अल्फल्हा के बाद महाराष्ट्र के JIIU ट्रस्ट संदेह के घेरे में , 406 करोड़ फंडिंग की जांच

भाजपा नेता के आरोपों के बाद ईडी ने नंदुरबार, मुंबई और बाड़मेर में 12 ठिकानों पर छापेमारी की, जहां 406 करोड़ की संदिग्ध विदेशी फंडिंग और फर्जी दस्तावेज़ों का खुलासा हुआ।

Update: 2025-12-04 01:07 GMT

ED Action On JIIU : फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी, जो आतंक के वाइट कालर मोड्यूल के चलते जाँच के घेरे में आई के बाद अब महाराष्ट्र की जामिया इस्लामिया इशातुल ऊलूम ट्रस्ट( JIIU ) पर भी जाँच एजेंसियों का शिकंजा कस गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस यूनिवर्सिटी पर बड़ा एक्शन लिया है। आरोप है कि जामिया इस्मालिया इशातुल ऊलूम (JIIU) ट्रस्ट भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी की तरह ही संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त है, ख़ास तौर पर विदेशी फंडिंग को लेकर। यही वजह है कि ED ने विदेशी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के शक में 406 करोड़ रुपये की संदिग्ध विदेशी राशि की जांच शुरू कर दी है।


भाजपा नेता के आरोपों के बाद 12 ठिकानों पर छापेमारी

भाजपा नेता किरिट सोमैया ने नंदुरबार के अक्कलकुवा क्षेत्र में स्थित इस संस्थान को लेकर आरोप लगाया था कि यह ट्रस्ट अल-फलाह की तरह ही अवैध गतिविधियों में लिप्त है। इसके बाद ईडी ने नंदुरबार, मुंबई और राजस्थान के बाड़मेर समेत कुल 12 लोकेशन पर 1 दिसंबर को सर्च ऑपरेशन चलाया।

जांच में ट्रस्ट पर ये गंभीर आरोप सामने आए

विदेशी नागरिकों के लिए फर्जी आधार-पैन, जन्म प्रमाणपत्र, बैंक खाता खुलवाना।

विदेशियों को भारत में अवैध रूप से ठहरने में मदद करना।

विदेशी फंडिंग को अनधिकृत संस्थानों में भेजना।

आर्थिक अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग का शक।

कैश, डिजिटल उपकरण और अहम दस्तावेज जब्त

छापेमारी के दौरान ईडी ने 9 लाख रुपये नकद, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, मोबाइल फोन आदि कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।

जांच में यह भी सामने आया है कि ट्रस्ट को कुवैत, बोत्सवाना, यूके, मॉरिशस, स्विट्जरलैंड, सेशेल्स और पनामा जैसे देशों से भारी रकम मिली है। 406 करोड़ रुपये की फंडिंग में नकद का बड़ा हिस्सा भी शामिल था।

कई विदेशी नागरिक जांच के दायरे में

ईडी की प्रारंभिक जांच में जिन लोगों की भूमिका संदिग्ध पाई गई, उनमें

अल-खदामी खालिद इब्राहिम सालेह (यमन नागरिक)

खदेजा इब्राहिम कासिम अल-नशेरी

गुलाम मोहम्मद रंधेरा

और अन्य ट्रस्ट से जुड़े लोग शामिल बताए जा रहे हैं।

इन पर विदेशी नागरिकों के लिए अवैध दस्तावेज तैयार कराने और उन्हें भारत में ठहराने का आरोप है।

गृह मंत्रालय ने पहले ही रद्द कर दिया था FCRA लाइसेंस

इस मामले की शुरुआत तब हुई जब 15 जुलाई 2024 को गृह मंत्रालय ने JIIU ट्रस्ट का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया था। मंत्रालय ने पाया कि ट्रस्ट

विदेशी दान गैर-पंजीकृत संस्थाओं में ट्रांसफर कर रहा था

FCRA नियमों का उल्लंघन कर रहा था

अब ईडी इस पूरे फंड के प्रवाह, उपयोग और कथित अपराध से अर्जित संपत्तियों के बारे में विस्तृत जांच कर रही है।


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