केरल एक्टर-हमला मामला: भावना ने कहा 'सभी नागरिक बराबर नहीं हैं'

छह दोषियों को 20 साल की सज़ा सुनाए जाने के बाद, उन्होंने कहा कि फैसले से उन्हें हैरानी नहीं हुई; मंजू वारियर का कहना है कि अपराधियों को सज़ा मिलनी ही चाहिए।

Update: 2025-12-14 17:48 GMT

Kerala Actor Assault Case : केरल में 2017 में हुए चर्चित अभिनेता हमले के मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा छह दोषियों को 20 साल की सश्रम कारावास की सज़ा सुनाए जाने के दो दिन बाद, पीड़िता अभिनेत्री भवना मेनन ने एक लंबा और भावुक बयान साझा किया है।

रविवार (14 दिसंबर) को इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए भवना ने कहा कि वर्षों के दर्द, आंसुओं और गहरे मानसिक आघात के बाद उन्हें यह कड़वी सच्चाई समझ में आई है कि “इस देश में कानून के सामने सभी नागरिक बराबर नहीं हैं।”

लगभग नौ साल की पीड़ा के बाद दिखी उम्मीद

भवना ने लिखा कि यह कानूनी और मानसिक संघर्ष 8 साल, 9 महीने और 23 दिन तक चला। उन्होंने कहा कि दोषियों के करार दिए जाने के बाद उन्हें इस लंबे और दर्दनाक सफर के अंत में “उम्मीद की एक हल्की किरण” दिखाई दी।
उन्होंने यह फैसला उन लोगों को समर्पित किया, जिन्होंने शुरुआत से उनके आरोपों को झूठा और मामला गढ़ा हुआ बताया था। भवना ने उम्मीद जताई कि कोर्ट के फैसले के बाद वे लोग अपने मन से शांति महसूस कर रहे होंगे।

‘पहला आरोपी मेरा निजी ड्राइवर नहीं था’

भवना मेनन ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि पहला आरोपी उनका निजी ड्राइवर नहीं था, जैसा कि मामले के शुरुआती दिनों से लगातार प्रचारित किया जाता रहा। उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति न तो उनका कर्मचारी था और न ही कोई निजी परिचित।
भवना के अनुसार, वह ड्राइवर 2016 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान प्रोडक्शन टीम द्वारा नियुक्त किया गया था और घटना से पहले उन्होंने उसे केवल एक-दो बार ही देखा था।

कुछ आरोपियों की बरी होने पर क्या बोलीं भवना

मामले में कुछ आरोपियों के बरी होने पर भवना ने कहा कि यह फैसला कई लोगों को निराश कर सकता है, लेकिन उन्हें यह अप्रत्याशित नहीं लगा।
उन्होंने बताया कि 2020 के अंत तक उन्हें केस की सुनवाई में ऐसे घटनाक्रम दिखने लगे थे, जिन्हें वह न्यायसंगत नहीं मानती थीं।
भवना ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष को भी इस बात का अहसास था कि जैसे-जैसे कार्यवाही एक खास आरोपी के करीब पहुंची, मामले को देखने का तरीका बदलने लगा।

हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचीं भवना

भवना ने बताया कि उन्होंने कई बार केरल हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। उन्होंने ट्रायल कोर्ट से भरोसा उठने की बात कहते हुए मामले को मौजूदा जज से हटाकर किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की थी।
हालांकि, उनके अनुसार, सभी याचिकाएं खारिज कर दी गईं।

ट्रायल कोर्ट पर भरोसा क्यों टूटा?

अपने बयान में भवना ने विस्तार से बताया कि उनका ट्रायल कोर्ट से भरोसा क्यों उठा। उन्होंने आरोप लगाया कि सुनवाई के दौरान उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा नहीं की गई।
भवना ने उस मेमोरी कार्ड का भी ज़िक्र किया, जिसे इस मामले का सबसे अहम सबूत माना गया था। उन्होंने कहा कि जांच में सामने आया कि यह कार्ड कोर्ट की कस्टडी में रहते हुए तीन बार अवैध रूप से एक्सेस और देखा गया।

सरकारी वकीलों के इस्तीफे का आरोप

भवना ने कहा कि इस मामले में नियुक्त किए गए पहले दो सरकारी वकीलों ने इस्तीफा दे दिया, क्योंकि कोर्ट में अभियोजन के प्रति माहौल उनके अनुसार प्रतिकूल था। उन्होंने दावा किया कि दोनों वकीलों ने निजी तौर पर उनसे कहा था कि उन्हें कोर्ट से न्याय की उम्मीद नहीं दिखती, क्योंकि उन्हें प्रक्रिया में पक्षपात महसूस हुआ।

मेमोरी कार्ड जांच रिपोर्ट को लेकर सवाल

भवना ने यह भी बताया कि उन्होंने मेमोरी कार्ड के कथित अवैध इस्तेमाल की विस्तृत जांच की मांग बार-बार की, लेकिन रिपोर्ट उन्हें नहीं दी गई।
उनके मुताबिक, हाई कोर्ट के निर्देश के बाद ही यह रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई।

जज बदलने की मांग और आरोपी पक्ष की याचिका

भवना ने कहा कि जब वह निष्पक्ष सुनवाई के लिए जज बदलने की मांग कर रही थीं, उसी दौरान आरोपी पक्ष ने उसी जज के साथ ट्रायल जारी रखने की याचिका दाखिल की। उनके अनुसार, इससे उनकी आशंकाएं और गहरी हो गईं।

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और CJI को पत्र

भवना ने अपने बयान में बताया कि उन्होंने अपनी चिंताओं को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश को भी पत्र लिखे थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी यह मांग भी खारिज कर दी गई कि सुनवाई ओपन कोर्ट में हो, ताकि मीडिया और आम लोग सीधे प्रक्रिया देख सकें।

‘अब भी न्यायपालिका में भरोसा है’

अपने बयान के अंत में भवना ने कहा कि वह अब भी मानती हैं कि न्यायपालिका में मजबूत नैतिकता और न्यायबोध वाले जज मौजूद हैं। उन्होंने उन सभी लोगों का आभार जताया, जो इस कठिन कानूनी लड़ाई में उनके साथ खड़े रहे।
भवना ने यह भी कहा कि उन्हें आगे भी आलोचनाओं और हमलों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन वह पीछे नहीं हटेंगी।

मंजू वारियर की प्रतिक्रिया

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अभिनेता दिलीप की पूर्व पत्नी मंजू वारियर ने कहा कि इस अपराध की साजिश रचने वाले लोग जो भी हों अब भी खुलेआम घूम रहे हैं, जो बेहद डरावनी सच्चाई है।
मंजू ने कहा कि अगर पीड़िता को पूरा न्याय मिलना है, तो अपराध की योजना बनाने और उसे अंजाम देने वालों को भी सज़ा मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक केस तक सीमित नहीं है, बल्कि सभी लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा से जुड़ा है, ताकि वे कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर सिर उठाकर चल सकें।


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