बिहार में एक-दूसरे के खिलाफ ही लड़ेगा महागठबंधन; 12 जगहों पर आमने-सामने, 243 सीटों पर 254 प्रत्याशी उतारे

बिहार के विधानसभा चुनावों में ऐसा पहली बार हो रहा है जब न तो सत्ताधारी गठबंधन एनडीए ने और न ही विपक्ष के INDIA गठबंधन ने कोई चेहरा ही दिया है।

Update: 2025-10-21 16:58 GMT
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों पर इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने कुल 254 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई। चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस दौरान 300 से अधिक प्रत्याशियों के पर्चे खारिज किए गए, जबकि 61 ने अपने नामांकन वापस ले लिए। 243 सदस्यीय विधानसभा की 121 सीटों पर मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण की 122 सीटों पर 11 नवंबर को होगा। दूसरे चरण के उम्मीदवारों की स्थिति 23 अक्टूबर तक स्पष्ट हो जाएगी।

INDIA गठबंधन में खींचतान और RJD की लिस्ट

दूसरे चरण के अंतिम दिन तक INDIA गठबंधन में फूट और टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी देखने को मिली। RJD ने नॉमिनेशन खत्म होने से लगभग 7 घंटे पहले 143 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। इससे पहले उसके उम्मीदवार नामांकन भरते रहे। कुल 243 सीटों पर 254 प्रत्याशी मैदान में हैं। यह स्थिति विकासशील इंसान पार्टी (VIP) की वजह से बनी। आरजेडी ने 143, कांग्रेस 61, CPI(M) 20, CPI 9, CPM 6 और VIP 15 उम्मीदवार उतारे। 12 सीटों पर प्रत्याशी आपस में भिड़ेंगे।

बिहार चुनाव में यह पहली बार है कि NDA और INDIA गठबंधन ने टिकट बंटवारे पर कोई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की। सभी दल आखिरी समय तक अपनी लिस्ट जारी करते रहे। सीएम फेस को लेकर दोनों गठबंधनों में खींचतान है।

सीट वितरण और पार्टियों का फोकस

RJD इस बार भी सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ सीट शेयरिंग में तनातनी रही। कांग्रेस को इस बार केवल 61 सीटें दी गईं, जबकि CPI(ML) को 20 सीटें मिलीं। VIP इस बार NDA से हटकर INDIA गठबंधन में है। VIP के 15 उम्मीदवारों में 2 सीटें ऐसी हैं, जिन पर RJD ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

BJP अब भी NDA की प्रमुख पार्टी है, लेकिन JDU की कमजोरी और LJP में टूट से समीकरण बदल गए हैं। VIP के INDIA में जाने से निषाद वोटों पर असर पड़ सकता है। चिराग पासवान की LJP(R) को फायदा हुआ। JDU की सीटें घटाई गईं ताकि BJP को बराबर या अधिक सीटें मिलें। गठबंधन में शक्ति संतुलन बदल गया है। NDA 20 साल की सत्ता के बाद एंटी-इनकंबेंसी का सामना कर रहा है, जबकि विपक्ष की फूट इसे राहत दे सकती है।

74 पार्टियों का मुकाबला

इस बार 74 राजनीतिक दल मैदान में हैं। NDA में BJP, JDU, LJP(R), HAM और RLM शामिल हैं। महागठबंधन में RJD, कांग्रेस, माले, CPI, CPI(M), IIP और VIP हैं। प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी और AAP भी 243 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।

महिलाओं और अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व

RJD ने 24 और कांग्रेस ने 5 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया। JDU और BJP ने 13-13 महिलाओं को उतारा। NDA की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी LJP(R) ने 6 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया। इनमें ज्यादातर महिलाएं नेताओं की पत्नी या बेटी हैं। RJD ने 19 मुस्लिम उम्मीदवार, 51 यादव, 14 सवर्ण और 11 कुशवाहा उम्मीदवार उतारे हैं।

महागठबंधन की सीट शेयरिंग (254 उम्मीदवार)

RJD ने 143, कांग्रेस 61, माले 20, CPI 9, CPI(M) 4 और IIP 3 उम्मीदवार मैदान में उतारे। यादव, कुशवाहा और मुसलमानों पर RJD का खास फोकस है।

NDA की रणनीति

BJP-JDU के NDA ने 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए। इसमें सवर्ण और OBC वर्ग पर जोर दिया गया है। कुल 243 उम्मीदवारों में से 162 सवर्ण और OBC वर्ग से हैं, जिनमें सबसे अधिक 85 उम्मीदवार फॉरवर्ड समाज से हैं। 10.56% आबादी वाले फॉरवर्ड समाज को NDA ने 35% टिकट क्यों दिए, यह चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

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