Goa nightclub fire: अवैध क्लब पर चला बुलडोजर, प्रशासन की सख्त कार्रवाई
Goa club fire accident: 7 दिसंबर को क्लब में चल रहे फायर शो के दौरान अचानक आग भड़क उठी थी। आग इतनी तेज थी कि कुछ ही मिनटों में 25 लोगों की मौत हो गई।
Goa nightclub fire: गोवा के वागाटोर इलाके में स्थित बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में भीषण आग लगने के मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी सिलसिले में पुलिस ने आरोपी अजय गुप्ता को नई दिल्ली से हिरासत में ले लिया है। अजय गुप्ता के खिलाफ पहले ही लुकआउट नोटिस जारी किया गया था, लेकिन जब पुलिस उसकी तलाश में उसके घर पहुंची तो वह फरार हो चुका था। कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेने के बाद मंगलवार को उसे पकड़ लिया गया।
7 दिसंबर को लगी थी भीषण आग
7 दिसंबर को क्लब में चल रहे फायर शो के दौरान अचानक आग भड़क उठी थी। आग इतनी तेज थी कि कुछ ही मिनटों में 25 लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद क्लब के मालिक गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा देश छोड़कर थाईलैंड भाग गए। गोवा पुलिस ने दोनों के पासपोर्ट रद्द कराने के लिए रीजनल पासपोर्ट ऑफिस को पत्र लिखा है। इसके अलावा क्लब के अन्य मालिक अजय गुप्ता और ब्रिटिश नागरिक सुरिंदर कुमार खोसला के खिलाफ भी लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है, ताकि वे देश से बाहर न भाग सकें।
अवैध क्लबों पर कार्रवाई का आदेश
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस घटना को गंभीर प्रशासनिक और नैतिक चूक बताया है। उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिया है कि राज्य में चल रहे सभी अवैध क्लब, बार और मनोरंजन स्थलों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। सुरक्षा नियमों का पालन न करने वाले प्रतिष्ठानों को तुरंत सील या गिराया जाए। गोवा की सुरक्षा और प्रतिष्ठा के साथ कोई समझौता नहीं होगा।
रोमियो लेन बीच शैक पर बुलडोजर
सीएम के आदेश पर गोवा पर्यटन विभाग ने वागाटोर में लूथरा ब्रदर्स के अवैध बीच शैक ‘रोमियो लेन’ को तोड़ दिया। 198 वर्ग मीटर का लकड़ी का ढांचा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बना है। इसे भारी मशीनरी से दो घंटे में पूरी तरह ध्वस्त किया गया। FIR में खुलासा हुआ कि क्लब में फायर एक्सटिंग्विशर नहीं था। स्प्रिंकलर या अलार्म सिस्टम नहीं था। स्मोक एक्सट्रैक्शन सिस्टम नहीं था। क्लब शुरू होने से पहले फायर ऑडिट भी नहीं किया गया था।
नई समिति गठित
गोवा सरकार ने नाइट क्लब, बार, होटल, शैक और इवेंट वेन्यू की सुरक्षा जांच के लिए नई समिति बनाई है। इस समिति में GCS अधिकारी (अध्यक्ष), पुलिस इंस्पेक्टर, फायर ऑफिसर, PWD इंजीनियर और बिजली विभाग के इंजीनियर शामिल होंगे। ये टीमें हर प्रतिष्ठान में फायर सर्टिफिकेट, सुरक्षा उपकरण, इमरजेंसी एग्जिट, इलेक्ट्रिकल वायरिंग, साउंड लिमिट और ऑक्यूपेंसी नियम का जांच करेंगी। हर महीने इसकी रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने लाइसेंस और सुरक्षा नियमों में सुधार की एक दूसरी समिति भी बनाई है।