यूपी के मुख्यमंत्री के 'ज़ीरो टॉलरेंस' पर पलीता लगा रहा जेल प्रशासन

पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर को जेल में वीआईपी सुविधांए मिलने से उठ रहे सवाल;

By :  Shilpi Sen
Update: 2025-06-05 10:25 GMT

यूपी के बलरामपुर के पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर को ललितपुर जेल में अति विशेष सुविधा देने के मामले में डिप्टी जेलर समेत छह जेल कर्मियों पर गाज गिर गई। ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण के औचक निरीक्षण में गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद ये कार्रवाई हुई है। डिप्टी जेलर के साथ ही 2 हेड जेलर वार्डर को सस्पेंड कर दिया गया है। इतना ही नहीं, जेलर और जेल अधीक्षक के ख़िलाफ़ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। हालांकि, जिस तरह की चीज़ें जेल बैरिक से मिलीं है, उससे एक बार फिर यूपी के जेल प्रशासन पर न सिर्फ़ सवाल उठ रहे हैं, बल्कि यह भी बात सामने आ गई कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध और अपराधियों के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस पर अफ़सर पलीता लगा रहे हैं।

तकिये के नीचे नोटो की गड्डियां

ललितपुर जेल में पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर के बैरक से औचक निरीक्षण के दौरान, जिस तरह की चीज़ें मिली हैं, वह चौंकाने वाली हैं। तमाम निर्देशों के बावजूद नियम क़ानून की खुले आम धज्जियां उड़ाते हुए हाई प्रोफाइल क़ैदी जेल में न सिर्फ़ ऐशो आराम से समय काट रहे हैं, बल्कि जेल के अंदर से ही बाहर उनका नेटवर्क चल रहा है। हत्या की साज़िश के आरोप में जेल में बंद बाहुबली नेता रिज़वान ज़हीर विशेष सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे। रिज़वान ज़हीर पर गंभीर धाराओं में 14 मुकदमे चल रह हैं। जेल के औचक निरीक्षण में बैरक में डनलप का गद्दा, तकिया और बैट्री वाला पंखा मिला। वहीं, देशी घी, ब्रांडेड तेल , शैम्पू, महंगी क्रीम, साबुन जैस चीज़ें भी मिलीं। यानी कि बाहुबली नेता आराम से जेल में अपनी लाइफ स्टाइल को मेंटेन कर रहे थे। उनके लिए अलग से खाना बन रहा था। इतना ही नहीं, गंभीर बात यह है कि तकिये के नीचे नोटों की गड्डियां बरामद हुई हैं। ये बात बाहर आने पर आनन फानन में डिप्टी जेलर समेत जेल के अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की गईं।

मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी 

इस पूरे घटनाक्रम से जेल विभाग के कामकाज और मॉनिटरिंग पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। साथ ही यूपी के जिलों में सुरक्षा का मामला एक बार फिर चर्चा में है। यह बात इसलिए भी अहम है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपराध और अपराधियों के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस की बात लगातार करते रहे हैं। इसके बावजूद इस तरह की घटना पहले भी सामने आती रही है, जिससे लगता है कि अधिकारी उनके आदेशों पर न सिर्फ़ पलीता लगा रहे हैं, बल्कि यूपी के जेलों में नियम-क़ानून की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं।

जेल में लगातार हो रही घटनाओं के बाद लखनऊ से जेल विभाग के अधिकारियों को ज़िम्मेदारी दी गई थी। यूपी के जेलों को ऑनलाइन लखनऊ से जोड़ा गया था, जिससे मॉनिटरिंग हो सके। लेकिन इसका असर होता कहीं नहीं दिख रहा है। हालांकि, हर बार की तरह छोटे अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई करके ही मामले को निपटा दिया गया। ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस के दावे को अधिकारी क्यों नहीं गंभीरता से ले रहे।

रिटायर्ड आईजी आरके चतुर्वेदी का कहना है कि बाहर से बैठकर पूरी तरह से मॉनिटरिंग व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। ऐसी घटनाएं अगर बार-बार ही रही हैं तो इसके कारण की गहराई में जा कर समझना होगा। वहीं, जिन लोगों पर जेल की जिम्मेदारी होती है, उनको और उनके परिवार को जेल के बाहर कोई सुरक्षा नहीं होती है। उन लोगों को 24 घंटे अपराधियों के साथ ही रहना पड़ता है। ऐसे में जेल कर्मी, जो शुरुआत में दबाव और डर से शुरू करता है, उसे बाद में अपने फायदे के लिए करने लगता है।’

पहले भी सामने आ चुकी हैं इस तरह की गड़बड़ियां 

यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह का मामला सामने आया है। पहले भी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। इससे पहले माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को भी जेल में अति विशेष सुविधाएं मिलने की बात सामने आई थीं। अब्बास से न सिर्फ़ उनकी पत्नी निखत जेल में अक्सर मिलने जाती थीं, बल्कि वहां कई घंटे तक रहती थीं और अपने फ़ोन से बाहर लोगों से बात भी कराती थीं। उस समय भी जेल की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे थे। हाल ही में अब्बास अंसारी को सज़ा होने के बाद उनकी विधायकी ख़त्म हो गई है। वहीं, इसी साल मार्च में मुजफ्फरनगर जेल में बंद शाहनवाज राणा के पास बैरक में मोबाइल फ़ोन और दूसरी चीज़ें मिली थीं।

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