‘कीड़ों की तरह जीने को मजबूर’: छात्र ने दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुई मौतों पर CJI को लिखा पत्र
छात्र अविनाश दुबे ने दुख जताते हुए पत्र में लिखा कि, "हमें घुटनों तक भरे नाले के पानी में चलना पड़ता है. आज हमारे जैसे छात्र नरक जैसी जिंदगी जीते हुए (अपनी परीक्षाओं की) तैयारी कर रहे हैं."
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-07-29 14:26 GMT
Coaching Centre Incident: दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बाढ़ आने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के मामले में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच, एक छात्र अविनाश दुबे ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, दुबे ने अपने पत्र में कहा कि मुखर्जी नगर और राजेंद्र नगर जैसे क्षेत्रों में जलभराव की समस्या कोई नई बात नहीं है और उन्होंने स्थिति की अनदेखी के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को जिम्मेदार ठहराया.
छात्र ने राऊस आईएएस स्टडी सर्किल के स्वामित्व वाली एक इमारत के बेसमेंट में तीन छात्रों के डूबने की दुखद घटना का जिक्र करते हुए छात्रों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा की मांग की. शहर के नियमों का उल्लंघन करते हुए बेसमेंट का इस्तेमाल लाइब्रेरी के रूप में किया जा रहा था.
"बारिश के कारण बेसमेंट में पानी भर गया और तीन छात्रों की जान चली गई. सर, मुखर्जी नगर और राजेंद्र नगर जैसे इलाके नगर निगम की लापरवाही के कारण कई सालों से हर साल जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं. हमें घुटनों तक भरे नाले के पानी में चलना पड़ता है. आज हम जैसे छात्र नरक की जिंदगी जीते हुए (अपनी परीक्षा की) तैयारी कर रहे हैं."
'नालियों का रखरखाव नहीं किया जाता'
दुबे ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी के इन इलाकों में नालों का ठीक से रख रखाव नहीं किया जाता है और जब भी बारिश होती है तो सड़कें पानी और अनुपचारित सीवेज के मिश्रण से भर जाती हैं. उन्होंने शिकायत की कि बाढ़ का पानी और सीवेज कभी-कभी घरों में भी घुस जाता है.
उन्होंने सीजेआई को लिखा, "हमारे जैसे छात्र किसी भी तरह से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं. लेकिन कल की घटना ने साबित कर दिया है कि छात्रों का जीवन सुरक्षित नहीं है. दिल्ली सरकार और नगर निगम हमें (कीड़ों) जैसा जीवन जीने के लिए मजबूर करते हैं." उन्होंने सरकारी अधिकारियों के "उदासीन दृष्टिकोण" का आरोप लगाते हुए लिखा.
"सर, स्वस्थ जीवन जीते हुए पढ़ाई करना हमारा मौलिक अधिकार है. उपरोक्त घटना अत्यंत हृदय विदारक और चिंताजनक है. जलभराव के कारण (ऐसे) केंद्रों में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है. छात्रों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण की आवश्यकता है ताकि वे बिना किसी डर के पढ़ाई कर सकें और देश के विकास में योगदान दे सकें."