अमित शाह और राजनाथ ने बिहार में की रैलियाँ; ‘बाढ़-मुक्त मिथिलांचल’ परियोजना का वादा
अमित शाह ने बाढ़ नियंत्रण के लिए 26,000 करोड़ रुपये की परियोजना का किया वादा, आरजेडी पर ‘जंगलराज’ को लेकर हमला बोला; राजनाथ सिंह बोले — केवल भाजपा नेतृत्व वाला एनडीए ही बिहार को ‘विकसित’ बना सकता है।
भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (4 नवम्बर) को चुनावी राज्य बिहार में अलग-अलग सभाएँ कीं।
अमित शाह ने दरभंगा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए 26,000 करोड़ रुपये की परियोजना की घोषणा की, जिससे मिथिलांचल को बाढ़-मुक्त बनाने का वादा किया गया। वहीं, राजनाथ सिंह ने वैशाली की सभा में कहा कि केवल भाजपा नेतृत्व वाला एनडीए ही बिहार को “विकसित” बना सकता है।
शाह ने मतदाताओं से अपील की ,“लालू-राबड़ी के 15 साल के शासन में जिस ‘जंगलराज’ ने बिहार को तबाह किया, उसकी वापसी रोकने के लिए कमल का बटन दबाइए।”
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी क्रमशः तीन और दो कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री रहे थे। विपक्षी एनडीए उस दौर को अपराध और अराजकता बढ़ने के चलते “जंगलराज” कहता रहा है।
बाढ़ नियंत्रण का वादा
शाह ने कहा कि केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए ही बिहार का सर्वांगीण विकास कर सकता है। वे बोले, “अगर बिहार में एनडीए की सरकार बनी, तो मिथिलांचल की सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के लिए कोसी नदी के जल के दोहन पर कुल 26,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।”
उन्होंने जोड़ा कि ,“गंगा, कोसी और गंडक नदियों के जल का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाएगा, ताकि बिहार में बाढ़ की समस्या खत्म की जा सके।”
उत्तर बिहार का दरभंगा इलाका, जो मिथिलांचल की सांस्कृतिक धुरी है, गंगा और उसकी सहायक नदियों — कोसी और गंडक — की वजह से अक्सर बाढ़ग्रस्त रहता है। यही वजह है कि यह मुद्दा स्थानीय लोगों के लिए बेहद अहम है।
चिकित्सा सुविधाओं का वादा
शाह ने कहा कि अगर बिहार में एनडीए की सरकार बनी रहती है, तो मिथिला, कोसी और तिरहुत के लोगों को इलाज के लिए अब पटना या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।
शाह ने कहा, “उन्हें एम्स-दारभंगा में ही गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएँ मिलेंगी।”
एम्स-दरभंगा परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी ने एक वर्ष पहले किया था। शाह ने आगे कहा —“3.60 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया गया है। वहीं, दरभंगा के आईटी पार्क में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा।”
उन्होंने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग से जीविका दीदियों को मिलने वाले ₹10,000 के लाभ को वापस लेने की शिकायत की है।
शाह ने तंज कसा, “लालू परिवार की तीन पीढ़ियाँ भी इन स्वयं सहायता समूहों को मिलने वाले धन को छीन नहीं पाएंगी।”
‘छठी मइया’ और प्रधानमंत्री का अपमान
शाह ने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस ने “छठी मइया, प्रधानमंत्री और उनकी माता” का अपमान किया है। उन्होंने कहा, “बिहार की जनता इस अपमान का बदला आने वाले चुनाव में इन दलों को बाहर का रास्ता दिखाकर लेगी।”
शाह ने दावा किया, “बिहार की जनता कभी माफ नहीं करती जो छठी मइया का अपमान करता है। आरजेडी-कांग्रेस का सफाया निश्चित है।”
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा छठ पूजा में भाग लेने को “नाटक” कहा था। भाजपा ने इसे त्योहार का अपमान बताया था।
राजनाथ सिंह के वादे
वहीं, राजनाथ सिंह ने तिरहुत के वैशाली जिले में एक चुनावी रैली में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (एनडीए सहयोगी) पर भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं है और केवल एनडीए ही राज्य का विकास कर सकता है।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेता हर परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के वादे पर “झूठ बोल रहे हैं” —“वो बताएँगे कि इतना पैसा लाएँगे कहाँ से?”
राजनाथ ने दावा किया —“यूपीए सरकार के समय केंद्र ने बिहार को केवल ₹2 लाख करोड़ दिए थे, जबकि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में ₹15 लाख करोड़ जारी किए हैं।”
उन्होंने कहा —“केवल एनडीए ही बिहार के आगे के विकास के बारे में सोच सकता है... एनडीए को वोट दीजिए, जंगलराज को नहीं।”
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था पहले 11वें स्थान पर थी, लेकिन मोदी सरकार के कदमों से अब यह 5वें स्थान पर है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुँच जाएगी।