केरल में ED अधिकारी रिश्वत कांड, केंद्रीय एजेंसी पर उठे सवाल
शेखर कुमार पर रिश्वतखोरी का आरोप और राज्य सतर्कता ब्यूरो द्वारा की गई जांच ने ED की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप और जांच के परिणाम राज्य की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।;
केरल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक वरिष्ठ अधिकारी शेखर कुमार पर ₹2 करोड़ की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। काजू निर्यातक अनीश बाबू ने यह आरोप लगाया है कि ED के अधिकारियों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राहत देने के बदले यह राशि मांगी। इस शिकायत के आधार पर राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (VACB) ने मामला दर्ज किया है।
मुख्य आरोपी और गिरफ्तारियां
VACB ने शेखर कुमार को मुख्य आरोपी बनाया है। इसके अलावा तीन मध्यस्थों विल्सन वर्गीज, मुकेश कुमार और चार्टर्ड एकाउंटेंट रंजीत वारियर को भी गिरफ्तार किया गया है। विल्सन वर्गीज को ₹2 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। मुकेश कुमार पर हवाला लेन-देन में संलिप्तता का आरोप है। जबकि रंजीत वारियर पर ED के रडार पर रहे व्यक्तियों की सूची रखने का आरोप है। VACB ने इन गिरफ्तारियों के बाद एक डायरी भी बरामद की है, जिसमें ED की जांच के तहत व्यक्तियों की जानकारी थी।
ED का बचाव
ED ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि अनीश बाबू पर ₹24.73 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला चल रहा है। ED के अनुसार, अनीश बाबू ने कई बार समन का पालन नहीं किया और उनके खिलाफ विभिन्न अदालतों में अग्रिम जमानत याचिकाएं भी खारिज हो चुकी हैं। ED ने यह भी कहा कि समन जारी करने से पहले उच्च अधिकारियों की स्वीकृति ली जाती है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
केरल की वामपंथी सरकार ने ED पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है। CPI(M) के पोलितब्यूरो सदस्य ए. विजयाराघवन ने कहा कि ED का रवैया पक्षपाती है और यह विपक्षी दलों को निशाना बना रहा है। कांग्रेस नेता VD सतीशान ने भी ED पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। इस मामले ने राज्य में राजनीतिक हलचल मचा दी है और आगामी विधानसभा चुनावों में इसका असर पड़ सकता है।