पहलगाम हमले के बाद क्यों डरे हुए हैं जम्मू-कश्मीर के छात्र, जानें- वजह

उत्तराखंड में एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा धमकी से लेकर पंजाब के डेरा बस्सी में एक संस्थान में कुछ लोगों द्वारा उन पर हमला करने की वजह से कश्मीरी छात्र चिंता में डूबे हुए हैं।;

Update: 2025-04-25 01:50 GMT
यह अनुमान लगाते हुए कि कश्मीरी छात्र बढ़ती शत्रुता के सामने असुरक्षित होंगे, जम्मू और कश्मीर छात्र संघ ने सुरक्षा सलाह जारी की। | प्रतिनिधि छवि: iStock

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद देशभर में कश्मीर से बाहर पढ़ाई कर रहे छात्रों के बीच भय और असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है। दाएंपंथी संगठनों की ओर से खुलेआम धमकियाँ दी जा रही हैं, मकान मालिक छात्रों को घर खाली करने को कह रहे हैं, और कई जगह स्थानीय लोग कश्मीरी मुस्लिम समुदाय को निशाना बना रहे हैं।

कश्मीरी छात्रों को मिल रही धमकियां

उत्तराखंड के देहरादून में हिंदू रक्षा दल नामक संगठन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें संगठन के नेता ललित शर्मा ने कहा—"अगर सुबह 10 बजे के बाद कोई कश्मीरी मुस्लिम दिखाई दिया, तो उसका इलाज कर दिया जाएगा।"

इस धमकी के बाद देहरादून के कई कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों में दहशत फैल गई। बाबा फरीद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के 5-7 छात्रों ने आधी रात में एयरपोर्ट के लिए निकलने का फैसला किया। डून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक छात्र ने बताया,

"कुछ छात्र तो डर के मारे 1:30 बजे रात में ही निकल गए। फार्मेसी, लैब टेक्नोलॉजी और फिजियोथेरेपी के छात्रों की परीक्षाएँ हैं, इसलिए वे नहीं जा पा रहे। हम फिलहाल कॉलेज परिसर में रह रहे हैं, क्योंकि यहीं थोड़ी सुरक्षा महसूस होती है।"

उत्तराखंड पुलिस ने दी कार्रवाई की जानकारी

उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ ने The Federal से बातचीत में बताया,

"वीडियो पोस्ट करने और उसे फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। हम लगातार छात्रों और संस्थानों के संपर्क में हैं।"

हालांकि, डून कॉलेज के एक छात्र ने कहा कि अब तक किसी स्थानीय अधिकारी ने उनसे संपर्क नहीं किया है और उन्हें यह भी नहीं बताया गया कि वे कैंपस छोड़कर अपने कमरों में वापस जा सकते हैं या नहीं।

JKSA ने जारी की एडवाइजरी, हेल्पलाइन भी एक्टिव

जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (JKSA) ने बुधवार को एक एडवाइजरी जारी कर छात्रों को "घरों के अंदर रहने, राजनीतिक बहसों से बचने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ या संवेदनशील सामग्री साझा न करने" की सलाह दी।

संस्था के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुहेमी ने बताया कि देशभर से उन्हें लगातार कॉल्स आ रहे हैं, खासकर पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से। उन्होंने कहा,

"हमने राहुल गांधी के कार्यालय से भी संपर्क किया है और हमें भरोसा दिलाया गया है कि मामला उच्च स्तर पर उठाया जाएगा।"

पंजाब में हॉस्टल में हमला, सुरक्षा विफल

चंडीगढ़ के डेरा बस्सी स्थित यूनिवर्सल ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस से एक गंभीर मामला सामने आया, जहाँ कश्मीरी छात्रों को रात में हॉस्टल के अंदर हमला झेलना पड़ा। खुहेमी के अनुसार,

"स्थानीय लोगों और छात्रों ने आधी रात को हॉस्टल में घुसकर छात्रों पर धारदार हथियारों से हमला किया, उनके कपड़े फाड़ दिए और एक छात्र गंभीर रूप से घायल हुआ। कॉलेज की सुरक्षा ने कुछ नहीं किया और पंजाब पुलिस भी समय पर नहीं पहुँची।"

पंजाब डीजीपी गौरव यादव ने ट्विटर पर लिखा,

"हमने इस घटना का संज्ञान लिया है और स्थानीय पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। नफरत फैलाने या सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"

भय और असहायता की स्थिति

चंडीगढ़ की एक कश्मीरी छात्रा ने वीडियो के माध्यम से बताया कि

"हम डर के मारे भूखे बैठे हैं, बाहर नहीं जा सकते, कैब नहीं ले सकते। एक दोस्त को कैब से उतार कर धमकाया गया। हमें मदद चाहिए ताकि हम घर लौट सकें।"

दिल्ली के जाकिर नगर में रह रहे एक छात्र को मकान खाली करने को कहा गया, वहीं प्रयागराज के एक छात्र ने कहा कि वह बहुत डरा हुआ है और घर वापस लौट रहा है। एक पत्रकार और छात्रा मोहसिना ने बताया,

"कश्मीरियों पर हमले की खबरें डरा रही हैं। कई छात्र अब सिर्फ मुस्लिम बहुल इलाकों में ही सुरक्षित महसूस करते हैं।"

2019 की यादें ताज़ा

यह स्थिति 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद पैदा हुई दहशत की याद दिला रही है, जब देशभर में कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाया गया था। उस समय सिर्फ उत्तराखंड में 1000 से अधिक छात्र थे, जिनमें से 700 देहरादून में पढ़ रहे थे। कई को घर खाली करने की धमकियाँ मिली थीं। यवतमाल (महाराष्ट्र) और अंबाला (हरियाणा) में भी हिंसक घटनाएँ हुई थीं।

CRPF की 'मददगार' हेल्पलाइन पर दर्जनों कॉल आए और 250 से अधिक छात्रों को जम्मू के ज़रिए घर पहुँचाया गया था। उस समय खालसा एड जैसे सिख संगठनों ने पंजाब में छात्रों को सुरक्षित आश्रय दिया था।

पहलगाम हमला: 26 की मौत, 20 से अधिक घायल

22 अप्रैल को बाइसारन के घास के मैदान में हुए हमले में अब तक कम से कम 26 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे, और 20 से ज्यादा लोग घायल हैं।

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