दिल्ली धमाका एक जघन्य आतंकी हमला: उच्चस्तरीय बैठक के बाद केंद्र का बयान
केंद्र सरकार ने इस विस्फोट को “राष्ट्रविरोधी ताकतों का कायराना और नीच कृत्य” बताया
10 नवंबर को नई दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना को मंत्रिमंडलीय सुरक्षा समिति (CCS) ने “जघन्य आतंकी हमला” करार दिया है। बुधवार (12 नवंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में पीड़ितों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया। एक आधिकारिक बयान में केंद्र सरकार ने इस विस्फोट को “राष्ट्रविरोधी ताकतों का कायराना और नीच कृत्य” बताया और भारत की “आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति” को दोहराया।
संदिग्धों ने कई बार की थी रेकी
हाल में गिरफ्तार किए गए सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के आरोपी डॉ. मुअज्जमिल गनई के मोबाइल फोन से मिली डंप डेटा एनालिसिस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उन्होंने इस साल जनवरी में लाल किले के इलाके की कई बार रेकी (जांच) की थी।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें शक है कि ये सभी रेकी गणतंत्र दिवस पर किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश का हिस्सा थीं, जिसे उस दौरान इलाके में बढ़ी हुई सुरक्षा के कारण नाकाम कर दिया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि दो मुख्य संदिग्ध —डॉ. उमर, जो ह्युंडई i20 कार चला रहा था जो विस्फोट में शामिल थी, और मुअज्जमिल, दोनों तुर्की गए थे।
स्रोतों के मुताबिक, जांचकर्ताओं को उनके पासपोर्ट में तुर्की के इमिग्रेशन स्टैम्प मिले हैं और यह जांच की जा रही है कि क्या उन्होंने वहां किसी विदेशी हैंडलर से मुलाकात की थी।
फरीदाबाद में मिली लाल Ford EcoSport
दिल्ली के लाल किला धमाके से जुड़ी लाल रंग की Ford EcoSport कार को फरीदाबाद के खंडावली गांव में बरामद किया गया है। फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता ने फोन पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा, “हाँ, यह कार मिल गई है।”
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने सभी थानों, चौकियों और बॉर्डर चेकपोस्ट्स पर रेड अलर्ट जारी किया था ताकि इस कार को ढूंढा जा सके। जांच में सामने आया कि धमाके में इस्तेमाल ह्युंडई i20 से जुड़े अन्य संदिग्धों के पास एक और लाल रंग की कार थी।
पीएम मोदी ने घायलों से की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एलएनजेपी अस्पताल जाकर धमाके में घायल लोगों से मुलाकात की और कहा कि अपराधियों को सजा जरूर मिलेगी।
“दिल्ली में हुए विस्फोट में घायल लोगों से एलएनजेपी अस्पताल में मुलाकात की। सभी के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। इस साजिश के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।” — मोदी ने X पर लिखा।
कई बार लाल किला गए थे संदिग्ध
अधिकारियों ने बताया कि डॉ. मुअज्जमिल और डॉ. उमर नबी (अल-फला यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर) ने लाल किले की सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ की गतिविधियों का अध्ययन करने के लिए वहां कई बार दौरा किया था।
उनकी मोबाइल टावर लोकेशन डेटा और सीसीटीवी फुटेज से इन यात्राओं की पुष्टि हुई है। “ये दौरे 26 जनवरी के संभावित हमले की विस्तृत तैयारी का हिस्सा थे,”
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक फरीदाबाद स्थित कार डीलर को हिरासत में लिया है और दिल्ली व आसपास के राज्यों के सभी सेकंड-हैंड कार डीलरों को हाल के वाहन बिक्री के रिकॉर्ड साझा करने का निर्देश दिया है।
