चीन पानी रोके तो फायदा असम को? सीएम सरमा ने खोली PAK की पोल

Himanta Biswa Sarma का यह बयान ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों पर राष्ट्रहित को प्राथमिकता देने वाला नजरिया पेश करता है.;

Update: 2025-06-03 08:45 GMT

Brahmaputra: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पाकिस्तान द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर फैलाए जा रहे डर के झूठे प्रचार का करारा जवाब दिया. बता दें कि पाकिस्तान समर्थित सोशल मीडिया पोस्ट में सवाल उठाया गया था कि 'अगर चीन भारत को ब्रह्मपुत्र का पानी रोक दे तो?' इस पर मुख्यमंत्री सरमा ने तथ्यों पर आधारित तीखा और स्पष्ट जवाब देते हुए इसे "बेबुनियाद डर फैलाने की साजिश" करार दिया. बता दें कि यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर एक कड़ा कूटनीतिक संदेश दिया है.

मुख्यमंत्री सरमा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत जब निर्णायक रूप से पुराने सिंधु जल संधि से अलग हुआ तो पाकिस्तान ने एक और झूठा खतरा गढ़ना शुरू कर दिया है. इस डर को डर से नहीं, बल्कि तथ्यों और राष्ट्रहित की स्पष्टता से तोड़ना होगा.

ब्रह्मपुत्र पर भारत की निर्भरता

सरमा ने बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी का सिर्फ 30 से 35% जल प्रवाह चीन के हिस्से से आता है, जो तिब्बती पठार में बर्फ के पिघलने और सीमित वर्षा पर आधारित होता है. वहीं, दूसरी तरफ 65 से 70% जल प्रवाह भारत के भीतर ही उत्पन्न होता है, विशेषकर पूर्वोत्तर भारत की मानसूनी वर्षा और सहायक नदियों से. मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भारत-चीन सीमा पर ब्रह्मपुत्र का जल प्रवाह 2,000–3,000 क्यूबिक मीटर/सेकंड होता है. वहीं, असम में मानसून के दौरान यह बढ़कर 15,000–20,000 क्यूबिक मीटर/सेकंड तक पहुंच जाता है. यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि ब्रह्मपुत्र की जीवनदायिनी ताकत भारत की धरती से ही आती है. ब्रह्मपुत्र कोई ऊपर से नियंत्रित नदी नहीं है. यह भारत की वर्षा-आधारित नदी प्रणाली है, जो हमारे भूगोल और मानसून से पोषित होती है.

अगर चीन पानी रोके तो?

सरमा ने तर्क दिया कि अगर चीन कभी ब्रह्मपुत्र का प्रवाह कम करने की कोशिश करता भी है तो यह असम के लिए लाभकारी हो सकता है. क्योंकि इससे हर साल आने वाली भयानक बाढ़ की तीव्रता कम हो सकती है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चीन ने आज तक कभी ब्रह्मपुत्र को "हथियार" बनाने की धमकी नहीं दी है और इस प्रकार की बातें डर फैलाने की रणनीति का हिस्सा हैं.

पाकिस्तान पर हमला

मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो देश दशकों तक सिंधु जल संधि पर निर्भर रहा, वह अब भारत की जल-स्वायत्तता से घबरा गया है. उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र किसी एक स्रोत की मोहताज नहीं है. यह हमारे भूगोल, मानसून और सभ्यतागत लचीलापन की शक्ति से चलती है.

ब्रह्मपुत्र का भूगोल

ब्रह्मपुत्र एक अंतरराष्ट्रीय नदी है. जो चीन के माउंट कैलाश के पास मानसरोवर क्षेत्र से निकलती है. यह तिब्बत के जरिये भारत के अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है, फिर असम होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है, जहां यह आखिरकार बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है.

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