दिल्ली प्रदूषण पर बोले गडकरी, 'दो दिन में करने लगता हूं बीमार महसूस'
गडकरी ने कहा कि देश में पेट्रोल और डीजल पर भारी निर्भरता दिल्ली में धुंध और प्रदूषण का मुख्य कारण है। उनके अनुसार केवल परिवहन क्षेत्र ही दिल्ली के 40% प्रदूषण का जिम्मेदार है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की हवा इतनी जहरीली हो गई है कि वह वहां केवल दो दिन रहने के बाद ही बीमार महसूस करने लगते हैं। उन्होंने यह भी माना कि परिवहन क्षेत्र इस समस्या के लिए काफी जिम्मेदार है। मंत्री गडकरी यह बात अपनी नई पुस्तक 'My Idea of Nation First - Redefining Unalloyed Nationalism' के लॉन्च के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि दिल्ली की बढ़ती प्रदूषण स्तर उनके स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित कर रही है।
गडकरी ने कहा कि देश में पेट्रोल और डीजल पर भारी निर्भरता दिल्ली में धुंध और प्रदूषण का मुख्य कारण है। उनके अनुसार केवल परिवहन क्षेत्र ही दिल्ली के 40% प्रदूषण का जिम्मेदार है। 68 वर्षीय नागपुर के गडकरी ने इस बात को राष्ट्रीयता से भी जोड़ा और कहा कि जैव ईंधन और हरी ऊर्जा आधारित मोबिलिटी की ओर बढ़ना सिर्फ पर्यावरण की आवश्यकता नहीं बल्कि देशभक्ति का मामला भी है।
मंत्री ने दावा किया कि भारत वर्तमान में प्रतिवर्ष 20 लाख करोड़ रुपये का खर्च करके जीवाश्म ईंधन आयात करता है और घरेलू स्तर पर प्रदूषण पैदा करता है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह कैसी राष्ट्रीयता है? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बनाई जा सकती।
गडकरी ने जोर देते हुए कहा कि भारत के पास पहले से ही स्वच्छ ईंधन विकल्प बनाने की क्षमता मौजूद है और किसान इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन चालित वाहन अब आर्थिक रूप से व्यवहार्य हो गए हैं और नई तकनीकें उत्सर्जन और परिचालन खर्च को कम करने में मदद कर रही हैं। वास्तव में प्रदूषण अब राष्ट्रीय संकट बन चुका है और दिल्ली के अलावा कई अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। आम जनता का आरोप है कि राजनीतिक नेतृत्व इस मुद्दे की अनदेखी कर रहा है, जिससे आम आदमी की जान खतरे में पड़ रही है।