क्या हुआ धमाके में ‘एक्सीडेंट’? शुरुआती जांच में चौंकाने वाले संकेत
अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट की प्रारंभिक जांच से यह संकेत मिले हैं कि यह संभवतः गलती से ट्रिगर हो गया था, जब जल्दबाज़ी में तैयार किया गया विस्फोटक उपकरण (IED) कार में ले जाया जा रहा था।
जांचकर्ताओं ने पुलवामा के एक डॉक्टर, उमर नबी की पहचान की है — वही व्यक्ति जो उस कार को चला रहा था जिसमें विस्फोट हुआ और 12 लोगों की जान गई। उसके संबंध हरियाणा के फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल से जोड़े जा रहे हैं, जहां से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए थे।
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नबी की मां का डीएनए सैंपल लिया है ताकि रिश्ते की पुष्टि की जा सके। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर और पुलवामा में सुरक्षा एजेंसियों की छापेमार कार्रवाई के बाद आतंक मॉड्यूल से जुड़े संदिग्धों को पकड़ने के दौरान घबराहट और जल्दबाज़ी में विस्फोट हुआ।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया —“फरीदाबाद में हुई रेड के बाद संदिग्ध घबरा गया और जल्दबाज़ी में दूसरी जगह जाने लगा, जिससे हादसा हो गया। मामला आत्मघाती हमला नहीं बल्कि विस्फोटक ले जाते वक्त हुई दुर्घटना की तरह लगता है।”
आत्मघाती हमले की भी जांच
पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है, जिसमें आत्मघाती हमले की संभावना भी शामिल है। अधिकारी के मुताबिक, शुरुआती खुफिया आकलन से पता चला है कि IED को गलत तरीके से असेंबल किया गया था, जिससे उसका विनाशकारी असर सीमित रहा।
“बम पूरी तरह तैयार नहीं था, इसलिए विस्फोटक प्रभाव सीमित रहा। जगह पर कोई गड्ढा नहीं बना और न ही छर्रे या धातु के टुकड़े मिले,” अधिकारी ने बताया।
अल-फला यूनिवर्सिटी का बयान
धमाके के बाद जांच के घेरे में आई हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फला यूनिवर्सिटी ने बुधवार को बयान जारी किया कि उसका गिरफ्तार डॉक्टरों से केवल पेशेवर संबंध है और वह इन घटनाओं से गहरा दुखी है। यूनिवर्सिटी ने खुद को आतंकवाद से दूरी बनाते हुए कहा —
“हम एक जिम्मेदार संस्था हैं और राष्ट्र के साथ खड़े हैं।”
फॉरेंसिक टीम ने धमाके की जगह से करीब 40 सैंपल इकट्ठे किए हैं, जिनमें दो कारतूस, जीवित गोलियां और दो अलग-अलग तरह के विस्फोटकों के नमूने शामिल हैं।
फरीदाबाद से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद
सोमवार को जांच के दौरान फरीदाबाद में 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया। यह वही जगह थी जहां से डॉ. मुअज्जमिल गनई और डॉ. शहीन सईद को गिरफ्तार किया गया — दोनों अल-फला यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं।
एक अधिकारी के मुताबिक, “दूसरा विस्फोटक नमूना अमोनियम नाइट्रेट से भी ज्यादा शक्तिशाली है। इसकी सही संरचना फॉरेंसिक जांच के बाद ही पता चलेगी।”
अधिकारियों ने बताया कि फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल से कारतूस भी मिले हैं। यह जांच जारी है कि विस्फोटकों का उपयोग किस प्रकार और किन परिस्थितियों में किया गया।
मौलवी गिरफ्तार
मॉड्यूल से जुड़े नेटवर्क की जांच के तहत बुधवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा के मेवात के मौलवी इश्तियाक को हिरासत में लिया। वह फरीदाबाद स्थित अल-फला यूनिवर्सिटी परिसर के भीतर किराए के मकान में रह रहा था। अधिकारियों के मुताबिक, इसी घर से 2,500 किलो से अधिक विस्फोटक बरामद किए गए थे।
मौलवी इश्तियाक इस मामले में गिरफ्तार किया जाने वाला नौवां आरोपी होगा। उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किए जाने की संभावना है।