तेलंगाना में ‘बिरयानी-बोतल’ की राजनीति, EC की सख्त नजर
हैदराबाद की जुबली हिल्स सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव से पहले नकदी, शराब और ड्रग्स की बरामदगी ने सियासत गरमा दी है। EC ने 300 प्रोजेक्ट्स रोक दिए हैं।
जहां राजनीतिक विश्लेषक बिहार विधानसभा चुनाव के नवंबर में होने वाले मुकाबले पर नज़रें गड़ाए हुए हैं, वहीं तेलंगाना में भी एक अहम चुनावी जंग छिड़ने जा रही है। हालांकि यह उपचुनाव है, लेकिन इसका राजनीतिक असर बड़ा माना जा रहा है।
हैदराबाद की जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव होना तय है, जो राज्य की तीन प्रमुख पार्टियों कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति (BRS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है। जैसे-जैसे मतदान का दिन करीब आ रहा है, वैसे-वैसे इलाके में पैसे, शराब और नशीले पदार्थों की अवैध सप्लाई बढ़ती जा रही है।
निगरानी बढ़ी, लेकिन उल्लंघन जारी
चुनाव आयोग और पुलिस ने निगरानी बढ़ाते हुए अब तक ₹88.45 लाख की अवैध नकदी, 255 लीटर से ज्यादा शराब और कुछ नशीले पदार्थ जब्त किए हैं। इसके बावजूद आरोप हैं कि आचार संहिता के उल्लंघन थमे नहीं हैं।
यह उपचुनाव BRS विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के कारण कराया जा रहा है। अब उनकी पत्नी मगंती सुनीता BRS के टिकट पर मैदान में हैं, जबकि BJP से एल. दीपक रेड्डी और कांग्रेस से वी. नवीन यादव इस त्रिकोणीय मुकाबले में उतर रहे हैं।कांग्रेस “विकास के मुद्दे” पर चुनाव लड़ रही है, BRS “सहानुभूति वोट” पर भरोसा कर रही है, और BJP इसे “गेम चेंजर” बनाने की कोशिश में है।
नकदी और शराब की बरामदगी
आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक 48 एफआईआर और 29 अतिरिक्त मामलों में उल्लंघन दर्ज किए गए हैं। आरोप है कि पार्टी कार्यकर्ता रैलियों के बहाने पैसा बांटने की कोशिश कर रहे हैं।7 से 14 अक्टूबर के बीच जब्त की गई नकदी में सबसे बड़ी कार्रवाई टोली चौकी चेकपोस्ट पर हुई, जहां ₹10 लाख मिले।
सिर्फ नकदी ही नहीं, पिछले सप्ताह 255 लीटर से अधिक शराब भी पकड़ी गई, जो मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए रखी गई थी। अधिकारियों ने नशीले पदार्थों की भी जब्ती की है, जिससे यह संकेत मिला है कि अब ड्रग्स के जरिए वोटरों को लुभाने की कोशिश की जा रही है।
'बिरयानी और बोतल की राजनीति'
फोरम फॉर गुड गवर्नेंस के सचिव सोमु श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि तीनों पार्टियां “बिरयानी और बोतल की राजनीति” कर रही हैं। उन्होंने कहा “पैसे और शराब का प्रवाह बहुत ज्यादा है, लेकिन असली ताकत मतदाताओं के पास है। उन्हें इन प्रलोभनों को ठुकराकर जिम्मेदारी से मतदान करना चाहिए। रेड्डी ने कहा कि चुनाव आयोग छापेमारी और कानूनी कार्रवाई तो कर रहा है, लेकिन स्थायी बदलाव तभी संभव है जब लोग नैतिक मतदान करें।
फर्जी वोटर कार्ड का मामला
उपचुनाव से पहले सोशल मीडिया पर फिल्म अभिनेत्रियों तमन्ना, सामंथा और रकुल प्रीत सिंह के नाम से फर्जी वोटर आईडी कार्ड वायरल हुए।चुनाव अधिकारियों की शिकायत पर मधुरा नगर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 336(4) और 353(1)(C) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की है।
इसी बीच कांग्रेस प्रत्याशी नवीन यादव पर भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने चुनावी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए वोटर कार्ड बांटे। उनके खिलाफ BNS की धाराओं 170, 171, 174 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123(1) के तहत मामला दर्ज हुआ है।
चुनाव आयोग की सख्ती
आचार संहिता के तहत चुनाव आयोग ने जुबली हिल्स में ₹120 करोड़ के विकास कार्यों पर रोक लगा दी है।शेखपेट, रहमत नगर और यूसुफगुड़ा में चल रहे सड़क, नालों, बाढ़ नियंत्रण और सामुदायिक भवनों के निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं।इस क्षेत्र में 300 से अधिक प्रोजेक्ट फिलहाल स्थगित हैं।
आयोग ने 9 फ्लाइंग स्क्वाड, वीडियो मॉनिटरिंग टीम, स्टैटिक सर्विलांस टीम और लेखा टीमें तैनात की हैं।cVIGIL ऐप को सक्रिय किया गया है, ताकि नागरिक चुनाव उल्लंघन की शिकायत दर्ज कर सकें।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) ने अब तक 1,967 राजनीतिक पोस्टर और बैनर हटाए हैं, और इंदिरा गांधी, एन.टी. रामाराव और पी.वी. नरसिम्हा राव की मूर्तियों को भी EC नियमों के अनुसार ढका गया है।
जनता से अपील की गई है कि वे किसी भी प्रकार के लालच पैसा, शराब या अन्य की जानकारी वोटर हेल्पलाइन ऐप, 1950 टोल-फ्री नंबर या 100/112 पर दें। उल्लंघन करने वालों पर आपराधिक कार्रवाई होगी।
शादी के सीजन पर भी असर
इस बीच, आचार संहिता ने शादी के मौसम पर भी असर डाल दिया है। हैदराबाद में आने वाले हफ्तों में 30,000 से अधिक शादियां तय हैं, लेकिन चुनावी नियमों के कारण सोने की खरीदारी और कैश लेनदेन पर रोक जैसी स्थिति बन गई है।अब ₹50,000 से अधिक नकद ले जाने वाले परिवारों को ट्रांजैक्शन प्रूफ और शादी के निमंत्रण पत्र दिखाने होंगे।
14 नवंबर को नतीजे
जुबली हिल्स उपचुनाव का परिणाम 14 नवंबर को बिहार चुनाव के नतीजों के साथ घोषित किया जाएगा।इस उपचुनाव ने न सिर्फ हैदराबाद बल्कि पूरे तेलंगाना की राजनीति में सियासी तापमान बढ़ा दिया है।
(यह लेख पहली बार “द फेडरल तेलंगाना” में प्रकाशित हुआ था।)