महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की नहीं हुई घोषणा? इलेक्शन कमीशन ने बताई ये वजह

भारतीय चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की. लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तारीखों को लेकर कोई घोषणा नहीं की.

Update: 2024-08-16 13:20 GMT

Maharashtra Assembly Elections: भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की. हालांकि, आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तारीखों को लेकर कोई घोषणा नहीं की, जो पिछली बार हरियाणा में चुनावों के साथ ही हुए थे. इसके लिए चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर चुनावों के लिए मौसम और सुरक्षा आवश्यकताओं सहित कई कारणों का हवाला दिया है.

इसको लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीई) राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा के कारण महाराष्ट्र चुनावों की घोषणा बाद में की जाएगी. कुमार ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में चल रहे मानसून के मौसम के कारण मतदाता सूची को अपडेट करने में देरी हुई है, जो चुनावी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके साथ ही राज्य में वर्तमान में पितृ पक्ष, दिवाली और गणेश चतुर्थी सहित महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम भी मनाए जा रहे हैं, जिसके कारण चुनाव स्थगित करना आवश्यक है.

चुनाव आयोग के प्रमुख ने कहा कि पिछली बार महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे. उस समय जम्मू-कश्मीर कोई मुद्दा नहीं था. लेकिन इस बार इस साल चार चुनाव हैं और इसके तुरंत बाद पांचवां चुनाव है. सुरक्षा बलों की आवश्यकता के आधार पर हमने दो चुनाव एक साथ कराने का फैसला किया है. दूसरा मुद्दा यह है कि महाराष्ट्र में भारी बारिश हुई और कई त्यौहार भी आने वाले हैं.

कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग को विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से छह महीने पहले तक चुनाव कराने का विशेषाधिकार है, जिससे चुनावी कैलेंडर के प्रबंधन में लचीलापन आता है. इसके परिणामस्वरूप मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव बाद की तारीख में होंगे, ताकि सभी आवश्यक तैयारियां कुशलतापूर्वक पूरी की जा सकें.

वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा न करने के चुनाव आयोग के स्पष्टीकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के पूर्व मंत्री और शिवसेना (यूबीटी) खेमे के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार के दुष्प्रचार का भंडाफोड़ किया है. "चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार के दुष्प्रचार की धज्जियां उड़ा दी हैं. इसलिए कई सालों तक भाजपा ने जम्मू-कश्मीर पर शासन किया और कहा कि स्थिति सुधर रही है. लेकिन हम आतंकी हमलों में वृद्धि देख रहे हैं. चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के आम लोगों की सुरक्षा करने में केंद्र सरकार की विफलता को दोहराया है.

पूर्व मंत्री ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा और कहा कि मुझे लगता है कि उनके बॉस अभी भी उन्हें महाराष्ट्र में चुनाव कराने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. भाजपा और मनसे के इस अवैध और असंवैधानिक शासन को जारी रखने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. उनके पास कभी कोई अधिकार नहीं था. राज्य ने उन्हें एक बार खारिज कर दिया है और फिर से खारिज कर देगा. ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग उन्हें अपने ठेकेदारों को हमारे राज्य को लूटने की अनुमति देने के लिए सांस लेने का समय दे रहा है.

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