से कैसे बचें?
सर्दी में प्यास भले ही न लगे। लेकिन शरीर को पानी लगभग उतना ही चाहिए होता है, जितना गर्मी के मौसम में। कमरे के तापमान वाला पानी, सूप, नारियल पानी, दही, मौसमी फल और पानी-समृद्ध सब्जियां (खीरा, गाजर, टमाटर, पालक) शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं। अगर लक्षण बार-बार दिखें तो पानी पीने का रिमाइंडर लगाना भी लाभकारी है।
बात बस इतनी है कि ठंड पानी की आवश्यकता कम नहीं करती बल्कि केवल हमें प्यास लगने की अनुभूति को धीमा कर देती है। प्यास लगने की इस आवाज को समझकर हम सभी सर्दी में डिहाइड्रेशन का शिकार होने से बच सकते हैं।
डिहाइड्रेशन- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।