केरल के समुद्र में दोहरी जीत, जहाज की आग और रिसाव पर नियंत्रण

केरल में हाल ही में दो जटिल समुद्री हादसों में जहाज में आग पर आंशिक काबू- तेल रिसाव बंद होने से बड़ी राहत मिली है। अच्छी बात यह है कि हालात नियंत्रण में हैं।;

Update: 2025-06-11 09:51 GMT
10 जून, 2025 को केरल तट पर एक कंटेनर विस्फोट के बाद सिंगापुर के झंडे वाले जहाज में लगी आग को बुझाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल का एक जहाज़ आग बुझाने का काम कर रहा है। भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने अठारह चालक दल के सदस्यों को बचाया। फोटो: पीटीआई

केरल तट से सटे दो अलग-अलग समुद्री घटनाओं पर राहत अभियानों ने अहम मोड़ ले लिया है। कंटेनर जहाज WAN HAI 503 में लगी भीषण आग पर आंशिक नियंत्रण पा लिया गया है, वहीं पिछले महीने डूबे MSC ELSA 3 जहाज के प्रमुख तेल रिसाव को सफलतापूर्वक सील कर दिया गया है। भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना और कई बचाव एजेंसियों के साझा प्रयास अब बेहद तकनीकी और संवेदनशील चरण में पहुंच चुके हैं, जहां खराब मौसम, जहरीले माल और पर्यावरणीय खतरों से जूझते हुए ऑपरेशन जारी हैं।

आग बुझाने की कोशिश

10 जून रात 8 बजे तक, भारतीय तटरक्षक बल ने पुष्टि की कि WAN HAI 503 जहाज में लगी आग का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा बुझा लिया गया है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, ICGS समुद्र प्रहरी और सचेत जहाजों ने जहाज के अगले हिस्से में फोम-आधारित अग्निशमन किया, जबकि ICGS समर्थ ने हेलीकॉप्टर की सहायता से बाहरी हिस्सों की कूलिंग यानी ठंडा करने में मदद की।अतिरिक्त सहायता के रूप में INS सूरत, ऑफशोर वारियर, और कई आपात टग बोट्स जैसे वॉटर लिली, सरोजा ब्लेसिंग, गार्नेट और सक्षम मौके पर मौजूद हैं या मार्ग में हैं।

खतरनाक कंटेनर और तेल रिसाव की आशंका

करीब 65 नॉटिकल मील दूर बेपूर के दक्षिण-पश्चिम में बहता यह जहाज अभी भी भारी धुएं के साथ तैर रहा है। जहाज में 1754 कंटेनर हैं, जिनमें से 143 खतरनाक रसायन वाले IMDG-श्रेणी के हैं। इनमें अत्यधिक ज्वलनशील, जहरीले और संक्षारक पदार्थ शामिल हैं।हालांकि अभी तक कोई तेल रिसाव नहीं पाया गया है, लेकिन जहाज में 2,000 टन फ्यूल ऑयल और 240 टन डीजल मौजूद है, जो खतरे की आशंका को बनाए रखता है।

समुद्र में कुछ कंटेनरों के बहने की पुष्टि होने के बाद पांच सहायता पोत इन्हें ढूंढने और वापस लाने में जुटे हैं ताकि नेविगेशन और समुद्री पर्यावरण को नुकसान न हो।

मलबे से जुड़ी चुनौतियां और खोज अभियान

जहाज पर कोई चालक दल अब मौजूद नहीं है। 18 क्रू मेंबर्स को मेंगलुरु लाया गया है, जिनमें से दो अस्पताल में हैं, जबकि चार सदस्य अब भी लापता हैं। उनकी खोज जारी है।सिंगापुर की Maritime Port Authority (MPA) का प्रतिनिधि कोच्चि पहुंचकर भारतीय अधिकारियों के साथ औपचारिक जांच शुरू करेगा।

MSC ELSA 3 पर काम: रिसाव सील, डाइविंग अभियान

केरल के तट से दक्षिण-पश्चिम में डूबे MSC ELSA 3 जहाज पर भी अहम काम हुआ है। जहाज के फ्यूल ऑयल टैंक 22 से हो रहे मुख्य रिसाव को प्लास्टिक और पॉलिएस्टर कपड़े से सील कर दिया गया है। एक अन्य पाइप कैप से हो रहे मामूली रिसाव को भी रोक दिया गया है।अब Main Engine Lube Oil Tank 25 या 26 से हो रही एक नई लीकेज को सील करने की तैयारी चल रही है। 12 गोताखोर शिफ्ट में काम कर रहे हैं और एक और बैच तैयार किया जा रहा है। तेल हटाने की प्रक्रिया केवल विशेष उपकरणों से सैचुरेशन डाइविंग के जरिए शुरू की जा सकेगी, जो अगले 48 घंटे में आने की उम्मीद है।

तटीय सफाई और पर्यावरणीय प्रयास

तटीय इलाकों विशेषकर त्रिवेंद्रम और कन्याकुमारी में Marine Environment Response Centre (MERC) और स्वयंसेवकों की अगुवाई में सफाई अभियान चल रहा है। अब तक MSC ELSA 3 के 56 कंटेनर तट पर लाए जा चुके हैं, और 4 की रिकवरी चल रही है। बीच पर बिखरे नर्डल्स (प्लास्टिक के छोटे कणों) को हटाने के लिए वाटर बाथ और वैक्यूम आधारित रेत-सफाई की ट्रायल प्रक्रिया जारी है, जिसकी निगरानी KSDMA और ITOPF कर रहे हैं।

उच्चस्तरीय समन्वय बैठक

10 जून को हुई उच्चस्तरीय बैठक में बंदरगाह मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना, DGS, MPA सिंगापुर, और बचाव एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसमें अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन टीमों की तैनाती, केमिकल फोम और DCP (ड्राई केमिकल पाउडर) की आपूर्ति में तेजी लाने जैसे मुद्दों पर सहमति बनी।

मॉनसून के बढ़ते दबाव के बीच यह राहत की बात है कि दोनों जहाजों से जुड़े प्रमुख खतरों को फिलहाल काबू में किया गया है। लेकिन यह संकट अब भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, और आने वाले दिनों में हालात फिर से बदल सकते हैं। केरल को इन दो जटिल समुद्री आपदाओं से पार पाने के लिए उच्च स्तर की सतर्कता और समन्वय बनाए रखना होगा।

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