चुनाव से पहले ही महाविकास अघाड़ी में रार ! मुख्यमंत्री पद के लिए चल रही खींचतान

महाविकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान है. कांग्रेस चुनाव परिणाम के बाद नाम का चयन करने की बात कह रही है तो शिवसेना ( यूटी ) उद्धव ठाकरे या उसकी पार्टी पार्टी से ही किसी का नाम चाहती है

Update: 2024-08-10 01:40 GMT

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. ऐसे में महाविकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी से खींचतान शुरू हो गयी है. डर इस बात का है कि कहीं ये खींचतान इस गठबंधन में को दरार पैदा न कर दे. दरअसल महाविकास अघाड़ी में एक ओर कांग्रेस बगैर किसी मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव लड़ने की बात कह रही है तो वहीँ दूसरी ओर शिव सेना उद्धव ठाकरे की ओर से इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे या फिर उनकी पार्टी से ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया जाना चाहियें. देखना ये है कि क्या इस खींचतान का असर महाविकास अघाड़ी गठबंधन की मजबूती पर पड़ेगा या नहीं?

अगर इस खींचतान की बात करें तो ये लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही शुरू हो गयी थी. जब परिणाम आये और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी ने जबरदस्त जीत हासिल की, उसमें भी कांग्रेस को अपने घटकों एनसीपी ( शरद पवार ) और शिव सेना ( उद्धव ठाकरे ) से ज्यादा सीटें आयीं तो कांग्रेस की तरफ से ये इशारा कर दिया गया कि विधानसभा चुनाव में बड़े भाई की भूमिका में कांग्रेस ही रहेगी.

कांगेस ने कहा चुनाव परिणाम के बाद तय किया जाएगा मुख्यमंत्री का नाम
महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए नाम का चयन चुनाव परिणाम के बाद ही तय किया जाएगा. ये इस बात पर निर्भर करेगा कि आखिर किस पार्टी की कितनी सीटें आती हैं और किस के नाम पर सहमती बनती है. उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस किसी एक चेहरे के नाम पर चुनाव नहीं लड़ती है, मतलब पहले से मुख्य्म्नात्री कौन होगा इसे लेकर चुनाव नहीं लड़ा जाता है. जब परिणाम आ जायेंगे तो विधायक दल अपने नेता का चयन करेगा.
चव्हाण के इस बयान से ही महाराष्ट्र की राजनीती में नयी हलचल पैदा हो गयी है. उनके इस बयान के बाद से कहीं न कहीं महाविकास अघाड़ी गठबंधन में पहले से गाँठ कमजोर नज़र आ रही है.

शिवसेना ( उद्धव गुट ) चाहती है मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ लड़ा जाए चुनाव
शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत का कहना है कि चुनाव मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ लड़ा जाए. उन्होंने कहा कि इससे स्थिति साफ़ रहती है. उन्होंने इशारा किया कि उद्धव ठाकरे या फिर उनकी ही पार्टी से किसी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए होना चाहिए. राउत ने कहा कि देश में मोदी और शाह के जुल्म के खिलाफ जब कोई कुछ नहीं बोल रहा था तो राहुल गाँधी और उद्धव ठाकरे ने ही आवाज उठाई है.

ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की है रणनीति
बेशक अभी अहविकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान नज़र आ रही है लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस गठबंधन में टूट का होना बेहद मुश्किल है. क्योंकि महाविकास अघाड़ी की प्राथमिकता जीत है ताकि प्रदेश की सत्ता में काबिज महायुती को आसानी से बाहर किया जा सके. इसलिए महाविकास अघाड़ी की तरफ से इस रणनीति पर जोर दिया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा सीटें कैसी जीती जाएँ. कांग्रेस हो या उद्धव की शिवसेना या एनसीपी शरद पवार, हर कोई महाराष्ट्र में अलग अलग क्षेत्र में जाकर दौरा कर रहा है और अपनी पार्टी को मजबूत करने में लगा है. कांग्रेस नेता शनिवार से अपना मराठवाड़ा और विदर्भ का दौरा शुरू करेंगे.

20 अगस्त को होगी महाविकास अघाड़ी की बैठक
महाविकास अघाड़ी के वरिष्ठ नेता 20 अगस्त को मुंबई में अहम् बैठक करेंगे, जिसमें राहुल गाँधी के भाग लेने की भी बात कही जा रही है. इस बैठक में बहुत हद तक सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, ताकि कहीं कोई संशय न रहे. इसी बैठक के बाद कांग्रेस महाराष्ट्र में अपने प्रचार की शुरुआत भी करेगी.
वहीँ इससे पहले 16 अगस्त को मुंबई में ही महाविकास अघाड़ी के प्रमुख पदाधिकारी भी बैठक करेंगे. इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, शिवसेना ( यूटी ) के उद्धव ठाकरे और एनसीपी ( शरद पवार ) के शरद पवार भी मौजूद रहेंगे.

ज्ञात रहे कि जब महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार गिरी थी तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे थे. महाविकास अघाड़ी का गठबंधन इसी शर्त पर हुआ था कि शिव सेना के उद्धव ठाकरे ढाई साल और बाद के ढाई साल कांग्रेस का मुख्यमंत्री होगा. लेकिन सरकार बीच में ही गिर गयी और शिव सेना भी टूट गयी. 


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