मध्य प्रदेश के विवादित IAS संतोष वर्मा पर बड़ी कार्रवाई, कामकाज छीना
MP सरकार ने विवादित बयानों और फर्जी प्रमोशन के आरोपों में IAS संतोष वर्मा से कामकाज छीन लिया है। हाल ही में उन्होंने कई मुद्दों पर विवादित टिप्पणी की थी।
IAS Santosh Verma News: मध्य प्रदेश सरकार ने ‘मर्यादाविहीन’ और विवादित टिप्पणियों से सुर्खियों में आए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी संतोष वर्मा पर बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने एक तरफ उन्हें कृषि विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी पद से हटाकर सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) में बिना विभाग व बिना कार्य के ‘अटैच’ कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें IAS सेवा से बर्खास्त करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेज दिया है।
सरकार का आरोप है कि संतोष वर्मा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में प्रमोशन हासिल किया।
विवाद की जड़
‘ब्राह्मण बेटी दान’ वाले बयान से आक्रोश भड़का। 23 नवंबर को भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान संतोष वर्मा ने कहा था जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान न कर दे तब तक आरक्षण मिलना चाहिए। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और प्रदेशभर में ब्राह्मण समाज के संगठनों में आक्रोश फैल गया। 65 ब्राह्मण संगठन एकजुट होकर प्रदर्शन पर उतर आए और मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन, 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव और कार्रवाई न होने पर प्रदेश बंद का ऐलान किया।
हाईकोर्ट पर टिप्पणी ने बढ़ाई आग
विवाद के बीच संतोष वर्मा का एक दूसरा वीडियो भी सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा “एसटी वर्ग के बच्चों को सिविल जज कोई और नहीं, हाईकोर्ट नहीं बनने देता।इस बयान ने विवाद को और भड़का दिया। सरकार पर दबाव बढ़ा और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तुरंत GAD को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
फर्जी प्रमोशन का आरोप गंभीर
सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार संतोष वर्मा ने जाली और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर IAS प्रमोशन का आदेश तैयार किया। विभिन्न अदालतों में उनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। इंटीग्रिटी सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए भी फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल के आरोप की विभागीय जांच अंतिम चरण में है। सरकार ने उन्हें चार्जशीट जारी करने का निर्णय लिया है। उनके विवादित बयानों पर सरकार ने कहा कि वे सतत मर्यादाविहीन टिप्पणियां कर रहे हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया कि IAS अधिकारियों को सस्पेंड राज्य सरकार कर सकती है, लेकिन बर्खास्तगी का अधिकार केंद्र सरकार के पास होता है, जो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू होता है।
अधिकारी क्या कह रहे हैं?
(एएनआई रिपोर्ट) के अनुसार “MP सरकार ने IAS अधिकारी संतोष वर्मा को एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के डिप्टी सेक्रेटरी पद से हटा दिया है, क्योंकि पाया गया कि वह धोखाधड़ी से IAS बने थे। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इंटीग्रिटी सर्टिफिकेट हासिल करने की जांच आखिरी चरण में है।मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उनके ब्राह्मण बेटियों से संबंधित विवादित बयान पर संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।