अजमेर दरगाह विवाद: कोर्ट ने मंदिर होने के दावे वाली याचिका को सुनवाई के लिए दी मंजूरी
अजमेर की अदालत ने उस याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है, जिसमें दावा किया गया है कि अजमेर की विश्व प्रसिद्ध दरगाह शिव मंदिर की जगह पर बनी है.
Ajmer Dargah : अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर एक बड़ा विवाद गहराता जा रहा है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि दरगाह परिसर की जमीन पर पहले संकट मोचन महादेव मंदिर था। अब इस याचिका पर अजमेर सिविल कोर्ट ने इसे सुनवाई योग्य मानते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिया है।
कौन है वादी
वादी पक्ष की बात करें तो हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की तरफ से ये दावा किया गया है कि दरगाह परिसर की जमीन पर एक प्राचीन मंदिर था, जहां भगवान शिव का पूजन होता था। विष्णु गुप्ता ने 25 सितम्बर को ये याचिका दायर की थी। शुरुआत में अदालत ने अलग अलग तारीख पर इस याचिका में कुछ कमियां पायीं थी, जिसकी वजह से इस मामले में याचिका में सुधर किये गए, उसका अनुवाद किया गया। आज यानी 27 नवम्बर दिन बुधवार को अदालत ने इस याचिका को सुनवाई के लिए अनुकूल मानते हुए मामले से सम्बंधित पार्टियों को नोटिस जारी किये हैं।