एडप्पाड़ी के. पलानीस्वामी ने गठबंधन सरकार की संभावना को किया खारिज
यह रुख भाजपा के रुख से अलग है, जिसमें नैनार नागेंद्रन जैसे लोगों ने 2026 में तमिलनाडु में एनडीए सरकार बनने का अनुमान लगाया है।;
Confused Collusion OF AIADMK-BJP : तमिलनाडू में भाजपा और AIADMK के बीच हुए चुनाव के लिए गठबंधन जरुर हुआ है लेकिन दोनों दलों के बीच दुविधा भी परस्पर है। इस बात की वजह है एआईएडीएमके नेता एडप्पाड़ी के. पलानीस्वामी का वो बयान, जो उन्होंने बुधवार (16 अप्रैल) को दिया। उन्होंने तमिलनाडु में अगले साल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन सरकार बनाने की संभावना को खारिज कर दिया।
पलानीस्वामी ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा केंद्र में सरकार चलाएगी, जबकि 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद वह तमिलनाडु की बागडोर संभालेंगे।
‘कोई गठबंधन सरकार नहीं’
यह बयान उस समय आया जब ईपीएस (पलानीस्वामी) ने तमिलनाडु विधानसभा से वाकआउट किया। उन्होंने विपक्ष को बोलने नहीं देने को लेकर स्पीकर पर नाराज़गी जताई।
राज्य में गठबंधन सरकार को लेकर पूछे गए सवाल पर ईपीएस ने कहा: “कोई गठबंधन सरकार नहीं है। केवल भाजपा के साथ चुनावी गठबंधन है; वे शासन में भाग नहीं लेंगे। अमित शाह ने कहा था 'दिल्ली के लिए पीएम मोदी, तमिलनाडु के लिए एडप्पाड़ी पलानीस्वामी’।”
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ईपीएस का यह रुख भाजपा के नेताओं के बयानों से अलग है, जिनमें नैनार नागेन्द्रन जैसे नेता तमिलनाडु में एनडीए सरकार की बात कर चुके हैं, जिसमें एआईएडीएमके मुख्य सहयोगी होगी।
एआईएडीएमके का कहना है कि भाजपा के साथ उनका गठबंधन एक चुनावी रणनीति है, जिसका उद्देश्य डीएमके-कांग्रेस गठबंधन का मुकाबला करना है, न कि सरकार में भागीदारी का संकेत देना।
द्रविड़ दलों का दृष्टिकोण
एआईएडीएमके और भाजपा के बीच गठबंधन सरकार को लेकर अलग-अलग बयानों ने राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान खींचा है। सूत्रों का मानना है कि ईपीएस का यह ऐलान उनके दल में भाजपा को कोई राजनीतिक लाभ न देने की चिंताओं को दर्शाता है।
वरिष्ठ पत्रकार टी. रामकृष्णन ने टिप्पणी की: “डीएमके और एआईएडीएमके दोनों द्रविड़ पार्टियां हैं, जो बुनियादी रूप से गठबंधन सरकार की अवधारणा को खारिज करती हैं। ईपीएस इस रुख पर अडिग हैं, भले ही अमित शाह ने यह स्पष्ट किया हो कि सत्ता साझा करने के निर्णय चुनाव के बाद लिए जाएंगे।”
“शाह का बयान यह संकेत देता है कि एनडीए, जिसमें तमिलनाडु में एआईएडीएमके के अलावा अन्य दल भी शामिल हैं, 2026 के चुनावों में जीत हासिल करने पर सरकार बनाएगा।”
संघीय मुद्दे
एआईएडीएमके अपनी कार्यकारिणी की बैठक 2 मई को चेन्नई स्थित मुख्यालय में आयोजित करने जा रही है। ईपीएस पार्टी कार्यकर्ताओं से लगातार कह रहे हैं कि अगले साल एआईएडीएमके ही सरकार बनाएगी।
दूसरी ओर, एआईएडीएमके ने कई संघीय नीतियों, खासकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का विरोध किया है, जिसमें तीन-भाषा फॉर्मूले को बढ़ावा दिया गया है।
इसी तरह, एआईएडीएमके ने वक्फ (संशोधन) विधेयक का भी विरोध किया है, यह कहते हुए कि इससे राज्य की स्वायत्तता पर प्रभाव पड़ सकता है और अल्पसंख्यकों के अधिकार प्रभावित हो सकते हैं।