एमएनएस की रैली पर विवाद, फडणवीस बोले- पहले कानून बाद में रैली
मीरा रोड में मराठी भाषा को लेकर MNS के विरोध मार्च पर रोक और गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र के सीएम ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि विशेष मार्ग से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती थी।;
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) और व्यापारियों के बीच भाषा को लेकर विवाद ने मंगलवार को एक बार फिर तूल पकड़ लिया, जब मीरा रोड इलाके में एमएनएस कार्यकर्ताओं को विरोध मार्च के दौरान भारी संख्या में हिरासत में ले लिया गया।दरअसल, यह विरोध-प्रदर्शन व्यापारियों द्वारा पिछले सप्ताह निकाले गए एक मार्च के जवाब में था। व्यापारियों ने एमएनएस कार्यकर्ताओं द्वारा एक दुकानदार की पिटाई के खिलाफ मार्च निकाला था। उस दुकानदार ने कथित तौर पर मराठी बोलने से इनकार कर दिया था, जिससे एमएनएस कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए थे। इसके बाद एमएनएस ने व्यापारियों के मार्च के जवाब में 'प्रति-विरोध' की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री फडणवीस की सफाई
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किसी को भी मार्च निकालने से मना नहीं किया गया था, लेकिन एमएनएस कार्यकर्ता एक विशेष मार्ग पर ही अड़े थे, जो कानून-व्यवस्था की दृष्टि से उपयुक्त नहीं था। उन्होंने बताया कि मीरा-भायंदर के पुलिस आयुक्त ने उन्हें जानकारी दी थी कि प्रदर्शन के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उपद्रव फैलाने की आशंका थी। इसी कारण से पुलिस ने धारा 144 के तहत पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी।
'मीरा रोड की अनुमति नहीं, भेदभाव क्यों?'
इस विवाद को लेकर एमएनएस की मुंबई इकाई के अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने आरोप लगाया कि पुलिस व्यापारियों को मीरा रोड पर मार्च की अनुमति देती है लेकिन एमएनएस को गोड़बंदर रोड पर भेजना चाहती है। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि पुलिस हमें मीरा रोड में विरोध प्रदर्शन नहीं करने देना चाहती। अब राज्यभर से एमएनएस कार्यकर्ता मीरा रोड पहुंचेंगे और जब तक हमें अनुमति नहीं मिलती, हम पीछे नहीं हटेंगे। बाद में एमएनएस कार्यकर्ताओं से भरी लगभग 12 बसें हिरासत में ली गईं।
हिंदी बनाम मराठी का मुद्दा
एमएनएस का आरोप है कि राज्य की भाजपा सरकार मराठी भाषा की उपेक्षा कर हिंदी को थोपना चाहती है। पार्टी का कहना है कि मराठी में संवाद न करने पर दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करना मराठी अस्मिता की रक्षा के लिए ज़रूरी है। लेकिन हाल के दिनों में इस रुख को लेकर हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं।
मीरा रोड पर विरोध-प्रदर्शन को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। एक ओर सरकार कानून-व्यवस्था का हवाला देकर सीमित मार्गों पर मार्च की अनुमति देने की बात कर रही है, तो दूसरी ओर एमएनएस इसे मराठी अस्मिता और भेदभाव का मुद्दा बना रही है। आने वाले दिनों में यह विवाद और भी गहराने की संभावना है।