खुशी की भीड़ में बिछड़े अपने, बेंगलुरु आरसीबी परेड में जानें कब क्या हुआ?

आरसीबी की ऐतिहासिक जीत के जश्न पर भगदड़ की वजह से 11 लोगों की मौत हो गई। अब भीड़ नियंत्रण में चूक और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।;

Update: 2025-06-05 05:24 GMT
चार जून को आरसीबी की जीत के जश्न मातम में बदल गया। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के करीब भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी।

RCB Victory Parade Stampede: 18 साल बाद खुशी का वो मौका आया था। खुशी के उन पलों का गवाह हर कोई बनना चाहता था। लाखों की संख्या में लोग कर्नाटक विधानसभा सौंध और एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू की जीत का हिस्सा बनने के लिए शरीक हुए। लेकिन भगदड़ की एक घटना ने 11 परिवारों को वो घाव दे गया जिसकी भरपाई ना पैसों से ना शब्दों की संवेदना से हो सकती है। घटना क्यों हुई, कैसे हुई इसे लेकर तरह तरह की बात हो रही है। राजनीतिक दलों बयानबाजी का एक भी मौका छोड़ नहीं रहे। विपक्ष की नजर में सरकार की तरफ से घोर लापरवाही तो सिद्दारमैया सरकार की दलील की महाकुंभ में क्या हुआ था। इन सबके बीच पीड़ित परिवारों के सामने दुख का सागर जिसे पार कर पाना आसान हीं। यहां हम बताएंगे कि आरसीबी की जीत का जश्न मातम में कैसे बदल गया। 

7:01 AM – आधिकारिक घोषणा 

RCB ने विधान सौधा से एम चिन्नास्वामी स्टेडियम तक विजय जुलूस की घोषणा की गई। लेकिन समय, मार्ग और प्रवेश व्यवस्था की कोई जानकारी नहीं दी।

11:00 AM – प्रशंसकों का पहुंचना शुरू

लाखों की संख्या में प्रशंसक विधान सौंध और स्टेडियम के पास इकट्ठा होने लगे। किसी को नहीं पता था कार्यक्रम कब और कहां होगा।

12:00 PM – पुलिस को भी स्पष्ट जानकारी नहीं 

पुलिस ने दोपहर में एक बयान जारी किया कि स्टेडियम में 5 बजे सम्मान समारोह होगा, लेकिन रोड शो को लेकर कोई साफ जानकारी नहीं दी। 

2:10 PM – टीम की लैंडिंग

विराट कोहली समेत टीम HAL एयरपोर्ट पर पहुंची, जहां डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने स्वागत किया। इस समय तक स्टेडियम के बाहर भीड़ बेकाबू हो चुकी थी।

3:14 PM – पास वितरण की अफवाह

RCB ने ऑनलाइन विक्टरी पास लेने की सलाह दी, जिससे हजारों की भीड़ स्टेडियम की ओर भागी।  इसकी वजह से ना सिर्फ भ्रम की स्थिति बनी  और हड़बड़ी बढ़ गई।

4:30 PM – हालात बेकाबू

विधान सौंध और कबन पार्क मेट्रो स्टेशन को बंद करना पड़ा। सीएम और मंत्री विधानसभा पहुंचे। भीड़ स्टेडियम के गेट नंबर 7 पर उमड़ पड़ी।

4:51 PM – भगदड़ की शुरुआत

गेट नंबर 7 पर अफवाह उड़ी कि वहीं पास मिल रहे हैं। कोई बैरिकेडिंग या मार्शल न होने से भगदड़ मच गई। कई लोग गिर पड़े और कुचले गए।

5:30 PM – बारिश ने हालात और बिगाड़े

बारिश की वजह से और अफरा-तफरी मच गई। लोगों को ना प्रवेश मिला, ना बाहर निकलने का रास्ता।

6:30 PM – पुलिस का लाठीचार्ज

कबन पार्क सर्कल पर भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

3 लाख भीड़ बनाम 35,000 की क्षमता

पुलिस के अनुसार 3 लाख से अधिक लोग पहुंचे, जबकि स्टेडियम की क्षमता 35,000 ही थी। अफवाहों और अव्यवस्था ने गेट 7 को  मौत का केंद्र बन गया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के पास न तो स्पष्ट आदेश थे, न ही पर्याप्त रणनीति। दोनों स्थानों पर बल बंट जाने से संकट और गहरा गया।वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने अल्प सूचना में कार्यक्रम न करने की सलाह दी थी, लेकिन शीर्ष स्तर से जश्न जरूरी है का आदेश आया।

RCB, पुलिस, KSCA, BBMP और नेताओं के बीच कोई योजना नहीं थी। अधिकारी दोपहर 2 बजे तक ही पहुंचे जब तक क्षेत्र भीड़ से भर चुका था।गेट नंबरों में बदलाव, झूठी सूचनाएं और सुरक्षा की कमी से हालात और बदतर हो गए। कई लोगों को एम्बुलेंस तक नहीं मिल सकी।सीएम सिद्धारमैया ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए और घायलों को मुफ्त इलाज की घोषणा की। KSCA ने भी 5 लाख रुपए की सहायता का वादा किया।

भगदड़ के शिकार एक परिवार का कहना है कि यह हादसा नहीं लापरवाही थी। बेंगलुरु जैसी स्मार्ट सिटी 1 किलोमीटर की परेड क्यों नहीं संभाल सकी? 17 साल की जीत का जश्न मातम में बदल गया। यह जीत प्रशंसकों की नहीं, व्यवस्था की विफलता की गवाही बन गई।यह केवल भीड़ नहीं थी यह सिस्टम का पतन था।

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