जानें क्या है सबएयर सिस्टम, जो RCB-CSK के मैच पर बारिश की आशंका पर फेरेगा पानी!
बेंगलुरु में होने वाले इस मैच में बारिश बाधा बन सकती है. लेकिन मैच को लेकर मेजबान क्रिकेट संघ कांफिडेंट नजर आ रहा है. क्योंकि उसको सबएयर सिस्टम पर पूरा भरोसा है.
IPL 2014: आईपीएल के प्लेऑफ में जगह बनाने के लिए शनिवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच महामुकाबला होने जा रहा है. हालांकि, बेंगलुरु में होने वाले इस मैच में बारिश बाधा बन सकती है. लेकिन एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाले इस मैच को लेकर मेजबान क्रिकेट संघ कांफिडेंट नजर आ रहा है. क्योंकि उसको सबएयर सिस्टम पर पूरा भरोसा है. वहीं, फैंस दुआ कर रहे हैं कि शनिवार शाम 7:30 बजे से 11:30 बजे के बीच बारिश न हो और वह RCB और CSK के बीच पूरे मैच का आनंद ले सकें.
करो या मरो की स्थिति
बता दें कि आईपीएल 2024 के प्लेऑफ में जगह पाने के लिए दोनों ही टीमों के बीच करो या मरो की स्थिति है. वहीं, कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR), राजस्थान रॉयल्स (RR) और सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) पहले ही आईपीएल 2024 प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं.
प्लेऑफ में 120 मिनट का एकस्ट्रा टाइम
आईपीएल के नियम के अनुसार, अगर खेल की शुरुआत में देर से होती है या फिर किसी कारण से खेल रुक जाता है तो आईपीएल के नियमित सीजन मैच के लिए अधिकतम साठ मिनट और प्ले-ऑफ मैच के लिए अधिकतम एक सौ बीस मिनट का टाइम दिया जाएगा.
स्टेडियम में अत्याधुनिक सबएयर सिस्टम
वहीं, मेजबान कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) बारिश के बावजूद मैच कराने को लेकर आश्वस्त है. क्योंकि चिन्नास्वामी स्टेडियम अत्याधुनिक सबएयर सिस्टम के तहत बनाया गया है. केएससीए के अधिकारियों का मानना है कि यह सिस्टम शनिवार को मैच सुनिश्चित करने में मदद करेगी.
लागत
सबएयर सिस्टम एक जल निकासी प्रणाली है. यह मैदान से अतिरिक्त पानी को जल्द निकालने में मदद करता है. इससे मैच को समय पर शुरू या फिर से शुरू करने में मदद मिलती है. इसे स्टेडियम में साल 2017 में स्थापित किया गया था और पूरी दुनिया में क्रिकेट स्टेडियमों में स्थापित पहला ऐसा सिस्टम है. इसकी लागत लगभग 4.25 करोड़ रुपये है. ऐसे में केएससीए को उम्मीद है कि भले ही बारिश के कारण यह एक छोटा मैच हो, फिर भी खेल शुरू हो जाएगा.
ऐसे करता है काम
बारिश शुरू होते ही सबएयर सिस्टम ऑटोमेटिक सक्रिय हो जाती है. जिससे आउटफील्ड में पानी जमा नहीं होता है. यह गुरुत्वाकर्षण के कारण होने वाली जल निकासी से 36 गुना तेजी से खड़े पानी को हटा देता है, जिससे गीले आउटफील्ड के कारण खेल में देरी या रद्द होने की आशंका लगभग खत्म हो जाती है. बारिश शुरू होते ही पानी 10,000 लीटर प्रति मिनट से अधिक की दर से निकलना शुरू हो जाता है.