गोल्डन टेम्पल पर भी था ना 'पाक' इरादा, इस तरह हमला किया गया नाकाम

भारतीय सेना ने गोल्डन टेम्पल पर पाकिस्तानी ड्रोन-मिसाइल हमले को नाकाम किया था। ऑपरेशन सिंदूर में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए।;

Update: 2025-05-19 03:35 GMT

15 इन्फेंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने कहा,"हमें पहले से अनुमान था कि पाकिस्तानी सेना के पास कोई वैध सैन्य लक्ष्य नहीं होंगे, इसलिए वे भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों के साथ-साथ नागरिक और धार्मिक स्थलों को निशाना बना सकते हैं। ऐसे में सबसे प्रमुख स्थल अमृतसर स्थित श्री हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेम्पल) लगा। हमने इसे ध्यान में रखते हुए वहां अतिरिक्त आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली तैनात की, ताकि गोल्डन टेम्पल को समग्र सुरक्षा कवच मिल सके।

8 मई की तड़के अंधेरे में पाकिस्तान ने ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों के जरिए भारी हवाई हमला किया। लेकिन हमारी सेना की एयर डिफेंस यूनिट पहले से पूरी तरह तैयार थी। हमारे सतर्क और साहसी वायु रक्षा सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया और गोल्डन टेम्पल पर दागे गए सभी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया। इस तरह हमारे पवित्र गुरुद्वारे को एक खरोंच तक नहीं आने दी गई।"


ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए मेजर जनरल शेषाद्रि ने कहा, "पाकिस्तानी सेना द्वारा प्रायोजित एक कायराना आतंकी हमले में देशी और विदेशी निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद, देश की आक्रोशित भावना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के रूप में सामने आई। इस अभियान में विशेष आतंकी ठिकानों पर सटीक जवाबी हमले किए गए। कुल 9 टारगेट्स पर स्ट्राइक की गई, जिनमें से 7 को भारतीय सेना ने पूरी तरह तबाह किया। लाहौर के पास स्थित मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय और बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना अत्यंत सटीकता के साथ नष्ट किया गया।



हमने हमलों के बाद स्पष्ट कर दिया कि हमने जानबूझकर किसी भी पाकिस्तानी सैन्य या नागरिक ढांचे को निशाना नहीं बनाया।"भारतीय सेना द्वारा एयर डिफेंस सिस्टम — जैसे AKASH मिसाइल सिस्टम और L-70 एयर डिफेंस गन — का प्रदर्शन भी किया गया, जिससे यह दिखाया गया कि कैसे पंजाब के शहरों और खासकर अमृतसर के गोल्डन टेम्पल को पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमलों से बचाया गया।

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