मोदी की रूस यात्रा से हरियाणा के इस गाँव में क्यों हैं ख़ुशी का माहौल ?

कैथल जिले के एक गाँव मटौर के लोगों के बीच सकारात्मक माहौल बना है. असल में इस गाँव के कुछ नौजवान ऐसे हैं जो नौकरी के सिलसिले में रूस गए थे, लेकिन उन्हें धोखे से रुसी सेना में भर्ती करके जंग के मैदान में उतार दिया.

Update: 2024-07-15 05:11 GMT

Modi Russia Trip: प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा के बाद जहाँ देश विदेश में इसकी चर्चा हो रही है, तो वहीँ देश का एक राज्य ऐसा भी है, जहाँ पर इस मुलाकात और यात्रा से उम्मीदों की एक नयी किरण जगी है. ये प्रदेश है हरियाणा, जहाँ के कैथल जिले के एक गाँव मटौर के लोगों के बीच सकारात्मक माहौल बना है. असल में इस गाँव के कुछ नौजवान ऐसे हैं जो नौकरी के सिलसिले में रूस गए थे, लेकिन उन्हें धोखे से रुसी सेना में भर्ती करके जंग के मैदान में उतार दिया.

हरियाणा के इस गांव से 6 युवाओं को एक एजेंट ने ट्रांसपोर्ट कंपनी मे नौकरी का झांसा देकर रूस भेजा लेकिन जब ये युवा रूस पहुंचे तो उन्हें युद्ध में धकेल दिया जबकि ये युवा युद्ध के लिए ट्रेंड भी नहीं थे.

लोडिंग अनलोडिंग का काम करने के लिए गए थे युवा

गाँव वालों का कहना है कि इन युवाओं को ट्रांसपोर्ट कंपनी में लोडिंग और अनलोडिंग का काम करने का झांसा देकर रूस ले जाया गया था. इन युवाओं को रशियन भाषा की जानकारी नहीं थी. इनसे वहां पर रशियन भाषा में एक कांट्रैक्ट साइन कराया गया. उसमें क्या लिखा था, इन्हें पता नहीं था. लेकिन जब इन्हें कुछ दिन सेना की ट्रेनिंग देने के बाद यूक्रेन के साथ युद्ध में उतार दिया, जिसके बाद इन लड़कों को पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है.



 



एक युवा युद्ध में घायल भी हुआ

रूस और यूक्रेन के युद्ध में मटौर का एक युवा साहिल भी घायल हुआ है. उसके परिजनों का कहना है कि वो अब ठीक से चल भी नहीं सकता. साहिल के पिता भाग सिंह का कहना है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने रूस में पुतिन के सामने इस मुद्दे को उठाया है, उससे बेटे की घर वापसी की आशा जगी है.


वीडियो के जरिए बताई थी आपबीती

साहिल के परिजनों का कहना है कि उनके बेटे ने युद्ध के मैदान से ही एक विडियो जारी किया था, जिसमें उसने ये बात कही थी कि एजेंट ने झूठ बोलकर सेना में भर्ती करवा दिया. विडियो में साहिल ने गाँव के एजेंट सत्यवान का नाम भी लिया और उस पर ये आरोप लगाया कि मुझे रूस में ट्रांसपोर्ट का काम दिलवाने के लिए कहा था और इसके बदले सत्यवान ने 10 लाख रूपये भी लिए थे.  


दूसरे युवाओं के परिजनों में भी है उम्मीद 

इसी गाँव के अन्य युवा जो रूस गए हैं, उनके मन में भी उम्मीद जगी है और वो प्रधानमंत्री मोदी से शुक्रगुज़ार हैं. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री ने उनके दर्द को समझा और पुतिन से ये बात कही, ये बहुत बड़ी बात है. हमें नहीं मालूम था कि हमारी बात प्रधानमंत्री तक पहुंची है, हमने बस एक प्रयास किया था, जो सफल हुआ है.


पीएम मोदी ने रखी थी पुतिन के सामने ये बात 

ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस यात्रा के दौरान रूस के राष्ट्रपति पुतिन के सामने हरियाणा से इन नौजवानों की समस्या का ज़िक्र किया था और उन्हें भारत लौटाने के लिए कहा था, जिस पर पुतिन की तरफ से ये आश्वासन दिया गया था कि उन्हें जल्द भारत वापस भेज दिया जायेगा. 

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