सत्ता में वापसी के साथ अजित पवार को बड़ी राहत, बेनामी सम्पति मामले में कोर्ट से क्लीनचिट

बेनामी सम्पति कानून के तहत कार्रवाई करते हुए इनकम टैक्स विभाग ने 2021 में अजित पवार उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार और बेटे पर्थ पवार की कई सम्पतियों को जब्त किया था. अब ट्रिब्यूनल कोर्ट ने जब्त समाप्ति को रिलीज़ करने का आदेश दिया है.;

Update: 2024-12-06 17:50 GMT

Benami Property ACT And Ajit Pawar : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष अजित पवार को महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनने के साथ ही बड़ी राहत मिली है। ये राहत आयकर विभाग के मामले में मिली है। दिल्ली की ट्रिब्यूनल कोर्ट ने आयकर विभाग द्वारा जब्त की गई उनकी संपत्ति को रिलीज करने का आदेश दिया गया है। इस फैसले में उनके बेटे पार्थ पवार और पत्नी सुनेत्रा पवार की संपत्तियों को भी रिलीज करने का निर्देश शामिल है।


क्या है मामला?
आयकर विभाग ने वर्ष 2021 में अजित पवार और उनके परिवार के खिलाफ जांच के दौरान उनकी संपत्तियों को बेनामी सम्पति एक्ट के तहत जब्त किया था। ये संपत्तियां महाराष्ट्र, गोवा और दिल्ली समेत कई स्थानों पर फैली हुई थीं। आरोप था कि इन संपत्तियों के स्रोत को लेकर कुछ अनियमितताएं हैं। इस कार्रवाई के बाद पवार परिवार ने इसे कानूनी रूप से चुनौती दी थी।

कोर्ट का फैसला
दिल्ली ट्रिब्यूनल कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए कहा कि आयकर विभाग ने जब्ती की प्रक्रिया में उचित नियमों का पालन नहीं किया। इसके साथ ही ये भी माना कि विभाग द्वारा संपत्तियों को जब्त करने के लिए जरूरी तथ्यों और आधारों को स्पष्ट नहीं किया गया। कोर्ट ने सभी संपत्तियों को तत्काल प्रभाव से रिलीज करने का आदेश दिया है।

किन संपत्तियों पर था विवाद?
जब्त की गई संपत्तियों में अजित पवार के स्वामित्व वाली कई महत्वपूर्ण परिसंपत्तियां शामिल थीं, जिनमें जमीन, फ्लैट, और अन्य व्यावसायिक संपत्तियां प्रमुख थीं। इसके अलावा, पार्थ पवार और सुनेत्रा पवार की कुछ व्यक्तिगत संपत्तियां भी इस कार्रवाई के दायरे में आई थीं।

राजनीतिक और कानूनी मायने
ये फैसला अजित पवार और उनके परिवार के लिए बड़ी कानूनी जीत माना जा रहा है। महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार का कद काफी बड़ा है और इस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा था। अब कोर्ट के इस आदेश के बाद पवार परिवार को राहत मिली है और उनके समर्थकों में उत्साह देखा जा रहा है।
वहीं, ये फैसला विपक्षी दलों के लिए झटका माना जा रहा है। अजित पवार पर लगने वाले आरोपों को लेकर ये मामला लंबे समय से चर्चा में था, लेकिन अब कोर्ट के फैसले ने उनके पक्ष को मजबूत कर दिया है।

इनकम टैक्स विभाग क्या कर सकता है
ट्रिब्यूनल कोर्ट के फैसले से इनकम टैक्स को काफी बड़ा झटका लगा है। लेकिन कानून के जानकारों की मानें तो आयकर विभाग इस मामले में उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है। देखना ये होगा कि इनकम टैक्स इस मामले को उच्च न्यायालय में ले जाता है या नहीं।


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