महाराष्ट्र: जानें कौन हैं तीसरी बार सीएम बनने वाले फडणवीस? ये बातें नहीं होंगी पता

फडणवीस का राजनीतिक सफर भी काफी फिल्मी रहा है. छोटी सी उम्र में पार्षद बने फडणवीस अब तीसरी बार देश की आर्थिक राजधानी का मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.

Update: 2024-12-04 09:35 GMT

Maharashtra new CM Devendra Fadnavis: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस गुरुवार 5 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं. देवेंद्र फडणवीस को बुधवार को सर्वसम्मति से महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया. आजाद मैदान में आयोजित होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अजित पवार भी उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे. 

इससे पहले केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी और फडणवीस कोर कमेटी की बैठक में शामिल हुए. भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने घोषणा की कि महायुति गठबंधन के नेता बुधवार को दोपहर 3.30 बजे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात करेंगे और औपचारिक रूप से सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.

फडणवीस का राजनीतिक सफर भी काफी फिल्मी रहा है. छोटी सी उम्र में पार्षद बने फडणवीस अब तीसरी बार देश की आर्थिक राजधानी का मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. आरएसएस की शाखाओं से महाराष्ट्र के सर्वोच्च पद तक फडणवीस का उदय उनके व्यक्तिगत प्रयास और भारतीय राजनीति की उभरती गतिशीलता को दर्शाता है.

महाराष्ट्र के देवेंद्र

एक वकील और एक प्रतिबद्ध आरएसएस सदस्य के रूप में प्रशिक्षित देवेंद्र फड़नवीस ने महाराष्ट्र में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की. यहां उन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता और तीक्ष्ण बहस कौशल के लिए ख्याति अर्जित की. नागपुर दक्षिण पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से उनकी लगातार छह जीत क्षेत्र में उनकी स्थायी लोकप्रियता को दर्शाती है.

54 वर्षीय देवेंद्र फड़नवीस ने इंदिरा कॉन्वेंट में पढ़ाई जारी रखने से इनकार कर दिया. क्योंकि यह स्कूल उनके पिता को कैद करने वाले प्रधानमंत्री के नाम पर था. महज 27 साल की उम्र में देवेंद्र फडणवीस नागपुर के सबसे कम उम्र के मेयर अपने अभियानों के दौरान फडणवीस ने आरएसएस के संयुक्त महासचिव अतुल लिमये के साथ मिलकर काम किया. मतदाताओं से जुड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे "एक हैं तो सुरक्षित हैं" का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया.

मौलाना सज्जाद नोमानी की "वोट जिहाद" टिप्पणी के जवाब में उन्होंने हिंदू मतदाताओं को संगठित किया और चुनावों को "धर्म युद्ध" के रूप में पेश किया. फडणवीस की नेतृत्व शैली ने उन्हें व्यापक सम्मान दिलाया. साल 2014 में मुख्यमंत्री के रूप में उनका पहला कार्यकाल मराठा आरक्षण मुद्दे जैसी प्रमुख चुनौतियों को संबोधित करने, मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को शुरू करने और पुलिस सुधारों की शुरुआत करने के लिए जाना जाता था. फडणवीस ने भ्रष्टाचार से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए सिंचाई घोटाले को उजागर करके अपनी साख को और मजबूत किया.

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