उत्तराखण्ड में पेपर लीक कांड की होगी CBI जांच, छात्रों के धरनास्थल पर पहुंचकर सीएम धामी का एलान
उत्तराखण्ड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की अलग-अलग पदों की भर्ती परीक्षा का पेपर 21 सितंबर को वॉट्सएप पर लीक हो गया था। जिसके बाद उत्तराखण्ड में छात्रों और युवाओं का एक बड़ा आंदोलन चल रहा है। करीब एक हफ्ते के बाद आज सीएम धामी देहरादून में धरनास्थल पर पहुचे
उत्तराखण्ड सरकार को आखिरकार राज्य में चल रहे छात्रों-युवाओं के आंदोलन के आगे झुकना पड़ा है। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद भड़के आँदोलन के बीच आज खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को देहरादून में परेड ग्राउंड पर छात्रों के धरना स्थल पर जाना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने ऐलान कर दिया है कि पेपर लीक कांड की सीबीआई जांच कराई जाएगी। इससे पहले सरकार ने इस जांच के लिए एक रिटायर्ज जस्टिस वर्मा की अध्यक्षता में SIT भी बनाई थी लेकिन आंदोलनकारी बेरोजगार संघ ने रिटायर्ड जस्टिस के सत्ताधारी दल से रिश्तों का खुलासा किया तो फिर जांच की कमान एक अन्य रिटायर्ड जस्टिस यूसी नैथानी को सौंप दी गई। अब तो ये पूरी जांच सीबीआई के हवाले किए जाने की घोषणा कर दी गई है।
मुख्यमंत्री धामी ने अचानक परेड ग्राउंड, देहरादून में आंदोलनरत युवाओं के बीच पहुंचकर कहा, "युवा इस त्योहारी सीजन में इतनी गर्मी के बीच आंदोलन कर रहे हैं, इससे खुद उन्हें भी अच्छा नहीं लग रहा है।" मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का एक ही संकल्प है कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए।
युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दिनों सामने आए प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एसआईटी द्वारा की जा रही है। कमेटी ने काम भी शुरु किया है, लेकिन फिर भी युवा सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, इस कारण सरकार इस मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति करेगी। इसमें कोई रुकावट नहीं आएगी।
उन्होंने कहा कि सिर्फ एक प्रकरण में यह शिकायत आई है, इसलिए युवाओं के मन से हर तरह की शंका को मिटाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत सप्ताह भी जब युवा उनसे मिले थे तो उन्होंने तब ही स्पष्ट कर दिया था कि सरकार चाहती है कि युवाओं के मन में कोई अविश्वास, संदेह या शंका न रहे। इसलिए वो बिना किसी को बताए सीधे यहां परेड ग्राउंड में चले आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलन के दौरान यदि युवाओं पर कहीं कोई मुकदमें दर्ज हुए हैं, तो उन्हें वापस लिया जाएगा।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की अलग-अलग पदों को लेकर हो रही भर्ती परीक्षा का पर्चा 21 सितंबर को हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से वॉट्सएप पर लीक हो गया था। जिस कॉलेज से यह पर्चा लीक हुआ वो बीजेपी के नेता धर्मेंद्र चौहान का बताया जा रहा है। हालांकि इस मामले में पर्चा लीक करने के आरोपी छात्र खालिद और उसकी बहन को गिरफ्तार किया जा चुका है। लेकिन छात्रों की सीबीआई जांच की मांग पर सरकार हफ्तेभर से टालमटोल करती रही।
यहां तक कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्रों-युवाओं के आंदोलन को दूसरा रंग देना शुरू कर दिया और आरोप लगाया कि 'नकल जिहादियों' द्वारा युवाओं को भड़काया जा रहा है। उसके बाद तो उत्तराखण्ड में बीजेपी सरकार के मंत्री-विधायकों से लेकर उत्तराखण्ड बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट तक सभी ने एक ही लाइन पकड़ ली। लेकिन छात्र आंदोलन से टस से मस नहीं हुए। आखिरकार खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आंदोलन स्थल पर जाकर सीबीआई जांच की घोषणा करनी पड़ी।